अमरावती

राजुरा नाका के पास मृत मिला तेंदूआ

2 तेंदूओ के बीच झडप होने की बात आयी सामने

* बांबू गार्डन में किया गया दाहसंस्कार
अमरावती /दि.18– स्थानीय संगाबा अमरावती विद्यापीठ के पीछे स्थित राजुरा नामा पेट्रोल पंप के समक्ष उत्तर वडाली नियत क्षेत्र वनखंडा क्रमांक 7 में रविवार की सुबह 10.30 बजे 2 तेंदूओं के बीच हुए संघर्ष में एक नर तेंदूए की मौत हो गई. इस घटना की जानकारी मिलते ही वनविभाग के कर्मचारियों ने घटनास्थल का पंचनामा करते हुए मृतक तेंदूए के शव को पोस्टमार्टम हेतु वडाली स्थित वन्यप्राणी प्रथमोपचार केंद्र में भिजवाया. पश्चात पोस्टमार्टम के बाद तेंदूए के शव का वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी के बीच बांबू गार्डन में अंतिम संस्कार कर दिया गया.

जानकारी के मुताबिक कल सुबह 10.30 बजे के आसपास राजुरा नाका पेट्रोल पंप के पास एक तेंदूआ मृत पडा दिखाई देते ही इसकी सूचना वनकर्मचारियों द्वारा उपवन संरक्षक अमितकुमार मिश्रा व सहायक वनसंरक्षक ज्योति पवार को दी गई. जिसके बाद वडाली की आरएफओ वर्षा हरणे तुरंत मौके पर पहुंची. इस समय पाया गया कि, एक नर तेंदूआ मृतावस्था में पडा हुआ है. जिसके शरीर पर दूसरे तेंदूए के नाखूनों के पंजे व निशान है. साथ ही उसकी जिभ उसके दांतों के नीचे दबी हुई थी तथा मूंह से खून निकल रहा था. जिससे यह अनुमान लगाया गया है कि, संभवत: इस तेंदूए का किसी अन्य तेंदूए से टकराव व संघर्ष हुआ और दोनों तेंदूओं के बीच हुई हिंसक झपड में यह तेंदूआ मारा गया. बहरहाल वनविभाग द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है.

* विद्यापीठ के पीछे स्थित जंगल में तेंदूओं की संख्या अच्छी खासी है और इस परिसर में अक्सर ही तेंदूए घुमते दिखाई देते है. जिसके चलते अनुमान है कि, संभवत: इस परिसर में घुम रहे दो तेंदूओं के बीच राजुरा नाका परिसर में झडप हुई होगी. जिसमें एक तेंदूआ मारा गया. हम मामले की जांच कर रहे है.
– ज्योति पवार,
एसीएफ, अमरावती

* एक माह पहले भी सडक हादसे में मारा गया था एक तेंदूआ
विशेष उल्लेखनीय है कि, करीब एक माह पहले ही वडाली से चांदूर रेल्वे की ओर जाने वाले रास्ते पर एसआरपीएफ के पीछे स्थित एकता टेकडी के पास एक तेंदूए की तेज रफ्तार वाहन द्वारा टक्कर मार दिए जाने के चलते मौत हो गई थी. वहीं यह तथ्य भी सामने आया था कि, विगत दो से ढाई वर्ष के दौरान पोहरा व वडाली वनक्षेत्र में रहने वाले लगभग 4 से 5 तेंदूओं की तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से मौत हो चुकी है. ऐसे में इस परिसर में रहने वाले वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जाने लगी थी.

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