
अमरावती/दि. 5- समिपस्थ पोहरा-चिरोडी जंगल क्षेत्र में स्थित कारला गांव में घूसने के साथ ही तेंदूए ने तबेले में बंधी बकरी का भी शिकार किया. जिसके चलते गांववासियों में तेंदूए को लेकर अच्छी-खासी दहशत देखी जा रही है. सौभाग्य से यह घटना रात के समय की रहने के चलते किसी मनुष्य का तेंदूए से सामना नहीं हुआ. जिसके चलते संभावित अनर्थ टल गया.
उल्लेखनीय है कि, भले ही पोहरा बंदी व चिरोडी के जंगल क्षेत्र में विगत लंबे समय से तेंदूए की मौजूदगी है. साथ ही अब तक तेंदूए द्वारा गांव की सीमा पर कई बार तेंदूए द्वारा पालतु मवेशियों का शिकार किया गया है. लेकिन आज तक गांव में तेंदूआ कभी नहीं घुसा. जिसके चलते इस जंगल क्षेत्र के आसपास स्थित गांव के नागरिक तेंदूए को लेकर काफी हद तक बेफिक्र रहा करते थे. लेकिन विगत रविवार 2 मार्च की रात 8 बजे के आसपास चांदुर रेलवे वनपरिक्षेत्र के मालेगांव सर्कल अंतर्गत कारला गांव में पहली बार तेंदूआ गांव के भीतर घुसा और बालकृष्ण विठ्ठल सोनवणे के तबेले में बंधी एक बकरी का शिकार भी कर लिया. इस घटना की जानकारी गांववासियों द्वारा तुरंत ही चांदुर रेलवे वन विभाग को दी गई. जिसके बाद चांदुर रेलवे के वनपरिक्षेत्र अधिकारी भानुदास पवार के मार्गदर्शन में मालेगांव के सर्कल अधिकारी नंदकिशोर ठाकरे, बीट वनसंरक्षक अनिल डोंगरे ने अपने दल के साथ रात के समय ही घटनास्थल पर पहुंचकर मुआयना किया और तेंदूए के फूट प्रिंट को खोजा गया.
* अगली सुबह दुबारा पहुंचा तेंदूआ
पोहरा-चिरोडी के जंगल में पट्टेदार बाघ की भी मौजूदगी है. ऐसे में कहीं बाघ तो इस गांव की ओर और तबेले में नहीं घुसा था, ऐसा संदेह रहने के चलते चांदुर रेलवे वन विभाग द्वारा रविवार की रात ही घटनास्थल पर ट्रैप कैमरा लगाया गया. जिसके जरिए पता चला कि, रविवार की रात बकरी का शिकार करने के बाद सोमवार को तडके 5 बजे वही तेंदूआ एक बार फिर उसी तबेले में दुबारा आया और अपने द्वारा शिकार की गई बकरी का भक्षण करने लगा, यह पूरा दृष्य ट्रैप कैमरे के फूटेज में कैद हुआ है. जिसे देखकर गांववासियों में जबरदस्त दहशत देखी जा रही है.