अमरावती

संत कंवरधाम परिसर में तेंदूए ने किया भैस का शिकार

बिच्छू टेकडी परिसर में कुत्ते के पिल्ले को खा गया

सीसीटीवी फूटेज में लाइव शिकार कैद
अमरावती/दि.9- जंगल से सटे परिसर में पालतू मवेशियों का तेंदूआ लगातार शिकार कर रहा है. यह पिछले सप्ताह भर से मामले सामने आ रहे है. इस दौरान वडाली वनपरिक्षेत्र के वडाली विटखंड क्रमांक 8 के जंगल में स्थित संत कंवरधाम परिसर के एक निजी नाले पर प्रदीप यादव नामक व्यक्ति की भैस पानी पीते समय तेंदूए ने 5 वर्षीय गर्भवती भैस का शिकार कर लिया. इसी तरह तीन दिन पूर्व वेलकम प्वॉईंट के पास कई लोगों ने तेंदूए के दर्शन किए. बिच्छू टेकडी परिसर में अलाव शेकते हुए बैठे युवकों ने तेंदूए को शिकार करते हुए लाइव अपने आंखो से देखा. तेंदूए ने एक कुत्ते के पिल्ले का शिकार कर लिया. यह लाइव घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है.
नाले में भैस पानी पी रही थी. तेंदूए ने जैसी ही भैस पर हमला किया इस दौरान चरवाहे ने उसे देखा. तेंदूए की जैसे ही चरवाहे पर दृष्टि पडी. चरवाह घबराकर वहां से भाग गया. जिससे वह बाल-बाल बच गया. इस घटना की जानकारी मिलते ही वडाली वनपरिक्षेत्र अधिकारी वर्षा हरणे के मार्गदर्शन में वडाली परिक्षेत्र के अधिकारी श्याम देशमुख, बीट वनरक्षक कैलास इंगले, चंद्रकांत चोले मौके पर पहुंचे. इसी तरह विद्यापीठ मार्ग के महाबीज कार्यालय परिसर में बस्ती में कुछ युवक ठंड से बचने के लिए शाम के समय अलाव जलाकर बैठे थे. इस दौरान हाल ही में जन्मे कुत्ते के पिल्ले पर झपट्टा मारकर तेंदूए ने उसका शिकार कर लिया. यह आंखो से देखकर परिसरवासियों ने दहशत का वातावरण निर्माण हुआ है. इस परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में शिकार का लाइव दृश्य कैद हुआ है. इस क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है. तेंदूए को पकडने के लिए पिंजरा भी लगाया गया. परंतु तेंदूए को पकडने में वनविभाग को सफलता नहीं मिल पायी. लगातार तेंदूए का इस क्षेत्र में आवागमन होने के कारण नागरिक दहशत के साये में जी रहे है.

गाय का शिकार किया
अंजनगांव बारी परिसर के भानखेडा, मोगरा, कौंडेश्वर, गोविंदपुर परिसर में तेंदूआ आवागमन करता हुआ कई बार देखने को मिला. मोजे उतखेड में अमय बेंडे के खेत में यहां के किसान राजू ठाकरे व दीपक ठाकरे रात के समय वन्य प्राणियों से बचाव के लिए खेत में रुके थे. गाय खेत के मेढ पर बांधकर रखी थी. किसान हमेशा की तरह खेत में चक्कर काटने गए. इस दौरान आधे घंटे में ही तेंदूए ने गाय का शिकार किया. गाय की आवाज सुनकर दोनो भाई उस ओर दौडकर गए. उस समय दो तेंदूए गाय को खाते हुए दिखाई दिए. ठाकरे बांधव ने गाय को तेंदूए से छूडाने का प्रयास किया. परंतु तेंंदूआ दोनो पर हमला करने की कोशिश करने लगा. तब दोनो जान हथेली पर लेकर खेत के तार के कम्पाउंड से भागते हुए अपनी जान बचाने में सफल रहे. उन कटीले तारों से वे दोनों घायल भी हुए. इससे किसानों में भय का वातावरण निर्माण हुआ है.

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