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भानखेडा मार्ग पर तेंदूए ने किया श्वान का शिकार

संपूर्ण घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद

* नागरिको में दहशत का वातावरण
अमरावती/दि. 24- इन दिनों शहर से सटकर स्थित नागरिको की बस्ती में दिनदहाडे और रात के समय तेंदूए का संचार शुरु रहने से नागरिको में दहशत व्याप्त है. 20 मई को दोपहर 12.50 बजे के दौरान भानखेडा रोड पर दर्गाह से सटकर स्थित हनुमान मंदिर और शिव मंदिर के पास तेंदूआ देखा गया था. अपनी जान बचाकर मंदिर में छिपी दो महिला और दो युवको को राजापेठ पुलिस और वनविभाग के दल ने रेस्क्यू कर सकुशल बाहर निकाल लिया था. इसी घटना के पूर्व देर रात तेंदूआ भानखेडा रोड पर संत कंवरराम धाम परिसर में एक कुत्ते का शिकार करता हुआ सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है. यह दो घटना प्रकाश में आने के बाद भानखेडा मार्ग से गुजरनेवाले राहगीरो में दहशत व्याप्त है.
जानकारी के मुताबिक गत 19 मई की देर रात 1.23 बजे के दौरान भानखेडा मार्ग पर संत कंवरराम धाम परिसर में खडे वाहनों के बीच में बैठे कुत्ते का शिकार कर तेंदूआ भागता हुआ सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है. इस घटना के बाद दूसरे दिन दोपहर 12.50 बजे के दौरान छत्री तालाब से सटकर भानखेडा रोड पर स्थित दर्गाह के पास के हनुमान मंदिर और शिव मंदिर परिसर में एक तेंदूए ने बकरी का शिकार किया था और वह मंदिर की तरफ आ रहा था तब दो महिलाएं शिव मंदिर में घूसकर अपनी जान बचाने में सफल हुई थी. इन दो घटनाओं से नागरिको में दहशत निर्माण हो गई है. वनविभाग के अधिकारियों का कहना है कि, छत्री तालाब और एसआरपीएफ कैम्प परिसर से चांदुर रेलवे के बासलापुर और कोंडेश्वर के गोविंदपुर, भानखेडा व अंजनगांव बारी से जंगल परिसर शुरु होता है. वन्य प्राणियों का यह इलाका है. इस कारण वन्य प्राणियों का इस परिसर में संचार है. वह नागरिको की बस्ती में कुत्ते, सूअर और बकरी का शिकार करने आते है.

* जंगल में 30 से 35 तेंदूए
वनविभाग ने अमरावती मंडल को बताया कि, पोहरा, इंदला, चिरोडी के जंगल में करीबन 30 से 35 तेंदूए है. इसके अलावा यहां हिरण, मोर, बंदर, नीलगाय और जंगली सूअरो की भी संख्या अधिक है. तेंदूओ को जंगल में ही अपनी खुराक मिल जाती है. साथ ही इस वर्ष इस जंगल में पानी भी भरपूर है. इंदला, पोहरा, वडाली, छत्री तालाब, बंदरजीरा, भिवापुरकर, मालखेड आदि नैसर्गिक तालाब सहित चिरोडी सहित घने जंगल में 7 से 10 कृत्रिम तालाब भी है. वन्य प्राणियों को यहां पर पानी भरपूर मिल रहा. बेमौसम बारिश के कारण भी तालाब भरे पडे है. लेकिन तेंदूए की सबसे प्रिय खुराक कुत्ते और सूअर के साथ बकरिया रहने से वे नागरिको की बस्ती की तरफ आ रहे है.

* नियमित गश्त जारी
वनविभाग का दल वडाली और छत्री तालाब मार्ग पर नियमित गश्त लगा रहा है. जगह-जगह नागरिको को सतर्क रहनेबाबत फलक भी लगाए गए है. तेंदूआ बेवजह किसी मनुष्य पर हमला नहीं करता. जंगल क्षेत्र रहने से उसका संचार तो रहेगा ही. वह अपने शिकार के लिए शहर की तरफ आता है. उससे किसी को नुकसान नहीं है. फिर भी नागरिको ने सतर्क रहना चाहिए. वनविभाग भी अपना काम कर रहा है.
– अमोल गावनेर
वनपाल, रेस्क्यू दल, अमरावती.
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