अमरावती

मेलघाट के जंगल में पाई गई तेंदुआ छिपकली

वन्यजीव रक्षकों ने दी जानकारी

अमरावती/दि.31-सतपुडा व्याघ्र प्रकल्प समृद्ध मध्य भारतीय वन परिसंस्था का एक हिस्सा है. इसलिए यह प्रकल्प जैवविविधता से समृद्ध है. वाइल्डलाइफ अवेअरनेस रिसर्च एन्ड रेस्क्यू वेलफेअर सोसाइटी अमरावती के (वॉर) अभिजीत दाणी, प्रतीक माहुरे को गुरुवार को पोपटखेड से धारणी मार्ग पर तेंदुआ छिपकली दिखाई दी.
सतपुडा राष्ट्रीय उद्यान, तथा इसके आसपास का परिसर बफर-जोन क्षेत्र सहित विविध वन्यजीव बडी संख्या में पाए जाते है. जो अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में कभी-कभार ही दिखाई देते है. मेलघाट में वन्यजीवन सुरक्षा का बडा इतिहास है. जो फिलहाल अस्तित्व में रहने वाले वन्यजीव प्रजाति की सूची से स्पष्ट होता है. सतपुडा राष्ट्रीय उद्यान में सस्तन प्राणियों की 50 प्रजाती, पंछियों की 254 प्रजाति, अन्य विविध प्राणियों की कई प्रजातियां पाई जाती है. हाल ही में वन्यजीव प्रेमियों को सतपुडा पर्वत श्रृंखला में तेंदुआ छिपकली दिखाई दी. सतपुडा आयलीड गेको यह उसका अंगेजी में नाम है तथा इयुब्लेफॅरिस सतापुराएन्सीस यह उसका शास्त्रीय नाम है. भारत में दिखाई देने वाली और आकार से बडी यह एक छिपकली की प्रजाति है.
* मेलघाट के जंगल में जमीन पर रेंगने वाले कई प्राणी है. सतपुडा तेंदुआ छिपकली अधिकांश रुप से जंगल में दिखाई देती है. घर में दिखाई देने वाली छिपकली जैसी यह छिपकली नहीं होती. इसके पहले कुछ वन्यजीव फोटोग्राफरर्स ने इस छिपकली की फोटो मीडिया पर प्रकाशित करने की जानकारी है.
– डॉ.जयंत वडतकर, मानद वन्यजीव रक्षक
* बारिश के दिनों में कई पर्यटनप्रेमी मेलघाट में वाहन से सफर करते है. इस दौरान उन्होंने अपने वाहन संभालकर चलाना चाहिए. जिससे यदि कोई रेंगनेवाला जीव उनके वाहन के नीचे आए तो उसकी जान न जाएं.
– नीलेश कंचनपुरे, वॉर संस्था
* आक्रामक शिकारी
तेंदुआ छिपकली के शरीर पर तेंदुए जैसे निशान और रंग देखने मिलता है. इस निशाचर छिपकली का शास्त्रीय नाम सातपुडा आयलीड जेस्को है. इस छिपकली की पूंछ मोटी होती है. बिच्छू, छोटी छिपकली, छोटा चूहा यह इस आक्रामक शिकारी का भक्षक है.

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