अमरावती

कैद होने के बाद पिंजरे से भागा तेंदुआ

गोलाई गांव में पिछले आठ दिनों से मचा रखा था आतंक

धारणी/ दि.15– धारणी तहसील के टायगर प्रोजेक्ट स्थित गोलाई गांव के जंगल में बीते आठ दिनों में 6 मवेशियों का शिकार करने वाले तेंदुए ने उस क्षेत्र में आतंक मचा रखा था. उसे पकडने के लिए वन विभाग ने पिंजरा लगाया था, मगर पिंजरे में फंसने के बाद तेंदुआ पिंजरे से भागने में सफल रहा. तेंदुए ने पिजरे की सलाखे मोड डाली. इतना मजबूत लोहे का पिंजरा भी उस तेंदुए के सामने नहीं टीक पाया. पिंजरा कहा से खरीदा था, खरीदी में कही हेराफेरी तो नहीं की गई, ऐसा भी संदेह किया जा रहा है.
मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट के अकोट वन्यजीव विभाग के तहत धुलघाट वनपरिक्षेत्र में आने वाले गोलाई, रानीगांव, कंजोली, सिनबन, व मोथाखेडा इन गांवों में तेंदुए की खतरनाक दहशत फैली हुई है. पिछले आठ दिनों में उस तेंदुए ने किसानों की गाय, पालतू कुत्ते व अन्य मवेशियों का शिकार किया. लगातार शिकार मिलने पर टायगर प्रोजेक्ट के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उस आतंकी तेंदुए को पकडने के लिए लोहे का पिंजरा लगाया गया. तय प्लान के अनुसार तेंदुआ उस पिंजरे में कैद भी हो गया था, लेकिन लोहे के पिंजरे को तेंदुए ने तोडकर उससे भागने में सफलता हासिल की. इस बात से यह स्पष्ट हो रहा है कि, पिंजरा कितना मजबूत था. आदमखोर बनने के मार्ग पर पहुंच चुके इस तेंदुए को कैद करना बहुत जरुरी है. उस तेंदुए के कारण गोलाई गांव के आदिवासियों में खौप का वातावरण बना हुआ है. इस बारे में गांववासियों की ओर से धोंडिबा मुंडे ने राज्य के वनमंत्री से उस पिंजरे की जांच करने की मांग की है. दूसरी तरफ वनअधिकारी, कर्मचारी पिंजरा तोडकर भागाने वाले उस तेंदुए को फिर से पकडने का प्रयास कर रहे है. साथ ही उस क्षेत्र के गांववासियों को सावधान रहने का आह्वान भी वन विभाग के अधिकारियों व्दारा किया गया है.

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