अमरावती

विद्यापीठ परिसर में खुलेआम घुम रहा तेंदुआ

दीवार पर ठिय्या लगाये बैठा दिखा, मोबाईल कैमेरे में हुआ कैद

  • वन परिसर से आवागमन हुआ खतरनाक, बडी घटना की आशंका

अमरावती प्रतिनिधि/दि.८ – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ परिसर में एक तेंदुआ खुलेआम घुम रहा है और सोमवार की सुबह ११ बजे यह तेंदुआ विद्यापीठ कैम्पस की एक दीवार पर बैठा दिखाई दिया. जिसकी मोबाईल कैमेरे के जरिये शूटिंग की गई. उल्लेखनीय है कि, इन दिनों विद्यापीठ परिसर में भीडभाड बेहद कम है. जिसकी वजह से नर व मादा तेंदुए का जोडा अपने दो शावकों के साथ विद्यापीठ परिसर में मुक्त संचार कर रहा है. बता दें कि, विगत दो से तीन वर्षों से विद्यापीठ में नर व मादा तेंदुए का जोडा रह रहा है. जिनके साथ उनके दो शावक भी है और इन चारों श्वापदों को विद्यापीठ के सुरक्षा रक्षकों ने अनेकों बार देखा है. हालांकि अब तक विद्यापीठ में इन तेंदुओं ने कभी किसी इंसान पर हमला नहीं किया है, लेकिन लडकियों के छात्रावास परिसर और मार्डी रोड के आसपास स्थित रिहायशी इलाकों में कुत्तों की संख्या जरूर कम कर दी गई है. विद्यापीठ कैम्पस में तेंदुओं की उपस्थिति के मद्देनजर तालाब परिसर, शारीरिक शिक्षा विभाग, जलतरण, क्रीकेट मैदान व रसायनशास्त्र विभाग जैसे पूर्वी हिस्से में रहनेवाले सभी विभागों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये है. इसके साथ ही विगत दिनों कैम्पस के प्रमुख हिस्सों में तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखने हेतु ट्रैप कैमेरे भी लगाये गये थे. इसके अलावा कुलगुरू बंगला परिसर में इन तेंदुओं का लगातार संचार देखते हुए इस परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा लगायी गयी थी. विगत सोमवार को विद्यापीठ कैम्पस की एक दीवार पर करीब २० मिनट तक तेंदुआ बैठा हुआ था. जिसे देखकर सुरक्षा रक्षकों में हडकंप मच गया. इस समय विद्यापीठ के पदव्युत्तर शिक्षा विभाग में भीडभाड नहीं है. जिसकी वजह से शारीरिक शिक्षा विभाग, रसायनशास्त्र विभाग व क्रीकेट ग्राउंड परिसर में तेंदुए ने अपना ठिय्या बना लिया है. जहां पर सुरक्षा रक्षकों को अनेकों बार यह तेंदुआ दिखाई दिखा है.

  • नाले के मार्ग से आना-जाना

विद्यापीठ परिसर में तेंदुआ है, यह अब सर्वज्ञात बात है. पास ही स्थित जंगल से यह तेंदुए तालाब परिसर से होते हुए विद्यापीठ में आते है और कुलगुरू बंगले के पीछे स्थित नाले से विद्यापीठ कैम्पस में आना-जाना करते है. इस परिसर में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा रक्षकों की जान के लिए भी खतरा है. एक सुरक्षा रक्षक ने बताया कि, विद्यापीठ परिसर में स्थित झाडियों में ये तेंदुए छिपकर बैठे रहते है, जो एकदम से दिखाई नहीं देते. ऐसे में यहां कभी किसी अनहोनी से इन्कार नहीं किया जा सकता.

वनपाल व वनरक्षकों को विद्यापीठ परिसर में तेंदुआ रहने की संभावनावाले स्थानों पर निरीक्षण के लिए बुधवार को भेजा गया. विद्यापीठ में तेंदुए का संचार है, यह हमे पता है. वे जंगल परिसर से विद्यापीठ कैम्पस में आते है. इन तेंदुओं की हलचलों पर नजर रखने के लिए कैम्पस के प्रमुख स्थानों पर ट्रैप कैमेरे लगाये जायेंगे. – कैलाश भुंबर वन परिक्षेत्र अधिकारी, वडाली

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