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विएमवि के पीछे फिर दिखा तेंदूआ

एक युवक पर हमला कर किया घायल

* वन विभाग के दल पर भी बोला धावा
* पूरे परिसर में अच्छा खासा हडकंप
* तीन-चार घंटों तक बनी रही दहशत
* एक इलाके से दूसरे इलाके तक तेंदूए की दौडभाग
* तेंदूए को पकडने वन विभाग की अच्छी खासी मशक्कत
* परिसर में लगा हजारों तमाशबीनों का हुजूम
अमरावती/दि.25 – स्थानीय विदर्भ महाविद्यालय के पीछे पाठ्यपुस्तक मंडल परिसर स्थित इलाकों में आज दोपहर एक बार फिर तेंदूआ दिखाई दिया. जिसके चलते पूरे परिसर में भय और दहशत के साथ ही हडकंप व्याप्त हो गया. इस इलाके में इधर से उधर भागते तेंदूए को देखते हुए लोगों में अपनी जान बचाने को लेकर भागमभाग वाली स्थिति दिखाई दी. वहीं सूचना मिलते ही वन विभाग का दल तुरंत ही मौके पर पहुंचा तथा मणिपुर लेआउट नामक परिसर में तेंदूए को पकडने के लिए जाल बिछाते हुए तमाम जरुरी तैयारी करनी शुरु की. इस समय तक पूरे परिसर में तेंदूए को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड जमा हो गई थी. भीड द्वारा किए जा रहे शोर-शराबे की वजह से तेंदूआ काफी हद तक बौराया दिखाई दे रहा था और लोगों की दहशत के मारे इधर से उधर भाग रहा था. जिसके चलते उसे पकडने में वन विभाग को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड रही थी. इस बीच इस तेंदूए ने अपनी तलाश में निकले वन विभाग के पथक पर धावा बोलने के साथ ही एक गली में छिपकर खडे लोगों पर पीछे से हमला किया. जिसमें एक 24 वर्षीय युवक बुरी तरह से घायल हुआ है. साथ ही उनकी जान बचाने के चक्कर में प्रवीण राणे नामक युवक को भी हल्की फुल्की खरोचे आयी है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह 10 बजे कुछ लोगों को विएमवि कॉलेज की पिछली दीवार से सटे मणिपुर लेआउट के पांच मंदिर परिसर में तेंदूआ रास्ता पार करता दिखाई दिया. जिसे देखते ही पूरे परिसर में तेंदूए को लेकर अच्छी खासी दहशत व्याप्त हो गई और भागमभाग वाली स्थिति बन गई. इसी परिसर के पीेछे सरस्वती नगर नामक इलाका है और दोनों परिसरों के बीच खाली पडी जगह पर कुछ घरों का काम चल रहा है. साथ ही इस परिसर में खाली जमीन पर काफी झाडियां उगी हुई है. ऐसे में तेंदूआ एक तरह से लुका छीपी का खेल खेलने लगा तथा इसी परिसर में स्थित झोपडी में बने जानवरों के तबेले में जा घुसा. जहां पर कुछ बछडे बंधे हुए थे. इस समय जैसे ही उक्त झोपडी में रहने वाली महिला बछडों को खाना देने आयी, तो उसे बछडों के पास तेंदूआ बैठा दिखाई दिया. जिसे देखते ही वह घबराकर चिखती-चिल्लाती वहां से भागी और महिला का पति लाठी लेकर तबेले की ओर आया. इस समय तक शोरगुल सुनकर तेंदूआ वहां से भाग निकला था और परिसर में इधर से उधर घुमने लगा था. तब तक पूरे परिसर में तेंदूआ रहने की खबर आग की तरह फैल गई थी और लोगबाग अलग-अलग स्थानों पर जमघट लगाकर तेंदूआ देखने के लिए खडे थे. इसी के तहत एक गली में तीन-चार लोग तेंदूआ देखने के लिए छिपकर खडे थे. जिन पर तेंदूए भी पीछे से आकर हमला किया. इस हमले में एक युवक के कमर और पांव पर तेंदूए ने अपने पंजों व दांतों से गहरा घाव किया. जिसे प्रवीण राणे नामक युवक ने अपनी जान का जोखिम उठाते हुए जैसे-तैसे बचाया. जिसके बाद तेंदूआ वहां से भी भाग निकला.
इस समय तक जहां एक ओर वन विभाग के दल ने तेंदूए को पकडने के लिए अपनी ओर से तमाम तैयारियां करनी शुरु कर दी थी. वहीं दूसरी ओर परिसर में भीडभाड को नियंत्रित रखने हेतु गाडगे नगर पुलिस ने बंदोबस्त लगाना शुरु कर दिया था. इसी समय एक खुले मैदान में झाडियों के बीच से होकर गुजर रहे वन विभाग के वाहन पर तेंदूए ने अचानक ही झाडियों से निकलकर हमला करने का प्रयास किया और दोबारा झाडियों में गुम हो गया. इसके बाद उक्त तेंदूआ इस परिसर से निकलकर विलास नगर की ओर भागता दिखाई दिया. जिसके पीछे-पीछे वन विभाग का दल भी अपने जाल व पिंजरे लेकर रवाना हुआ.

* 20 दिन से परिसर में तेंदूए की दहशत
बता दें कि, पाठ्यपुस्तक मंडल से सटे परिसर में विगत 4 अक्तूबर को पहली बार तेंदूआ दिखाई दिया था तथा तब से इस तेंदूए ने पाठ्यपुस्तक मंडल परिसर की झाडियों में अपना अधिवास बना रखा था. यह तेंदूआ दिन के समय झाडियों में छिपा रहता और रात के समय शिकार करने हेतु बाहर सडकों पर आवारा घुमने वाले कुत्तों की तलाश में बाहर निकलता था. इस दौरान यह तेंदूआ इस परिसर में कई बार लोगों को दिखाई दिया. साथ ही पाठ्यपुस्तक मंडल कार्यालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में भी कैद हुआ. लेकिन इसके बावजूद विगत 20 दिनों के दौरान वन विभाग इस तेंदूए को पकडने में कामयाब नहीं हो पाया. वहीं आज सुबह से भी वन विभाग को इस तेंदूए को पकडने में अच्छी खासी मशक्कत का सामना करना पडा.

* साधनों के अभाव से जुझता दिखा वन विभाग का दल
जिस समय आज सुबह मणिपुर लेआउट परिसर से लेकर सरस्वती नगर के बीच इस तेंदूए को लेकर अच्छी खासी दहशत व्याप्त थी और तेंदूए को देखने के लिए हजारों नागरिकों की भीड परिसर में उमडी हुई थी. तब वन विभाग का दल तेंदूए को अपने जाल में फंसाने हेतु साधनों के अभाव से जुझता दिखाई दिया. तेंदूआ पकडने के लिए आवश्यक साधन सामग्री नहीं रहने के चलते वन विभाग केवल तेंदूए की खोजबीन और पीछा करने का काम कर रहा था तथा तमाम प्रयासों के बावजूद तेंदूए को पकडने में नाकाम था. हास्सास्पद स्थिति तो तब बनी, जब तेंदूए के लिए लगाए गए जाल में एक सुअर आकर फंस गया. ऐसे में तेंदूए को देखकर शोर शराबा करने वाली भीड द्वारा वन विभाग के भी जमकर मजे लिए जा रहे थे.

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