अमरावतीविदर्भ

छत्री तालाब रोड पर तेंदूए के दर्शन

करीब ५० मीटर तक रास्ते पर दौडता रहा

  • वन विभाग इस खबर से बेखबर

अमरावती/दि.३० – छत्री तालाब से कुछ दूरी पर पहाडी और जंगली इलाखा है. वहां कई बार वन्य प्राणियों को देखा गया. मगर तेंदूए का आवागमन इस परिसर में होने से खतरा बढ चुका है. छत्री तालाब से कुछ ही दूरी पर घनी आबादी वाला इलाका शुरु हो जाता है. ऐसे में बीते सोमवार की देर रात छत्री तालाब रोड पर तेंदूए के दर्शन हुए. वहां से गुजरने वालों की तेंदूए को देखते ही घिग्घी बंध गई. ५० मीटर दूर तक रोड पर भागते रहा. इसके बाद जंगल में जा घुसा फिर भी इस खबर से वन विभाग बेखबर है.
बता दे कि छत्री तालाब के समीप स्थित वन क्षेत्र है. वहां पर कई छोटे बडे प्रजातियों के वन्य प्राणी निवास करते हैं. उन वन्य प्राणियों पर छोटे-बडे तस्करों की नजर रहती हैं. जंगली क्षेत्र काफी लंबा होने के कारण कई बार छत्री तालाब पर पानी पिने के लिए तेंदूए को इस क्षेत्र में आता हुआ देखा गया है. वन क्षेत्र में इधर से उधर जाने के लिए वन्य प्राणी इसी रास्ते को पार करते है. बीते सोमवार की रात एक कार चालक उस मार्ग से गुजर रहा था तभी तेेंदूआ सडक के किनारे पहुंचा. वाहन को देखने के बाद भी तेंदूआ बगैर किसी घबराहट के सीधे सडक पर चल रहा था. ३-४ मीनट तक रास्ते पर टहलते रहा. यह देखकर कार में बैठे लोगों के होश ही उड गए. इसी समय कार में बैठे एक व्यक्ति ने यह सारा नजारा अपने मोबाइल में कैद किया. तेंदूआ जंगल की ओर जाने का रास्ता ढूंढते हुए काफी समय रास्ते पर दौडता रहा. इससे यह बात स्पष्ट हो गई कि छत्री तालाब से सटे जंगल में तेंदूआ रहता है. इससे पहले भी इसी मार्ग पर कई बार लोगों को तेंदूआ दिखाई दिया है फिर भी वन विभाग बेखबर है.

सुबह टहलने वालों के लिए खतरनाक

छत्री तालाब के मार्ग के दोनों ओर घनी हरियाली है. सुबह और शाम के वक्त यहां काफी ठंड महसूस होती है. इस वजह से तडके चार बजे से ही साइकिलिंग और मॉर्निंग वॉक के लिए निकल पडते है. जबकि अंधेरे में वॉक करने वालों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इस बारे में लोगों को कई बार सूचनाएं भी दी गई, लेकिन लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे.

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