अमरावतीमुख्य समाचार

मेहरबाबा कालोनी में तेंदुए का ‘थरार’

पहली बार आकर की रेकी, शिकार को ‘टीपा’

* दूसरी बार शिकार करने पहुंचा, दो कुत्तों ने उलटे पांव भगाया
* पूरा ‘सीन’ सीसीटीवी कैमरे में हुआ कैद
* मेहरबाबा कालोनी सहित पूरे वडाली परिसर में भय व दहशत का आलम
अमरावती/दि.2- विगत अनेक दिनों से शहर के बाहरी छोर पर स्थित रिहायशी बस्तियों, विशेषकर विद्यापीठ परिसर के आसपास स्थित कालोनियों में तेंदुए की आवाजाही को लेकर शिकायतें सामने आ रही है. जिसके तहत अब तक कई लोगों ने अपनी आंखों से तेंदुए को देखने का दावा किया था. लेकिन अब तक इस परिसर में तेंदुए का मुक्त संचार रहने को लेकर कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है. परंतु अब वडाली परिसर स्थित मेहरबाबा कालोनी के एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में एक ऐसा नजारा कैद हुआ है, जिससे इस परिसर में तेंदुआ रहने की बात मुकम्मल तौर पर साबित हो गई है. साथ ही इस फूटेज के सामने आने के चलते यह भी स्पष्ट हो गया है कि, यदि वनविभाग द्वारा इस परिसर में घुम रहे तेंदुए का जल्द से जल्द कोई बंदोबस्त नहीं किया जाता, तो यहां पर कभी भी कोई बडी अनहोनी घटित हो सकती है. ऐसे में मेहरबाबा कालोनी सहित वडाली से लेकर विद्यापीठ के पास स्थित सभी रिहायशी इलाकों में अच्छा-खासे हडकंप व दहशत का माहौल है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा दीवार के पास ही स्थित मेहरबाबा कालोनी में प्रदीप चांदणे नामक व्यक्ति का घर है. जिनके यहां दो कुत्ते भी पालकर रखे गये है और घर के सामने मुख्य प्रवेश द्वार की ओर सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमेरा लगाया गया है. बीती रात चांदणे के घर में पाले गये दोनों कुत्ते अचानक ही जोर-जोर से भौंकने लगे और जब काफी देर तक उनका भौंकना बंद नहीं हुआ, तो चांदणे परिवार के सदस्य नींद से जागे और उन्होंने घर की बत्तियां जलाने के साथ ही घर से बाहर निकलकर देखा, तो दोनों कुत्ते काफी हद तक बदहवास दिखाई दिये. इसके अलावा बाहर सबकुछ ठीकठाक और सामान्य ही था. ऐसे में क्या हुआ था, यह जानने के लिए प्रदीप चांदणे और उनके परिजनों ने सीसीटीवी कैमरे के फूटेज को देखा, तो सभी की आंखे फटी की फटी रह गई, क्योंकि उस सीसीटीवी फूटेज में साफ तौर पर एक तेंदुआ दो बार उनके घर की वाल कंपाउंड को पार करते हुए भीतर आता दिखाई दे रहा था. इस सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे दृश्य के मुताबिक बीती रात 2 बजे के आसपास विद्यापीठ परिसर की सुरक्षा दीवार को पार करते हुए एक तेंदुआ चांदणे के घर के पास आया और घर की वाल कंपाउंड पर चढकर उसने दोनों कुत्तों को अपने शिकार के तौर पर ‘टीप’ लिया. जिसके बाद वह दबे पांव के साथ वाल कंपाउंड से आंगन की ओर उतरा और एक कुत्ते पर हमला करने की तैयारी की, लेकिन इसी समय आंगन में मौजूद दूसरे कुत्ते ने इस तेंदुए पर धावा बोला. अकस्मात हुए इस हमले से तेंदुआ हडबडा गया और खुद को बचाने हेतु वाल कंपाउंड से छलांग लगाकर विद्यापीठ की ओर भाग निकला. लेकिन इसके कुछ देर बाद विद्यापीठ की सुरक्षा दीवार पर खडे रहकर तेंदुए ने एक बार फिर चांदणे के घर की ओर नजर गडाई और वह अपने शिकार की टोह लेने लगा. लेकिन इस समय घर के वाल कंपाउंड के भीतर मौजूद दोनों ही कुत्ते मेन गेट के पास खडे रहकर तेंदुए की ओर देखते हुए लगातार भौंक रहे थे. इसी दौरान चांदणे परिवार के सदस्य जाग गये और घर की बत्तियां जल उठी. जिसके चलते तेंदुआ वहां से भाग निकला. पश्चात शुक्रवार की सुबह प्रदीप चांदणे ने इस पूरे मामले की जानकारी वन विभाग को देते हुए उन्हें सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया.
इस घटना की जानकारी गत रोज पूरे परिसर में आग की तरह फैली और परिसर में तेंदुआ रहने की बात पुख्ता तौर पर सामने आते ही हर कोई घबरा गया. ऐसे में अब परिसरवासियों द्वारा वन विभाग से मांग की जा रही है कि, इस तेंदुए को जल्द से जल्द पकडा जाये और रिहायशी बस्ती से दूर किसी घने जंगल में ले जाकर छोडा जाये, ताकि यहां पर इस तेंदुए की वजह से कोई अनहोनी घटित न हो.

* एक माह से आ रहा है तेंदुआ
इस बारे में जानकारी देते हुए मेहरबाबा कालोनी निवासी प्रदीप चांदणे ने बताया कि, उनके घर के आसपास विगत एक माह से तेंदुआ आ रहा है. जिसके बारे में उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी थी. लेकिन वनविभाग के अधिकारियों ने हमें इससे संबंधित सबूत मांगे थे. हालांकि मेहरबाबा कालोनी परिसर में कुछ स्थानों पर तेंदुए के फूट प्रिंट भी बरामद हुए थे. लेकिन अब तो सीसीटीवी फुटेज के जरिये पूरा मामला ही सामने आ गया है.

* तत्काल ट्रैप कैमेरे व पिंजरे लगाये जायेंगे
वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए वडाली की वन परिक्षेत्र अधिकारी वर्षा हरणे द्वारा बताया गया कि, वन विभाग की ओर से सभी आवश्यक उपाय किये जा रहे है. चांदणे के घर में तेंदुआ आने की स्पष्ट जानकारी मिलने के बाद अब इस क्षेत्र में तुरंत ही ट्रैप कैमेरा लगाया जायेगा और वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से पिंजरा लगाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इसके साथ ही चूंकि इस परिसर के साथ विद्यापीठ के पीछे स्थित वन्य क्षेत्र जुडा हुआ है. ऐसे में स्थानीय नागरिकों को भी पूरी तरह से सावधान व सतर्क रहना चाहिए.

* शेर व बाघ से अधिक खतरनाक हो सकता है तेंदुआ
वन्यजीव विभाग से संबंधित एक सूत्र के मुताबिक तेंदुए को शेर व बाघ से अधिक खतरनाक माना जा सकता है, क्योंकि शेर व बाघ अमूमन घने जंगलों में रहते है और वन्यजीवोें का ही शिकार करते है. लेकिन तेंदुआ जंगलों के साथ-साथ झाडी व झुरमूट में रहनेवाला प्राणी है, जो जंगल से बाहर आकर इंसानी बस्तियों में रहनेवाले कुत्ते, सूअर, भेड व बकरी आदि जानवरों का भी शिकार करता है. साथ ही सडक के किनारे रहनेवाली झाडियों में भी छिपकर बैठा रह सकता है. ऐसे में यदि उसके आसपास से कोई व्यक्ति गुजरता है, तो उस पर भी तेंदुए द्वारा हमला किये जाने की पूरी संभावना होती है. इन तमाम बातों के मद्देनजर कहा जा सकता है कि, विद्यापीठ परिसर के आसपास विगत कई दिनों से मुक्त विचरण कर रहे तेंदुए के परिवार की वजह से किसी दिन कोई बहुत बडी अनहोनी घटना घटित हो सकती है. उल्लेखनीय है कि, विद्यापीठ परिसर के पास ही स्थित वनक्षेत्र में एक मादा तेंदुए सहित उसके दो से तीन शावक रहने की बात इससे पहले भी सामने आ चुकी है, लेकिन अब तक वनविभाग द्वारा इस तेंदुआ परिवार का बंदोबस्त करने हेतु कोई कदम नहीं उठाये गये है. जिसके चलते परिसरवासियों में वन विभाग को लेकर तीव्र रोष व संताप व्याप्त है.

Related Articles

Back to top button