* डर के मारे जनता कॉलेज परिसर के दो परिवार ने घर छोडा
अमरावती/ दि.14 – पीडीएमसी के पास जनता कृषि महाविद्यालय परिसर में तेंदूए का आवागमण शुरु रहने के कारण डर के मारे दो परिवारों ने अपना घर छोडकर दूसरी जगह रहने लगे है. परिसर में छोटे बच्चों को खेलना बंद हो गया. वहीं सोमवार की सुबह तेंदूए ने एसआरपीएफ वसाहत परिसर में एक हिरण का शिकार कर लिया. मंगलधाम कॉलोनी परिसर के नागरिकों ने सुबह के वक्त तेंदूए को देखा. वहां के नागरिकों में भी डर का वातावरण बना हुआ है.
पंचवटी चौक से कुछ दूरी पर स्थित जनता कृषि महाविद्यालय परिसर में पिछले 15 दिनों से तेंदूआ दिखाई दे रहा है. यहां के नागरिक दहशत में जी रहे है. महाविद्यालय परिसर में रहने वाले वाटाणे व देशमुख परिवार ने वहां का क्वार्टर छोड दिया और दूसरी जगह रहने चले गए. परंतु फिलहाल 10 परिवार वहीं पर है. रोजाना तेंदूआ दिखाई देने के कारण परिसर में रहने वाले नागरिक बडे साहस के साथ रहकर सभी काम दोपहर के समय ही कर लेना पडता है. दिनभर घर का मुख्य दरवाजा व पीछे का दरवाजा बंद रख रहे है. शाम के वक्त को परिसर के नागरिक बंद खिडकी की जाली से बाहर देखते है.
रविवार को शाम के 6 बजे तेंदूआ वन विभाग ने रखे पिंजरे के बाद कुछ देर बैठा, परंतु पिंजरे में किसी तरह का खाद्य नहीं होने के कारण वह निकल गया. सोमवार की सुबह एसआरपीएफ कैम्प परिसर में तेंदूए ने हिरण का शिकार किया. इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी वहां पहुंचे. मुआयना करने के बाद दस्तुर नगर के पिछले भाग के मंगलधाम कॉलोनी के कुछ नागरिकों ने तेंदूए को देखा. उन्होंने तत्काल वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी. इस वजह से वन विभाग के अधिकारियों ने जनता कॉलेज समेत एसआरपीएफ मंगलधाम कॉलोनी परिसर में गश्त बढा दी है.
सुअर व कुत्तों की संख्या हुई कम
क्वार्टर परिसर में 25 से 30 देशी सुअरों का झूंड था और 15 से ज्यादा कुत्ते रहते थे. परंतु 15-20 दिनों से परिसर में एक भी सुअर नहीं दिखाई दिये, केवल दो कुत्ते ही परिसर में दिखाई दे रहे है. इस वजह से बाकी कुत्ते और सुअर तेंदूए ने चट कर लिये क्या? ऐसा प्रश्न निर्माण हुआ है. परिसरवासियों ने सुबह के समय घुमना बंद कर दिया है.
पुराने बायपास के पास अधिकारियों के बंगले
पुराना बायपास के एक ओर जनता कॉलेज का पिछला भाग है और दूसरी ओर जिलाधिकारी, विभागीय आयुक्त, पालकमंत्री का निवास स्थान है. इस वसाहत के सामने वाहनों का आवागमण रहने के कारण डर न हीं परंतु पीछे के क्षेत्र में जंगली भाग होने के कारण इस क्षेत्र में वन विभाग ने रात के समय गश्त बडा दी.
वडाली वन परिक्षेत्र में 15 से 20 तेंदूए
वडाली वन परिक्षेत्र में 15 से 20 तेंदूए रहते है. पानी की खोज में घुमते हुए मानवीय बस्ती में आ सकते है, परंतु अब तक जनहानि नहीं हुई. जनता नॉनवेज या बासा भोजन न फेंके, पानी भी बाहर न रखे, उसकी वजह से कुत्ते या देशी सुअर बासा भोजन करने के लिए आते है और उन प्राणियों की शिकार के लिए तेंदूआ भी खिंचा आता है. सोमवार की सुबह तेंदूए ने एसआरपीएफ वसाहत में हिरण का शिकार कर लिया और मंगलधाम परिसर में लोगों ने तेंदूए को देखा रात के समय बगैर आवाज किये या बगैर रोशनी के बाहर न निकले.
– वर्षा हरणे, वडाली वन परिक्षेत्र अधिकारी
कई लोगों ने देखा तेंदूआ
रविवार की शाम 5.30 बजे तेंदूआ चलते हुए पिंजरे के पास गया. उस समय सभी ने उसे देखा. परिसरवासी घर के बाहर निकले, यह देखकर तेंदूआ वहां से निकल गया. तेंदूए के डर के मारे हम रात के समय कुलर में पानी नहीं डालते, रात वैसी ही बीताना पडता है. वन विभाग ने पिंजरा लाकर रखा है, परंतु उसमें कोई भी खाद्यपदार्थ नहीं है. कर्मचारी रोज रात के वक्त आते है और हमारे हस्ताक्षर लेकर चले जाते है.
– वंदना ठाकरे, परिसर की महिला
छोटे बच्चों का खेलना बंद हुआ
तेंदूए के डर के मारे छोटे बच्चों को खेलना बंद हो गया है. उनकी ट्युशन है, परंतु पालकों ने शाम व सुबह के समय ट्युशन जाना बंद कर दिया है. परिसर में लाइट न होने के कारण महाविद्यालय के अधिकारियों ने लाइट की व्यवस्था कराई है, परंतु तेंदूए का डर कम नहीं हुआ.
– सुनंदा चव्हाण, परिसर की महिला