अमरावती

डीपो में बसेस कम, कर्मचारी ज्यादा

एसटी डीपो में अत्यावश्यक सेवा, कर्मचारियों की भागादौडी

  • अलग अलग गांव के 40-50 यात्री रहने से बाधा

  • रविवार को दिनभर में केवल 22 फेरियां छुटी

  • एसटी महामंडल को करोडों का फटका

अमरावती/दि.19 – राज्य में 30 अप्रैल तक कडा लॉकडाउन लगाया गया है. किंतु लोग अकारण भीड कर रहे है. इस कारण जिले के कोरोना बाधितों की संख्या को ध्यान में रखकर जिलाधिकारी शैलेश नवाले नेे जिला अंतर्गत एसटी सेवा पूरी तरह से बंद की है. अत्यावश्यक सेवा में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एसटी की सेवा शुरु है. किंतु अमरावती के बस डीपो में अत्यावश्यक सेवा के अनेक कर्मचारी बस के अभाव में डीपो में भटकते दिखाई देते है.
शनिवार से एसटी सेवा को ब्रेक लगने से उसका परिणाम यह कल रविवार को दिखाई दिया. एसटी डीपो की भीड रविवार को तुलना में कम हुई. ऐसा रहते हुए भी अत्यावश्यक सेवा के लोग बाहरगांव जाने के लिए आये थे. 4-5 वरुड, 5-6 परतवाडा, 6-7 यवतमाल, 4-5 चांदूर बाजार इस तरह के लोग रहने से गाडी छोडना कैसे, इस तरह का प्रश्न एसटी डीपो प्रशासन के सामन था. कम से कम 20 यात्री जमा होने के बाद बस छोडी जा रही थी. बाहरगांव जाने वाले यह केवल अत्यावश्यक सेवा के ही रहने से अमरावती बस डीपो से रविवार को शाम 7 बजे तक केवल 2000 से 3000 हजार किमी 22 राउंड छोडे गए. अमरावती बस डीपो में अत्यावश्यक सेवा के कर्मचारियों में भागादौडी मची थी. यात्री पूरे होने के बाद बस छोडी जाती है. एसटी बस के यात्रियों की संख्या पूर्ण होने के बाद ही एसटी बस छोडी जाती है. जिससे समूचे यात्री आने तक अत्यावश्यक सेवा के कर्मचारियों को खडे रहना पड रहा है.

एसटी महामंडल को करोडों का नुकसान

कोरोना संसर्ग की चेन तोडने के लिए अत्यावश्यक सेवा छोड अन्य सभी प्रकार की यातायात सेवा सरकार ने ‘ब्रेक द चेन’ में बंद रखने का निर्णय लिया है. उसके चलते अमरावती मध्यवर्ती बस डीपो पर दाखिल हुए यात्रियों को कल बाहर निकाला गया था. कल फिर अनेक यात्रियों ने बस डीपो में भीड करने का चित्र दिखाई देने लगा. अमरावती जिले की एसटी बस सेवा बंद करने से एसटी महामंडल को करोडों रुपयों का आर्थिक झटका लगा है.

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