अमरावती

सम्मान एवं स्नेह का पाठ , डीपीएस में ‘ग्रैंड पेरेंट्स डे’ का उत्सव

दिल्ली पब्लिक स्कूल में शानदार रहा आयोजन

अमरावती /दि.11– कुछ पल बैठा करो बुजुर्गों के पास, हर चीज गूगल पर नहीं मिलती है, हमारे बुजुर्ग हमारी संस्कृति व समाज की समृद्ध विरासत है एवं इन संबंधों की निरंतरता बनाये रखना हर भारतीय का कर्त्तव्य है. बच्चों की प्रथम एवं महत्वपूर्ण पाठशाला परिवार होता है, जिसमें बच्चा जिंदगी के उद्देश्य सिखता है. इसी परिप्रेक्ष्य में क्षेत्र की अग्रणी शिक्षण संस्था दिल्ली पब्लिक स्कूल, अमरावती में अत्यंत उत्साह के साथ ‘ग्रैंड पेरेंट्स डे’ का भव्य आयोजन हुआ.

इस कार्यक्रम में कक्षा नर्सरी से लेकर यूकेजी के बच्चों ने अपने-अपने दादा-दादी एवं नाना -नानी के प्रति सम्मानपूर्वक स्नेह दिखातें हुए अनेकों भावपूर्ण एवं रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी. इस अवसर पर शहर के प्रतिष्ठित पांढरीकर हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉ. पंकज पांढरीकर ने विशेष आतिथ्य स्वीकार करके बच्चों एवं समस्त लोगों का उत्साहवर्धन किया. पारम्परिक रूप से पूजन विधि उपरांत उन्होंने कहा कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक शिक्षा के साथ हमारी संस्कृति पहुंचाने का यह अद्भुत तरीका व आयोजन है. जिस तरीके से आज टेक्नोलॉजी के पीछे पड़कर बच्चें पारिवरिक मूल्यों को भूल रहें हैं उसे परिवारों में वापस लाना होगा. कार्यक्रम में कक्षा नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी, पहलीं एवं दूसरीं कक्षाओं के छात्र -छात्राओं ने अत्यंत सुरीली गायन प्रस्तुतियां देकर वातावरण संगीतमय कर दिया. कार्यक्रम की शुरुआत में यू.के.जी के छात्रों ने ‘दादा-दादी, नाना-नानी वेलकम टू आवर स्कूल’ गीत गाकर अपने ग्रैंड पेरेंट्स का स्वागत किया, जिसे सुनकर सभी दादा-दादी तथा नाना-नानी भाव-विभोर हो गए ख इस गीत के बाद तो एक से बढ़कर एक कार्यक्रम बच्चों ने प्रस्तुत किए जिसमें ‘मोर लव मोर पॉवर’, ‘तुम्हीं हो माता-पिता तुम्हीं हो ’, ‘ग्रैंड माँ ग्रैंड पा’, मम्मी के पापा, पापा की मम्मी’ गीत पर बच्चों ने जमकर प्रदर्शन किया और सभी को मंत्रमुग्ध कर खूब तालियाँ बटोरी ख इस अवसर पर दादा-दादी, नाना-नानी के लिए भी अनेकों प्रकार की खेल स्पर्धाओं का आयोजन हुआ और वे इस उम्र में भी अपने-अपनेे पोते-पोतियों के लिए गिफ्ट पाने हेतु परिश्रम करते दिखें, साथ ही बच्चों के लिए उन्होंने न केवल गाने गाएं अपितु अपने-अपने डांस स्टेप दिखाकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया. जाते वक्त इन सभी सम्माननीय, प्रेरणास्त्रोत एवं समाज के आधार स्तम्भ ने सभी को खूब आशीर्वाद दिया साथ ही डीपीएस की इस सोच की भूरी प्रशंसा की.

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