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स्वप्न और संकल्पपूर्ति के साक्षी बनें सभी

राम जन्मभूमि मंदिर न्यास के महंत आचार्य सत्येंद्रजी का आवाहन

* लप्पी जाजोदिया के आवास पर पत्रवार्ता को किया संबोधित
अमरावती/दि.19 – करीब 500 वर्षों से राम जन्मभूमि के मुक्ति के लिए कई दौर का संघर्ष चलता रहा और हमारे पुरखो की कई पीढिया अयोध्या में प्रभू श्री राम के जन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर हो, इस सपने को देखते-देखते अब भी ऐेसे में हम और आप बेहद सौभाग्यशाली है कि, हमने अपनी आंखों से श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर का शिलान्यास होता देखा और हम जन्मभूमि स्थल पर भव्य दिव्य मंदिर साकार होते देख रहे है. साथ ही आगामी 22 जनवरी को वहां रामलला विराजमान को विराजित होते देखेंगे, यह करोडों सनातनियों के लिए स्वप्नपूर्ति और संकल्पपूर्ति का क्षण होगा. जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभू श्री राम की प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा होगी. जिसका सभी ने भक्तिभाव के साथ साक्षी बनना चाहिए. इस आशय का आवाहन श्री राम जन्मभूमि मंदिर न्यास के महंत आचार्य सत्येंद्रजी महाराज द्वारा किया गया.
समिपस्थ भानखेडा रोड स्थित हनुमान गढी में चल रही शिवमहापुराण कथा में हिस्सा लेने हेतु सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा सहित हनुमान चालीसा चैरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक लप्पी जाजोदिया के निमंत्रण पर आचार्य सत्येंद्रनाथजी सहित अयोध्या स्थित हनुमान गढी के महंत राजूदासजी महाराज व उदासीन आश्रम के महंत धर्मदासजी महाराज का आज सुबह अमरावती आगमन हुआ तथा तीनों महंतों ने शारदा नगर परिसर स्थित चंद्रकुमार उर्फ लप्पी जाजोदिया के निवासस्थान पर भेंट देने के साथ ही वहां बुलाई गई पत्रवार्ता को संबोधित किया.
इस पत्रवार्ता में उपरोक्त आवाहन करने के साथ ही आचार्य सत्येंद्रनाथजी महाराज ने जिले की सांसद नवनीत राणा को दृढ इच्छा शक्ति वाली फौलादी महिला बताया एवं कहा कि, सांसद नवनीत राणा ओजस्वीशैली वाली एक प्रखर नेता है तथा उनमें सतित्व का तेज दिखाई देता है. साथ ही वे सनातन धर्म के प्रति पूरी तरह से समर्पित है. ऐसे में वे उनके आग्रह को मना नहीं कर पाये तथा शिवमहापुराण कथा में हिस्सा लेने हेतु अयोध्या से चलकर अमरावती आये है. इस समय महंत सत्येंद्रनाथजी ने बताया है कि, आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन एवं रामलला विराजमान की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करने हेतु भव्य-दिव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है. जिसके चलते देश-विदेश में रहने वाले लाखों-करोडों सनातनी अयोध्या पहुंचेंगे. जिनकी सुविधा हेतु पूरी अयोध्या में नानाविद व्यवस्थाएं की गई है. साथ ही आगे भी अयोध्या आने वाले भाविक श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इस बात को ध्यान मेें रखते हुए अभी से ही सभी तरह के इंतजाम किए जा रहे है. इन सबके साथ ही ‘सभी के घर अयोध्या, सभी के घर राम’ अभियान भी चलाया जा रहा है. क्योंकि राम केवल अयोध्या में नहीं बल्कि भारत के कन-कन में और प्रत्येक सनातनी के मन में बसते है.
इस पत्रकार परिषद में लप्पी जाजोदिया, अरविंद उपाध्याय व विकास पाण्डेय सहित जाजोदिया परिवार के अनिता जाजोदिया, पवन जाजोदिया, अंजु जाजोदिया, अर्पित जाजोदिया, सुमित कलंत्री, राजेंद्र जैन, सुनिता जैन, विकास केजरीवाल, उषा गर्ग, संतोष जालान, दीपक भरतिया, अंकुश भरतिया, आंचल भरतिया, एड. क्षितिज धुंदी व नीलेश मुनी आदि उपस्थित थे.
* राम के विरोधी आज सडक पर है और रामभक्त सत्ता में है
अयोध्या स्थित हनुमान गढी के महंत राजूदास महाराज ने कहा कि, अपने आराध्य का उनके जन्मस्थान पर मंदिर साकार करने की मांग उठाने वाले रामभक्तों पर किसी समय लाठियां और गोलियां भी चलाई गई. उस समय सत्ता में रहकर अपनी ताकत का दुुरुपयोग करने वाले लोग आज सडकों पर है. वहीं देश में रामभक्तों की सरकार है. जिसकी वजह से भगवान श्रीराम का भव्य-दिव्य मंदिर साकार हो गया है. इससे बौखलाकर विपक्षी नेता देश के प्रधानमंत्री हेतु ऐसे-ऐसे अपशब्दों का प्रयोग करने लगे है, जिनका कोई सर्वसामान्य व्यक्ति उल्लेख भी नहीं करना चाहेगा, लेकिन देश की जनता सबकुछ समझ रही है और विपक्षी नेताओं की झल्लाहट को समझा जा सकता है. इस समय महंत राजूदास ने कहा कि, जिस तरह अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मंदिर के लिए संवैधानिक व कानूनी तरीके से लडाई लडी गई. उसी तरह हिंदू समाज के अन्य सभी धर्मस्थलों की मुक्ति के लिए भी संवैधानिक तरीकों से संघर्ष किया जाएगा. कुछ लोगों ने हमारे धर्मस्थलों पर तलवार के दम पर कब्जा किया था. जिन्हें हम संवैधानिक रास्ते से कलम के जरिए जवाब देंगे. इसके साथ ही महंत राजूदास ने यह भी कहा कि, भारत हमेशा से हिंदुओं का ही देश रहा है. इसे लेकर किसी भी तरह की सरकारी घोषणा की जरुरत नहीं है, यह हिंदू राष्ट्र था, है और आगे भी रहेगा. जिसमेें सभी धर्मों के प्रति आदर व सम्मान का स्थान रहेगा, क्योंकि सनातन धर्म ने आज तक कभी किसी अन्य धर्म को नीचा स्थान नहीं दिया है और किसी अन्य धर्म का अपमान भी नहीं किया है.

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