अमरावती

1 जून से पहले कपास बीज बेचने पर होगा लाईसेंस रद्द

कंपनी, होलसेलर व विक्रेताओं पर होगी सीधी कार्रवाई

गुलाबी इल्लियों का प्रादूर्भाव रोकने समयबद्ध विक्री का नियोजन

कपास उत्पादक बेल्ट सतर्क, कृषि महकमा रख रहा नजर
अमरावती/दि.24 – कपास की फसल पर पनकने वाली गुलाबी इल्लियों के जीवनक्रम को खंडित करने हेतु मानसून पूर्व कपास की बुआई को रोकना बेहद जरुरी हो गया है. किंतु इस बात की ओर लगातार अनदेखी की जाती रही है. जिसकी वजह से साल दरसाल गुलाबी इल्लियों का प्रादूर्भाव बढ रहा है. ऐसे में अब इसे रोकने हेतु कृषि विभाग का निविष्टा व गुणवत्ता नियंत्रक विभाग सतर्क हो गया है. जिसके तहत इस विभाग में सभी जिलो को 1 जून के बाद ही कपास के बीजों की विक्री किसानों को शुुरु करने के निर्देष दिए है. साथ ही इस सूचना का उल्लंघन करते हुए 1 जून से पहले किसानों को कपास के बीज उपलब्ध कराने वाले विक्रेताओं सहित होलसेलरों व संबंधित बीज कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उनके लाईसेंस रद्द किए जाएंगे.
उल्लेखनीय है कि, मानसून से पहले कपास की बुलाई करने पर कपास का उत्पादन बडे पैमाने पर होता है, ऐसा किसानों का पारंपारिक अनुभव है. जिसके चलते कपास उत्पादक क्षेत्रों में मानसून पूर्व कपास बुआई करने का चलन बढ गया. लेकिन इसके दुष्परिणाम के तौर पर गुलाबी इल्लियों को हमला सामने आया. वर्ष 2017 में गुलाबी इल्लियों का प्रकोप सर्वाधिक नजर आया. जिस पर मात करने हेतु वर्ष 2018 से 2022 के दौरान विभिन्न उपायों पर काम करना शुुरु किया गया. जिससे गुलाबी इल्लियों का असर थोडा कम हुआ. वहीं गुलाबी इल्लियों के जीवनचक्र को खंडित करने हेतु कपास की मानसूनपूर्व बुआई रोकने के निर्देश जारी किए गए. जिसके लिए 1 जून के बाद कपास की बुआई करना ही फायदेमंद साबित होगा और पोषावस्था में रहने वाली गुलाबी इल्ली के विस्तार के अगले चक्र को रोका जा सकेगा. इस बात के मद्देनजर कृषि विभाग के निविष्टा व गुणवत्ता नियंत्रक विभाग ने कपास के बीजों की 1 जून से पहले विक्री नहीं करने का निर्देश जारी किया है. ताकि किसानों द्बारा 1 जून से पहले कपास की मानसून पूर्व बुआई न की जा सके. साथ ही अगर कहीं पर भी किसी बीज विक्रेता द्बारा किसानों को 1 जून से पहले कपास के बीज बेचे जाते है, तो उनकी जानकारी मिलने पर कृषि महकमे द्बारा संबंधित बीज विक्रेता सहित उस बीज के होलसेलर तथा उत्पादक कंपनी के खिलाफ लाईसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है. इस बात से भी सभी को अवगत करा दिया गया है.
* बीजों व खाद की विक्री पर 62 उडन दस्तों की नजर
किसानों की शिकायतों हेतु तहसीलस्तर पर 62 कक्ष स्थापित
आगामी डेढ माह में खरीफ फसलों की बुआई का सीजन शुरु हो जाएगा. ऐसे में खरीफ सीजन के दौरान कृषि निविष्ठाओं की खरीददारी और गुणवत्ता में किसानों के साथ कोई धोखाधडी या जालसाजी ना हो, इस हेतु कृषि विभाग ने अपनी ओर से तमाम आवश्यक तैयारियां करनी शुरु कर दी है. जिसके तहत कृषि निविष्ठा विक्रेताओं पर 62 उडन दस्तों द्बारा नजर रखी जाएगी. जिसके साथ ही किसानों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए तहसीलस्तर पर 62 शिकायत निवारण कक्ष स्थापित किए जाएंगे. ऐसी जानकारी विभागीय कृषि सहसंचालक किसनराव मुले द्बारा दी गई.
उल्लेखनीय है कि, आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए राज्य के कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार द्बारा आगामी 28 अप्रैल को पश्चिम विदर्भ क्षेत्र की समीक्षा की जाएगी. जिसके लिए कृषि विभाग पूरी तरह से काम पर लग गया है. बुआई काल के दौरान किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद और बीज मिले तथा उनकी कालाबाजारी ना हो. इस हेतु गुणनियंत्रण विभाग की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में 171 गुणनियंत्रण निरीक्षकों पर काफी बडी जवाबदारी रहेगी. किसानों को बीज, रासायनिक खाद व कीटनाशक समय पर उचित दाम में मिले. इस हेतु अमरावती जिले में 15, यवतमाल जिले में 17, अकोला जिले में 8, वाशिम जिले में 7, बुलढाणा जिले में 14 तथा विभागस्तर पर 1 ऐसे कुल 62 उडन दस्तों का गठन किया गया है. जिसके साथ ही किसानों की समस्याओं व दिक्कतों को हल करने हेतु सभी जिला परिषदों के कृषि विकास अधिकारियों से संपर्क करने के लिए टोल फ्री क्रमांक 1800-233-4000 को उपलब्ध कराया गया है, ऐसी जानकारी भी कृषि सहसंचालक द्बारा दी गई है.

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