निर्वाचन काल में ज्यादा शराब विक्री होने पर लाईसेंस होगा निलंबित
शराब के दुकानों पर रहेगी सीसीटीवी कैमरों की नजर
अमरावती /दि.23– चुनाव की धामधूम के बीच राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा अपने उम्मीदवार को चुनकर लाने हेतु मतदाताओं को ‘गीली’ पार्टियों का लालच दिखाया जाता है. जिसके चलते निर्वाचन काल के समय शराब की विक्री में अच्छा खासा उछाल आ जाता है. साथ ही शराब बंदी रहने वाले वर्धा जिले में जमकर शराब की तस्करी भी होती है. जिससे शराब की खपत और विक्री में अच्छा खासा इजाफा हो जाता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए अब यह तय किया गया है कि, किसी भी लाईसेंसधारक दुकान से सामान्य दिनों के दौरान होने वाली शराब विक्री की तुलना में निर्वाचन काल के दौरान यदि 30 फीसद से अधिक शराब की विक्री होती है, तो राज्य उत्पाद शुल्क विभाग सीधे उस आस्थापना के नाम जारी लाईसेंस को ही निलंबित कर दिया जाएगा. जिसके चलते शराब की बल्क विक्री पर नियंत्रण लगेगा.
बता दें कि, जिले में 375 बीयर बार, 25 वाइन शॉप, 143 देशी दारु की दुकान, 115 बीयर शॉपी तथा देशी शराब के 14 व विदेशी शराब के 5 होलसेल विक्रेता है. इसके अलावा अमरावती में शराब निर्मिति कारखाना व डिस्टीलरी कारखाना भी है. आचार संहिता घोषित होने के बाद कही पर भी शराब का स्टॉक न हो पाये. इस हेतु विशेष सतर्कता बरती जा रही है. साथ ही अब सभी लाईसेंसधारक शराब विक्री की दुकानों सहित शराब के कारखानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया गया है और उन्हें 100 दिन के फूटेज संभालकर रखने का आदेश जारी किया गया है.
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार फरवरी माह में हुई शराब की विक्री तथा मार्च व अप्रैल माह के दौरान होने वाली विक्री की तुलनात्मक पडताल की जाएगी. इस हेतु शराब विक्री के लाईसेंसधारकों से रोजाना होने वाली शराब की विक्री के विवरण मांगे जा रहे है. इसमें यदि यह पाया जाता है कि, सामान्य दिनों के समय होने वाली शराब विक्री की तुलना में निर्वाचन काल के दौरान होने वाली शराब की विक्री में 30 फीसद से अधिक इजाफा हो रहा है, तो ऐसे शराब विक्री लाईसेंस को रद्द कर दिया जाएगा. इसके अलावा मध्यप्रदेश से हो सकने वाली शराब की तस्करी को रोकने हेतु भी सीमावर्ती इलाकों में चेकपोस्ट को तैनात कर दिया गया है.