कालाबाजारी करनेवाले राशन दूकानदारों के लाईसेन्स होंगे रद्द
कोविड काल में राज्य व केेंद्र सरकार ने बडे पैमाने पर दिया अनाज
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जरूरतमंदों को किया जाना था अनाज का नि:शुल्क वितरण
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बडे पैमाने पर कालाबाजारी की शिकायतें आयी थी सामने
अमरावती/दि.12 – कोविड संक्रमण काल के दौरान जब कडा लॉकडाउन लगाया गया था और तमाम कामकाज पूरी तरह से ठप्प थे, तब बेरोजगारी का सामना कर रहे लोगों की भूख मिटाने हेतु केंद्र व राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराया गया. किंतु इसे जरूरतमंदों में नि:शुल्क बांटने की बजाय कई राशन दुकानदारों ने इसे निजी व्यापारियों को बेच डाला. ऐसी शिकायतें बडे पैमाने पर सामने आयी. जिसकी जांच-पडताल भी शुरू की गई और अब कालाबाजारी करनेवाले राशन दुकानदारों का लाईसेन्स हमेशा के लिए रद्द कर दिया जायेगा.
बता दें कि, जिले में मार्च 2020 से सभी व्यवहार ठप्प हो गये थे तथा कई लोगों के आय व रोजगार के साधन खत्म हो गये थे. ऐसे में लोगों के पास दो वक्त के भोजन की भी व्यवस्था नहीं थी. जिसके चलते राज्य व केंद्र सरकार द्वारा सर्वसामान्य व गरीब लोगों के लिए नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराने की सुविधा उपलब्ध करायी गई. किंतु बाद में पता चला कि, गरीबों को मुफ्त देने हेतु आये अनाज की कई राशन दुकानदारों द्वारा कालाबाजारी की गई है. ऐसे में अन्न आपूर्ति विभाग द्वारा संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6 राशन दुकानदारों के लाईसेन्स हमेशा के लिए रद्द कर दिये गये.
सरकारी सस्ते अनाज में किसी भी तरह की गडबडी होने की शिकायत मिलने पर संबंधित राशन दुकानदार की तत्काल जांच करते हुए सरकारी निर्णयानुसार आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश अधिनस्थ प्रशासन को दिये गये है.
– डी. के. वानखडे
जिला आपूर्ति अधिकारी
सरकारी राशन दुकानदार द्वारा नियमानुसार सरकारी राशन वितरित करना आवश्यक है. यदि धान्य वितरण में किसी भी तरह की गडबडी होती है, तो यह अपने आप में बेहद गंभीर बात है. इसे लेकर कोई भी शिकायत मिलने पर संबंधितों के खिलाफ सरकारी निर्देशानुसार आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
– अभिजीत जगताप
तहसलीदार
- 6,04,709 – जिले में कुल राशनकार्ड धारक
- 3,10,486 – प्राधान्य कुटुंब
- 1,22,039 – अंत्योदय योजना
- 1,17,445 – एपीएल कुटूंब