प्रतिनिधि/दि.२५
धामणगांव रेलवे-खाली समय में अनेक लोग अलग-अलग प्रयोग करते है. इसी कडी में धामणगांव के रेलवे तहसील में आने वाले ढाकुल गांव के सर्पमित्र ने संचारबंदी और लाकडान के दौर में शहर व परिसर में अलग-अलग प्रजातियों के सांपो को जीवनदान दिया है. शहर सहित तहसील के विविध घरों में, दरवाजों या फिर बंद कमरों में पाए जाने वाले सांपो को जिंदा पकडकर उनको सुरक्षित स्थल पर छोडा गया है. सांप अथवा अन्य प्राणी नागरी बस्तियों में आने पर सर्पमित्र अश्फाक शाह को बुलाया जाता है और वह सांपों को पकडकर सुरक्षित स्थल पर छोड दिया जाता है. सर्पमित्र अश्फाक शाह ने बीते ११ वर्षो से तकरीबन २ हजार से अधिक विविध प्रजातियों के सांपों को पकडकर सुरक्षित स्थल पर छोड दिया है. अश्फाक शाह ने बताया कि सांप यह इंसान को डरते है और हम उन्हें डरते है. सांप को यदि धक्का लगा तो वे दंश करते है. इसी तरह हम भी डर के भय से उन्हें मारने का प्रयास करते है. लेकिन सांप को मारना नहीं चाहिए सांप पर निगाह रखकर सर्पमित्र को बुलावाकर उसे जीवनदान देने का प्रयास करना चाहिए.