अमरावती

चार हत्यारोपी को उम्रकैद

जिला व सत्र न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला

  • रिध्दपुर बाजार की घटना

अमरावती/दि.9 – शिरखेड पुलिस थाना क्षेत्र के रिध्दपुर में रहने वाले मृतक ने आरोपी अमरलाल की पत्नी को वर्ष 2018 में अपने साथ भगा ले गया. इसपर मध्यप्रदेश निवासी अमरलाल सलामे, सोमरलाल सलामे, परेश सिरसाम व मंतु कासदेकार नामक आरोपियों ने मिलकर अमरलाल की पत्नी को भगा ले जाने वाले व्यक्ति की चाकू से बेहरमी के साथ हत्या कर डाली. इस मुकदमे की सुनवाई जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक के 1 के न्यायमूर्ति एस.एस.अडकर की अदालत में ली गई. न्यायमूर्ति ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त शासकीय अभियोक्ता एड.मिलिंद जोशी ने दलीलें पेश की. पैरवी अधिकारी के रुप में अरुण हटवार ने कामकाज देखा.
अमरलाल कालमु सलामे (32, पिंपलधरी, तहसील आठनेर, जिला बैतुल, मध्यप्रदेश), सुमरलाल कालमु सलामे (48, साकली, तहसील भैसदेह, जिला बैतुल, मध्यप्रदेश), परेश उर्फ परसराम जीवन सिरसाम (33, साकली, तहसील भैसदेह, जिला बैतुल, मध्यप्रदेश) व मंतु उर्फ सुनील विनायक कासदेकर (38, पिंपलधरी, तहसील आठनेर, जिला बैतुल, मध्यप्रदेश) यह चारों दफा 302, सहधारा 34 तहत उम्रकैद की सजा व प्रति 10 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर एक वर्ष सश्रम कारावास सजा पाने वाले आरोपियों के नाम है. जानकारी के अनुसार मृतक आरोपी अमरलाल की पत्नी को भगा ले गया और महिला के साथ रिध्दपुर में रहता था. 23 जनवरी 2018 को रिध्दपुर स्थित बाजार में आरोपी सुमरलाल परेश और मंतु ने मृतक को पकडकर रखा और आरोपी अमरलाल ने उसके पेट में चाकू मारा. मृतक और आरोपी अमरलाल की पत्नी को भी इस समय जमकर पीटा था. आरोपी मृतक को मार रहा था, उस समय बाजार के लोगों ने सुमरलाल व अमरलाल को पकडकर रखा. लोगों से बचने के लिए उसने ग्रामपंचायत कार्यालय बंद कर लिया. मौके पर ग्रामपंचायत के कर्मचारी पहुंचे. फोन पर शिकायतकर्ता प्रकाश पंजाबराव पोहोकार (रिध्दपुर, तहसील मोर्शी) कोे फोन पर सूचना दी. जानकारी मिलने पर वे घटनास्थल पहुंचे. बाजार के लोगों ने मृतक व आरोपी अमरलाल की पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. परंतु अस्पताल पहुंचने तक मृतक की मौत हो गई. शिकायतकर्ता के पहुंचने से पहले ग्रामवासियों ने शिरखेड पुलिस को घटना की सूचना दे दी थी.
खबर मिलते ही शिरखेड के पुलिस उपनिरीक्षक रविंद्र म्हैसकर उनके साथ पुलिस उपनिरीक्ष हेमंत चौधरी व पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने घटनास्थल का पंचनामा कर खुन से सने चाकू को बरामद किया और आरोपी अमरलाल व सुमरलाल को लोगों ने पकडकर रखा था. उन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोपी परेश और मंतु घटनास्थल से भागने में सफल रहे, उन्हें उसी रात गिरफ्तार करने सफलता मिली. मामले की तहकीकात कर पुलिस उपनिरीक्षक किशोर भुजाडे ने दफा 302, 323, 34 के तहत अदालत में दोषारोप पत्र दायर किया. इस मामले में सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील एड.मिलिंद जोशी ने 11 गवाहों के बयान दर्ज किये. इस मुकदमे में शिकायतकर्ता अपने बयान से मुकर गया. सरकारी पक्ष ने दो चश्मदीद गवाह, स्वास्थ्य अधिकारी, पंच, आरोपी के कपडे, बरामद माल लैब में भेजे थे. काँस्टेबल और पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज किये गए. अभियोग पक्ष व्दारा दिये गए बयान और सबूतों को मान्य करते हुए अदालत ने चारों आरोपियों को हत्या के अपराध में दोषी करार देते हुए चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई.

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