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हत्या के दो मामलों में दो आरोपियों को उम्रकैद

एक मामले में सहआरोपी को दो साल की सजा

* हत्या के प्रयासवाले अन्य मामले में आरोपी को पांच साल की कैद
* तीन अलग-अलग मामलों में जिला कोर्ट ने सुनाये महत्वपूर्ण फैसले
अमरावती/दि.12– आज स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय ने तीन अलग-अलग अपराधिक मामलों की सुनवाई करते हुए बेहद महत्वपूर्ण फैसले सुनाये. जिसके तहत हत्या से संबंधीत दो मामलों में दो अलग-अलग आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. वहीं इन दो में से एक मामले में शामिल सहआरोपी को दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई. इसके अलावा हत्या के प्रयास से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने वारदात में शामिल तीन में से एक आरोपी को पांच साल की सजा सुनाई और दो आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया.

मकान मालकीन की हत्या कर एटीएम से निकाले थे पैसे
फे्रजरपुरा पुलिस थाना क्षेत्र के जलाराम नगर में अकेेले रहने वाली सेवानिवृत्त शिक्षिका शैलेजा निलंगे की बेरहमी से हत्या कर उसके एटीएम से रुपए निकालने व गला दबाकर हत्या के बाद मूल्यवान वस्तुएं चुराने के अपराध में जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक 3 के न्यायमूर्ति निखिल पी. मेहता की अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आरोपी धिरज अरुणराव शिंदे (31, जयंत कॉलोनी, अमरावती) को दफा 302 के तहत उम्रकैद की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना एवं जुर्माना न भरने पर छह माह अतिरिक्त साधा कारावास तथा दफा 380 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना एवं जुर्माना न भरने पर एक माह साधा कारावास और दफा 341 के तहत एक माह कारावास की सजा सुनाई है. सह आरोपी अश्विनी मुरलीधर टेकाडे उर्फ अश्विनी रवि वानखडे (26, एकलासपुर, परतवाडा) को धारा 203 के तहत एक माह सश्रम कारावास तथा दफा 411 के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है.
अदालत में दायर दोषारोप पत्र के अनुसार जलाराम नगर गली नं.3, रंगोली जनरल स्टोअर्स के पास रहने वाली 60 वर्षीय शैलजा ओमप्रकाश निलंगे यह घर में अकेली रहती थी. उन्हें दो बेटी और एक बेटा है. दोनों बेटियां नागपुर में रहती है. बेटा जयंत कॉलोनी में रहता है. मृतक शैलजा ने घटना के दो माह पहले आरोपी धिरज शिंदे को अपने घर का एक कमरा किराये से दिया था. शैलजा निलंगे सेवानिवृत्त शिक्षिका थी. उन्हें पेंशन मिलती थी. इसी तरह पति भी शिक्षक थे और करीब 10 वर्ष पूर्व उनकी मृत्यु हो गई थी. उनका पुत्र अमरावती महापालिका में कार्यरत है और वह अपने परिवार के साथ अलग रहता है. शिकायतकर्ता महिला मृत शैलजा के घर से पांच-छह घर छोकर रहती है. 31 जनवरी 2018 की सुबह 8.30 बजे आरोपी धिरज शिकायतकर्ता महिला के घर गया. उन्हें बताया कि, मृतक शैलजा को आवाज देने के बाद भी कुछ नहीं बोल रही, उठी भी नहीं, तब शिकायतकर्ता महिला उनके घर गई. घर के दरवाजे खुले थे. तब उन्होंने देखा की उनकी बहन शैलजा मृत अवस्था में मुंह के बल गिरी हुई और नाक व मुंह से खुन निकल रहा था. पलंग पर रखी तकिया व चांदर पर खुन लगा हुआ था, बाजू में उनका एक दांत गिरा पडा था, ऐसी शिकायत फे्रजरपुरा पुलिस थाने में दी गई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने दफा 302 के तहत अपराध दर्ज किया. जांच अधिकारी को तहकीकात के दौरान मृत शैलजा के नाम पर रहने वाला एटीएम कार्ड का उपयोग दस्तुर नगर चौक के एटीएम बुथ पर किया गया. मृत शैलजा के बैंक खाते से 31 जनवरी 2018 के दिन 40 हजार रुपए निकाले गए. एटीएम के सीसीटीवी कैमरे के फूटेज पुलिस ने बरामद किये. उस समय दोनों आरोपी एटीएम कार्ड का उपयोग कर रुपए निकालते हुए कैमरे में कैद हुए. पुलिस ने इसके आधार पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. तहकीकात में आरोपी धिरज शिंदे ने शैलजा का गला दबाकर हत्या की और उसके घर की मूल्यवान वस्तु, एटीएम कार्ड और अन्य दस्तावेज आरोपी अश्विनी के पास रखे. पुलिस ने अश्विनी का बयान दर्ज करते हुए उपरोक्त सामग्री बरामद की. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ दफा 302, 380, 341, 203, 411, 34 के तहत अपराध दर्ज किया.
पुलिस ने तहकीकात के बाद जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक 3 के न्यायमूर्ति निखिल पी. मेहता की अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया. न्यायालय में सहायक सरकारी वकील दिलीप दे. तिवारी ने 15 गवाहों के बयान लिये. गवाही के दौरान घटना की रात करीब 10.30 बजे आरोपी धिरज मृतक शैलजा के साथ उनके घर के मुख्य दरवाजे के सामने उपस्थित था. यह बात अभियोजन पक्ष ने सिध्द किया. इसी तरह दस्तुर नगर चौक के एटीएम बुथ में मृतक शैलजा का एटीएम कार्ड उपयोग कर दोनों आरोपी रुपए निकालते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए. यह तकनीकी सबूत के व्दारा सिध्द किया गया. अदालत ने इन सभी सबूतों को ध्यान में लेते हुए दोनों आरोपियों को उपरोक्त सजा सुनाई. इस मामले में एपीआई विपीन इंगले ने तहकीकात कर अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया. सरकारी पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील दिलीप देवीप्रकाश तिवारी ने दलीले पेश की. उन्हें एड.संदीप ताम्हणे ने सहयोग किया. पैरवी अधिकारी के रुप में हेडकाँस्टेबल सुधाकर माहुरे, एनपीसी अरुण हटवार ने सहयोग किया.

* ससुर के हत्यारे दामाद को उम्रकैद
स्थानीय प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश रविंद्र जोशी की अदालत ने अपने वयोवृध्द ससुर को जान से मार देनेवाले हत्यारे दामाद को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जानकारी के मुताबिक कसबा खोलापुर में रहनेवाले नामदेव चांदूरकर की एक बेटी मानसिक तौर पर थोडी कमजोर थी. जिसका विवाह मोझरी निवासी राजू उमप के साथ हुआ था और राजू उमप  अपनी पत्नी व ससुर के साथ कसबा खोलापुर में रहता था. जहां पर 7 जून 2016 को उसका अपने वयोवृध्द ससुर नामदेव चांदूरकर के साथ किसी बात को लेकर झगडा हुआ और राजू उमप ने अपने ससुर के सिर पर लाठी से जोरदार प्रहार किया. 75 वर्षीय नामदेव चांदूरकर शारीरिक रूप से बेहद कमजोर रहने के चलते उनकी इस हमले में मौके पर ही मौत हो गई. शिकायत मिलने के बाद खोलापुर पुलिस ने दफा 302 के तहत अपराध दर्ज करते हुए आरोपी राजू उमप को गिरफ्तार किया तथा मामला अदालत को सौंपा गया. जहां पर हुई सुनवाई पश्चात अदालत ने राजू उमप को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व एक हजार रूपये के आर्थिक दंड तथा दंड नहीं भरने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता एड. सुनील देशमुख ने युक्तिवाद किया. वहीं जांच अधिकारी के तौर पर पीआई विजय शिंगारे, पीआई किशोर जुनघरे, पीएसआई प्रभाकर हंबर्डे तथा पैरवी अधिकारी के तौर पर नापोकां गुल्हाने व नापोकां अरूण हटवार ने जिम्मा संभाला.

हत्या का प्रयास मामले में मुख्य आरोपी को पांच वर्ष की कैद
स्थानीय तृतीय जिला न्यायाधीश निखिल मेहता की अदालत ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस द्वारा नामजद किये गये तीन आरोपियों में से मुख्य आरोपी नितीन नांदने को पांच वर्ष के सश्रम कारावास और पांच हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई. साथ ही जिला जिला विधी व सेवा प्राधिकरण ने आरोपियों को पीडित के लिए मुआवजे की राशि देने की सिफारिश की.
जानकारी के मुताबिक वरूड तहसील अंतर्गत लोणी गांव में 3 जून 2015 को रात 11 बजे नितीन नांदने नामक युवक गोपाल कुरवाडे के घर के सामने बने ओटे के पत्थर निकालकर फेंक रहा था. जिसे लेकर जब गोपाल ने नितीन को टोका, तो नितीन ने राजेश नांदने व प्रकाश नांदने के साथ मिलकर गोपाल पर प्राणघातक हमला किया और उसके सिर पर वजनदार वस्तु से प्रहार किया. जिसके चलते गोपाल को नागपुर के सेंटर पॉइंट अस्पताल में भरती कराया गया. जहां दो बार उसके सिर की शल्यक्रिया की गई. गोपाल के पिता भाउराव कुरवाडे की शिकायत पर बेनोडा पुलिस ने तीनों आरोपियों को धारा 307 के तहत हत्या का प्रयास करने के आरोप में नामजद करते हुए गिरफ्तार किया था और मामला स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया. जहां हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को युक्तिवाद होने के बाद अदालत ने नितीन नांदने को दोषी पाकर सजा सुनाई. वहीं उसके पिता प्रकाश नांदने व राजेश नांदने को सबूतों के अभाव में संदेह लाभ देते हुए बरी किया गया है.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता एड. मिलींद शरद जोशी ने पैरवी की. वहीं पैरवी अधिकारी के तौर पर पोहेकां कय्युम सौदागर तथा नापोकां अरूण हटवार द्वारा उन्हें कामकाज में सहायता प्रदान की गई.

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