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पुलिस कर्मचारी की हत्या करने वाले दो आरोपियों को उम्रकैद

चांदूर रेलवे के मांजरखेड-चिचाटी परिसर की घटना

* जिला व सत्र न्यायालय ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
* पुलिस अधिकारी व कर्मचारी गए थे अवैध शराब भट्टी पर छापा मारने
* कुल्हाडी व लाठी से हमला, अधिकारी घायल, पुलिस कर्मचारी की मौत
* सबूत के अभाव में 8 आरोपी बाईज्जत बरी
अमरावती/ दि.22– चांदूर रेलवे पुलिस थाना क्षेत्र के मांजरखेड-चिचाटी परिसर में पुलिस कर्मचारी सतिश मडावी व सहायक पुलिस उपनिरीक्षक श्याम जाधव महुए की कच्ची शराब भट्टी पर छापा मारने गए थे. इस समय आरोपियों ने पुलिस अधिकारी व कर्मचारी पर कुल्हाडी और लाठी से हमला बोल दिया. इस हमले में अधिकारी घायल हुए. जबकि पुलिस कर्मचारी की मौत हो गई. इस तरह जिला न्यायालय 3 के न्यायमूर्ति निखिल पी.मेहता की अदालत में मुकदमे की सुनवाई ली गई. आरोपी उमेश राठोड व अजय उर्फ राजा राठोड को हत्या के अपराध में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई. जबकि सबूत के अभाव में 8 आरोपियों को बाईज्जत बरी किया गया.
उमेश शालिकराम राठोड (27), अजय उर्फ राजा सकरु राठोड (20) यह दोनों दफा 302 के तहत हत्या के अपराध में दोषी करार दिये गए उम्रकैद की सजा पाने वाले आरोपियों के नाम है. सतिश मडावी यह आरोपियों व्दारा लाठी और कुल्हाडी से किये हमले में मरने वाले पुलिस कर्मचारी का नाम है. श्यामराव जाधव यह घायल हुए सहायक पुलिस उपनिरीक्षक का नाम बताया गया है. जबकि राजू वासुदेव राठोड (30), विष्णु रतनसिंग चव्हाण (30), सकरु लच्छीराम राठोड (47), बाल्या लच्छीराम राठोड (35), दिनेश शालिकराम राठोड (47), विजय चतरु जाधव (36) यह बाईज्जत बरी किये गए आरोपियों के नाम है. दिलीप शालिकराम राठोड (50), जनार्दन शालिकराम राठोड (सभी मांजरखेड) यह दोनों फरार आरोपियों के नाम है.
अदालत में दायर दोषारोप पत्र के अनुसार घटना के दिन 27 मई 2018 को चांदूर रेलवे पुलिस थाने में कार्यरत मृतक पुलिस कर्मचारी सतिश मडावी व सहायक पुलिस उपनिरीक्षक श्याम जाधव दोनों गुप्त सूचना के आधार पर मोटरसाइकिल व्दारा मांजरखेड गांव के पास चिचाटी परिसर में छापा मारने गए. सुबह 7 बजे घटनास्थल पर उन्हें महुए की कच्ची शराब बनाने का चुल्हा दिखाई दिया. 11 पिपे महुआ रसायन दिखा. उन्होंने महुआ रसायन नष्ट किया. लोहे के ड्रम भी तोड दिये और फिर वापस लौटने के लिए अपनी मोटरसाइकिल के पास पहुंचे. परंतु इस समय आरोपी उमेश राठोड व अजय राठोड हाथ में लठ व कुल्हाडी लेकर आते हुए दिखाई दिये. श्याम जाधव ने सतिश मडावी को मोबाइल में फोटो लेने का था. इतने में श्याम जाधव के सिर पर लठ से हमला किया. उमेश राठोड ने श्याम जाधव को पत्थर फेंककर मारा. जिसके कारण बाहे हाथ पर चोट लगी. श्याम जाधव जमीन पर जा गिरे. फिर उमेश राठोड व अजय राठोड ने लठ से हमला किया. इसके बाद वे दोनों मृतक सतिश मडावी के पीछे लगे. कुछ दूरी पर सतिश मडावी जमीन पर गिरने के बाद उमेश राठोड व अजय राठोड लठ और कुल्हाडी से हमला किया और एक बडा पत्थर उठाकर सतिश मडावी के सिर पर दे मारा.
इसके बाद घायल श्यामराव जाधव ने दिनेश राठोड को फोन किया व हमले की जानकारी दी. दिनेश राठोड 5 मिनट में वहां पहुंचे. यह देखकर दोनों आरोपी नाले से भाग निकले. दिनेश राठोड ने जानकारी देकर चारपहिया वाहन बुलाया. उस वाहन में पुलिस पटेल गुल्हाने, माधव कावलकर भी पहुंचे. उन्हें श्यामराव ने जानकारी दी व मृतक सतिश मडावी वहां पडा है, ऐसा इशारे से बताया, इसके बाद घायल श्यामराव को वाहन में डालकर पहले चांदूर रेलवे के ग्रामीण अस्पताल व अमरावती के निजी अस्पताल में भर्ती किया. ग्रामीण अस्पताल में पुलिस कर्मचारी महादेव पोकले आये. उन्हें मिली जानकारी के आधार पर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई.
चांदूर रेलवे पुलिस थाने में दर्ज अपराध की प्राथमिक जांच एपीआई निशांत फुलेकर ने की. बकाया तहकीकात पुलिस निरीक्षक ब्रह्मदेव शेलके ने की और दोषारोपपत्र अदालत में पेश किया. इस मामले में आरोपी उमेश व अजय को छोडकर अन्य आरोपियों को जमानत दे दी गई. मुख्य दो आरोपियों के अलावा बकाया 8 आरोपियों पर आरोपियों को आश्रय देने का आरोप लगाया गया था. आरोपी उमेश व अजय पर सतिश मडावी की हत्या, घायल श्यामराव पर हमला करने व सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया था. आरोपियों पर दोष सिध्द करने के लिए सरकारी पक्ष की ओर से जिला सरकारी वकील परिक्षित शरद गणोरकर ने 11 गवाहों के बयान लिये. इसमें से नरेंद्र अपने बयान से मुकर गया. इस मुकदमे में घायल श्यामराव जाधव, स्वास्थ्य अधिकारी, पंचगवाह के बयान महत्वपूर्ण रहे. दलीले पेश करने के बाद अदालत ने आरोपी उमेश राठोड व अजय राठोड को पुलिस कर्मचारी सतिश मडावी की हत्या के लिए दोषी करार देते हुए दफा 302 के तहत उम्रकैद कारावास व प्रति 25 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर एक वर्ष का साधा कारावास की सजा, इसी तरह घायल सहायक उपनिरीक्षक श्यामराव जाधव पर जानलेवा हमला करने के मामले में दफा 307 के तहत दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास व प्रति 5 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 6 माह साधा कारावास की सजा सुनाई. बाकी 8 आरोपियों को सबूत के अभाव में बाईज्जत बरी कर दिया. जुर्माने की कुल 40 हजार रकम मृतक मडावी के परिवार व 10 हजार रुपए घायल जाधव को भरपाई के रुप में देने के आदेश दिये है. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से सरकारी वकील परीक्षित शरद गणोरकर ने दलीले पेश की. इस मामले में पैरवी अधिकारी के रुप में काँस्टेबल अतुल क्षिरसागर, एनसीपी अरुण हटवार ने सहयोग किया.

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