* नांदगांव खंडेश्वर तहसील में भाई ने ही भाई को दराती से मार डाला था
अमरावती/ दि.5– बुआ के घर सोने के लिए गए युवक पर देर रात के समय उसके ही भाई ने दराती से अपने सगे भाई पर हमला कर उसकी बेरहमी से हत्या कर डाली. यह सनसनीखेज घटना मंगरुल चव्हाला पुलिस थाना क्षेत्र के नांदगांव खंडेश्वर तहसील स्थित ग्राम तिघारा में दो वर्ष पूर्व उजागर हुई थी. इस मुकदमे में जिला न्यायालय क्रमांक 1 के न्यायमूर्ति एस.एस.अडकर की अदालत ने आरोपी दिलीप रामचंद्र मडावी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.
दिलीप रामचंद्र मडावी (33, ग्राम तिघारा, तहसील नांदगांव खंडेश्वर) यह उम्रकैद व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा पाने वाले हत्यारे का नाम है. सोनाबाई उदयभान मडावी (70, तिघाडा) ने मंगरुल चव्हाला पुलिस थाने में दी शिकायत के अनुसार सोनाबाई उसके भतीजे के साथ तिघारा में रहती है. आरोपी दिलीप व मृतक सागर यह दोनों शिकायतकर्ता सोनाबाई के भतीजे है. घटना के समय मृतक सागर का घर गिर जाने के कारण सोनाबाई के घर सोने आता था. 8 मई 2020 की रात 10 बजे सागर सोनाबाई के घर सोने आया. सोनाबाई के आंगन में खटिया पर वह सो रहा था. उसके बाजू में सोनाबाई भी सो गई. करीब रात 11 बजे सोनाबाई को आवाज आयी. जिससे वह जाग गई. सोनाबाई ने देखा की आरोपी दिलीप के हाथ में दराती है. सागर के सीने पर दराती के घाव दिखाई दिये. आरोपी हमला करने के बाद हाथ में दराती लेकर बाजू की गली में रहने वाले पुलिस पटेल के यहां गया, उन्हें आवाज देकर उठाया, पुलिस पटेल के बाहर आने पर आरोपी दिलीप ने बताया कि, उसने सोनाबाई के आंगन में सागर का हाफ मर्डर किया है. इसपर पुलिस पटेल ने वहां जाकर देखा. मगर तब तक सागर की मौत हो चुकी थी. तब पुलिस पटेल ने पुलिस को फोन किया. सोनाबाई के साथ जाकर शिकायत दर्ज की गई. पुलिस ने तहकीकात कर अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया.
आरोपी के खिलाफ दोष सिध्द करने के लिए सरकारी पक्ष की ओर से जिला सरकारी वकील परिक्षित शरद गणोरकर ने सात गवाहों के बयान लिये. इनमें से चष्मदीद गवाह व शिकायतकर्ता सोनाबाई मडावी और दूसरा गवाह पुलिस पटेल पुंडलिक उईके अदालत में अपने बयान से मुकर गए. सरकारी पक्ष ने घटना का समय, तारीख, घटनास्थल, आरोपी के पास से बरामद हथियार, इसी तरह आरोपी ने अपराध के बारे में किये निवेदन से यह सिध्द किया. घटनाक्रम की श्रृंखला, इसी तरह विशेष तौर पर आरोपी ने अपराध के बारे में किया निवेदन यह सिध्द करने में अभियोग पक्ष सफल रहा. दलीले पेश करने के बाद अदालत ने दफा 302 के तहत आरोपी दिलीप को उम्रकैद की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. इस मुकदमे में प्राथमिक तहकीकात पुलिस उपनिरीक्ष राजू गायकी और आगे की तहकीकात व दोषारोपपत्र उपविभागीय पुलिस अधिकारी पूनम पाटील ने दायर किया. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से सरकारी वकील परीक्षित शरद गणोरकर ने दलीले पेश की. पैरवी अधिकारी के रूप में सी.एच.पिंजरकर व एनसीपी अरुण हटवार ने सहयोग किया.