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पुलिस उपनिरीक्षक को गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपियों की उम्रकैद कायम

उच्च न्यायालय ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला

* राज्यभर में गुंजा था मलकापुर में संजय चौगुले की हत्या का मामला
अमरावती/ दि.4– स्थानीय खोलापुरी गेट पुलिस थाने में कार्यरत पुलिस उपनिरीक्षक संजय चौगुले को रिवॉल्वर से गोली मारकर हत्या करने वाले दो आरोपियों को उम्रकैद के साथ अन्य सजा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने कायम रखी है. न्यायमूर्तिव्दय सुनील शुक्रे व गोविंद सानप की अदालत ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. बुलढाणा जिले के मलकापुर में घटी यह सनसनीखेज घटना पूरे राज्यभर में गुंजी थी.
राजू उर्फ मुकेश पूनमचंद डांगरे (48) व दीपक उर्फ गोलू आनंदा तायडे (40) यह सजा पाने वाले दोनों आरोपियों के नाम है. वे दोनों मध्यप्रदेश के निवासी है. 13 अप्रैल 2016 को मलकापुर सत्र न्यायालय ने दोनों आरोपियों को उम्रकैद के साथ विभिन्न समयावधि के कारावास की व जुर्माने की सजा सुनाई थी. उस फैसले के खिलाफ आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. अदालत ने रिकॉर्ड पर रहने वाले ठोस सबूतों को देखते हुए आरोपियों की अपील खारीज कर सत्र न्यायालय के फैसले को कायम रखा.

दरवाजा तोडकर चलाई गोलियां
आरोपी रुके उस घर की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उन्हें घर से बाहर आने की चुनौती दी, परंतु उन्होंने बंदूक में गोलियां भरकर हमले की तैयारी की. जिसके कारण पुलिस ने घर का दरवाजा बाहर से बंद कर सुरक्षा की दृष्टी से आजू-बाजू में दबकर बैठे, इसके बाद आरोपी घर का दरवाजा तोडकर बाहर आये और पुलिस पर अंधाधुंद गोलीबारी शुरु की. इसमें से एक गोली पुलिस उपनिरीक्षक संजय चौगुले के पेट में लगी. जिसके चलते उनकी मौत हो गई. सभी आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए थे, बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया.

खोलापुरी गेट पीछा कर रही थी
दीपक व अन्य आरोपी के खिलाफ खोलापुरी गेट पुलिस थाने में हत्या के प्रयास करने का अपराध दर्ज था. आरोपी फरार थे, इसके कारण पुलिस उनका पीछा कर रही थी. पुलिस निरीक्षक संजय देशमुख को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. आरोपी मलकापुर में रहने की गुप्त जानकारी पुलिस को मिली. जिसके कारण वे जनवरी 2011 में पुलिस उपनिरीक्षक संजय चौगुले अन्य पुलिस कर्मचारियों को साथ लेकर मलकापुर गए थे.

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