अमरावती

हत्यारोपी को आजीवन कारावास

एड.पंकज इंगले की सफल पैरवी

अमरावती/ दि.17– स्थानीय जिला सत्र न्यायाधीश बेंच-1 के न्यायमूर्ति एस.एस.अडकर ने हत्यारोपी संतोष बघेले को आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए दंड तथा दंड नहीं भरने पर एक साल के सादे कारावास की सजा सुनाई है.
इस्तेगासे के अनुसार हत्या की वारदात 14 नवंबर 2016 में रात 7.30 बजे के करीब वरुड के विजय टॉकीज में घटीत हुई थी. रोशनखेडा में रहने वाला मृतक बाल्या उर्फ प्रदीप बोरीवाल यह विजय टॉकीज में गेटकिपर के रुप में काम करता था. घटना के समय मृतक बाल्या और शिकायतकर्ता लिलाधर शेलके व टॉकीज में काम करने वाले अन्य कर्मचारी टॉकीज के गेट के सामने बैठे हुए थे. इस समय टेंभुरखेडा में रहने वाले आरोपी संतोष बघेले वहां पर पहुंचा और उसने टॉकीज के मालिक के बारे में पूछताछ की. इसके बाद वह संतोष बघेले को टॉकीज की उत्तरी दिशा में रहने वाली बालकनी के जिने की दिशा में ले गया. वहां पर दोनों एक दूसरे के साथ कुछ बात कर रहे थे. तभी अचानक आरोपी संतोष बघेले ने बाल्या उर्फ प्रदीप बोरीवाल के पेट में चाकू घोंप दिया. इसके बाद आरोपी वहां से भाग निकला. तभी लिलाधर शेलके और अन्य कर्मचारी बाल्या के पास पहुंचे. तब उसने बताया कि उसे चाकू मारा है. इसके बाद टॉकीज के मालिक और पुलिस स्टेशन को जानकारी दी गई. बाल्या को वरुड के अस्पताल में दाखिल किया गया, लेकिन हालत गंभीर होने से उसे अमरावती रेफर किया गया. किंतु बीच रास्ते में ही बाल्या की मौत हो गई. लिलाधर शेलके की शिकायत पर वरुड पुलिस ने आरोपी संतोष बघेले के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्ज किया. गवाहों के बयान दर्ज कर जांच पडताल करने के बाद आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा करने के बाद न्यायालय में दोषारोपपत्र दाखिल किया गया. इस मामले में आरोपी ने अपना मानसिक संतुलन ठिक नहीं होने का आवेदन न्यायालय में दाखिल किया था. जिसके बाद मेडिकल जांच के लिए अभियोक्ता पक्ष ने आरोपी को यवतमाल के मेडिकल बोर्ड के पास ले जाकर जांच कराने का आवेदन किया था. उसे न्यायालय ने मंजूर कर आरोपी को वैद्यकीय जांच के लिए यवतमाल मेडिकल बोर्ड में भेजने को लेकर अमरावती जेल अधिक्षक को आदेश दिये. आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार आरोपी का मानसिक संतुलन ठिकठाक होने की जानकारी यवतमाल मेडिकल बोर्ड ने न्यायालय में दर्ज रिपोर्ट में जताई. उसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति अभियोग पक्ष को दी गई. इस मामले में सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील एड.पंकज इंगले ने 9 गवाहों के बयान दर्ज किये. गवाहों के बयान को पुख्ता सबूत मानते हुए आरोपी संतोष बघेले को धारा 302 के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए दंड तथा दंड नहीं भरने पर एक वर्ष की सादे कारावास की सजा सुनाई. इस दौरान एड.राजेंद्र बायस्कर और एनपीसी अरुण हटवार ने भी सरकारी पक्ष को मदद की.

Related Articles

Back to top button