अमरावती

अंतरिक्ष में जीवन आसान नहीं

होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केंद्र के निवृत्त वैज्ञानिक अधिकारी आनंद घैसास का कथन

* सोमेश्वर पुसदकर व्याख्यानमाला

अमरावती /दि. 13– अंतरिक्ष विजेता होने के लिए मजबूत शारीरिक व मानसिक क्षमता तो लगतीही है साथही जीवन दांव पर लगाने की तैयारी रखनी पडती है, ऐसा प्रतिपादन होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केंद्र के निवृत्त वैज्ञानिक अधिकारी आनंद घैसास ने सोमवार को यहां किया. स्व. दत्तात्रय पुसदकर शिक्षण संस्था अमरावती द्वारा संचालित स्व. दत्तात्रय पुसदकर कला महाविद्यालय नांदगांव पेठ की तरफ से आयोजित स्व. सोमेश्वर पुसदकर व्याख्यानमाला में ‘अंतरिक्ष का जीवन’ विषय पर वे बोल रहे थे.

इस अवसर पर उन्होंने दैनंदिन जीवन के पानी पिने, भोजन करने, ब्रश करने, सोने आदि सादी बातों पर चर्चा करते हुए अंतरिक्ष में कितना कठीण रहता है यह अपनी शैली में अनेक विडिओ क्लिप के माध्यम से बताया. इस अवसर पर उन्होंने मनुष्य का अंतरिक्ष पर, अलग-अलग देशो का अंतरिक्ष अभियान, भारत की इस विषय की प्रगति आदि बाबत करीबन ढाई घंटे तक अपनी शैली में अनेक नई जानकारी दी. प्रारंभ में स्व. दत्तात्रय पुसदकर कला महाविद्यालय को नैक द्वारा बी-प्लस श्रेणी का मानांकन मिलने पर पूर्व विधायक बी. टी. देशमुख, संपादक प्रदीप देशपांडे के हाथों महाविद्यालय की अध्यक्षा वृषाली पुसदकर, उपाध्यक्ष निदान बारस्कर, सचिव श्रीकृष्ण बालापुरे, कोषाध्यक्ष ज्ञानेश्वर हिवसे, प्राचार्य विजय दरणे, समन्वयक डॉ. पंकज जायले, डॉ. विकास अडलोक, संस्था के कार्यकारिणी सदस्य रेवन पुसदकर, अनुराग वारेकर समेत सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का स्मृतिचिन्ह देकर सत्कार किया गया.
प्रारंभ में व्याख्यानमाला के समन्वयक अविनाश दुधे ने मनोगत व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन प्रा. डॉ. गोविंद किरमनवार ने, प्रास्ताविक प्राचार्य डॉ. विजय दरणे ने तथा आभार प्रदर्शन पंकज मोरे ने किया. व्याख्यानमाला में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप देशपांडे, एड. किशोर देशपांडे, डॉ. अविनाश चौधरी, मनपा के सहायक आयुक्त भूषण पुसतकर, दिलीप पाटील, एम. टी. देशमुख, राजाभाऊ देशमुख (तलवेलकर), नितीन हिवसे, डॉ. संजय खडसे, डॉ. अलका कुथे, जयंत दलाल, पत्रकार सनत आहाले, वैभव दलाल समेत अनेक मान्यवर उपस्थित थे.

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