आत्महत्या न करने की प्रेरणा से जीवन सवारा
जिला अस्पताल में दो मानसोपचार तज्ञ नियुक्त
* जिले में एक साल के अंदर 2,354 लोगों ने गटका जहर
अमरावती/दि.16– विभिन्न कारणों से निराश होकर आत्महत्या का प्रयास जिले के हजारों लोगों ने किया है. इसमें 2 हजार 354 लोगों ने जहर गटक लिया. उन्हें जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया. इलाज के बाद जीवनदान देकर प्रकल्प प्रेरणा योजना अंतर्गत समुपदेश कर फिर आत्महत्या न करने की प्रेरणा देकर उनका जीवन सवारा, ऐसी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने दी है.
जिला सामान्य अस्पताल में दो मानसोपचार तज्ञ नियुक्त किये गए है. एक डॉक्टर अस्पताल में और एक डॉक्टर सर्व शासकीय अस्पताल समेत पीएचसी के संपर्क में रहते है. प्रेरणा प्रकल्प अंतर्गत यह सबकुछ किये जाने की जानकारी डॉ.स्वाती सोनोने ने दी.
5270 का समुपदेश
आर्थिक स्त्रोत ठिक न होने के कारण कई लोगों को तनाव का सामना करना पडता है. इसके कारण किसान अधिक इस दिशा में गलत कदम उठाते है. आत्महत्या के व्दारा अकाल मौत की घटना रोकने के लिए जिले में 5270 तनाव पीडित व्यक्तियों का समुपदेशन करने की जानकारी डॉ.सोनोने ने दी.
निराशा हो तो क्या करे?
– जिले के 5270 लोगों को निराशा होने का सर्वे में स्पष्ट हुआ. उनका समुपदेश किया गया.
– आर्थिक संकट का सामना करने के लिए सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए संबोधित किया.
– अति डिप्रेशन में रहने वाले व्यक्तियों की मानसोपचार तज्ञों व्दारा जांच कराने की सलाह दी गई.
क्या है प्रकल्प प्रेरणा
डिप्रेशन रेटीन स्कॉय (पीएचक्यू-12) को प्रेरणा प्रकल्प कहते है. वर्ष 2007 में राज्य शासन ने यह योजना तैयार की. इसके लिए सरकारी अस्पताल में मानसोपचार तज्ञों की नियुक्ति की गई. 12 प्रश्नों के उपकरणों व्दारा मानसिक स्थिति निश्चित की जाती है.
जिलेभर में प्रेरणा प्रकल्प
जिलेभर में प्रेरणा प्रकल्प चलाया जा रहा है. प्रश्नावलि के अनुसार डिप्रेशन अंकित किया जाता है. सीवीअर डिप्रेशन रहने वाले मरीजों को जिला सामान्य अस्पताल में भिजवाया जाता है, वहां हम उनपर इलाज करते है.
– डॉ.अमोल गुल्हाने, मानसोपचार तज्ञ, इर्विन अस्पताल