67 में से 58 श्वानों को जीवनदान, 9 श्वान की मौत
प्राणी प्रेमी वसा संस्था का प्रशंसनीय कार्य
अमरावती/दि.30– जख्मी प्राणियों के दर्द को ठीक करने वाले वसा संस्था के पदाधिकारियों ने रेस्क्यू कर लाए 67 श्वानों पर उपचार किया है. लेकिन किमोथैरपी के दौरान 9 श्वानों की मृत्यु हुई है तथा अन्य 58 श्वानों को जीवनदान मिला है. पूर्ण रुप से ठीक हुए इन श्वानों को पश्चात उनके स्थानों पर छोड दिया गया है. इन श्वानों पर किमोथैरपी शुरु करने के पूर्व और बाद में उनके रक्त की जांच होती है. पश्चात उनकी उपचार पद्धति निश्चित की जाती है, ऐसा वसा के वेरटरनरी सर्जन डॉ. सुमित वैद्य ने कहा.
वसा संस्था को जख्मी प्राणियों की सहतायता के लिए पूरे दिन में 30 से 40 रेस्क्यू कॉल आते हैं. इसमें प्रमुख रुप से दुर्घटना में जख्मी हुए श्वान, बिल्ली, गाय-भैंस, सूअर, घोडों का समावेश रहता है. छोटे प्राणियों के यातायात के लिए छोटी एम्बुलेंस की भी व्यवस्था है. लेकिन बडे प्राणियों के यातायात के लिए वसा संस्था के पास बडा प्रश्न है. साथ ही हर दिन जख्मी प्राणियों के केसेस अमरावती में बढ रहे है. इस कारण इन प्राणियों को रखने की व्यवस्था पर प्रभाव पडता है. वसा सेंटर पर अब एक्स-रे मशीन, रक्त जांच मशीन और गैस एनेस्थिशिया की सुविधा उपलब्ध है. प्राणी प्रेमी नागरिकों व्दारा सामने आकर इन मूक प्राणियों के लिए सहायता करना आवश्यक है, ऐसा वसा संस्था के सचिव गणेश अकर्ते ने कहा.
* किमोथैरपी से 39 मादा श्वान की बचाई जान
इस वर्ष संपूर्ण अमरावती शहर से वसा संस्था के रेस्क्यू दल ने किमोथैरपी से 58 श्वानों के प्राण बचाए हैं. इसमें 18 नर और 39 मादा श्वान का समावेश है. इसमें कुछ श्वान को म्यामेरी ग्ल्यांड ट्यूमर हुआ था तथा कुछ श्वानों को ट्रांसमर्सिबल वेनेरल ट्यूमर हुआ था. श्री गोरक्षण वेटेनरी हॉस्पिटल में डॉ. दीपक कर्हे और डॉ. सुमित वैद्य ने इन श्वानों को किमोथैरपी दी. वसा एनिमल रेस्क्यू सेंटर में इसका उचित ध्यान रखा गया. ट्यूमर रहे श्वानों का ऑपरेशन किया गया.
* कैंसर ठीक करने किमोथैरपी प्रभावी
कैंसर ठीक करने के लिए किमोथैरपी एकमात्र प्रभावी उपचार है. सडक से रेस्क्यू कर लाए कैंसरग्रस्त श्वानों को दुय्यम संसर्ग का भय रहता है. कैंसर के कारण उनका वजन कम होता है अथवा शरीर में रक्त की कमी रहती है. ऐसी परिस्थिति में उपचार के पूर्व उन्हें अच्छा अनाज दिया जाता है. पश्चात उनकी रक्त जांच की जाती है और उन पर किमोथैरपी की जाती है. कैंसर विरोधी दवाई के कारण कुछ श्वानों में बाल गिरना और कम खाना आदि लक्षण दिखाई देते हैं, ऐसा डॉ. दीपक कर्हे ने कहा.