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हत्यारोपी प्रकाश उईके को आजीवन कारावास

अपनी ही पत्नी को उतारा था मौत के घाट

* शराब पीने के लिए पैसे मांगने को लेकर हुआ था विवाद

* एड. सोनाली क्षीरसागर की सफल पैरवी

अमरावती/दि.29- स्थानीय चतुर्थ जिला व सत्र न्यायाधीश श्रीमती एस. ए. सिन्हा की अदालत ने अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में नामजद किये गये प्रकाश पांडूरंग उईके को धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 10 हजार रूपये के आर्थिक जुर्माने व जुर्माना अदा नहीं करने की सूरत में एक वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता एड. सोनाली क्षीरसागर ने सफलतापूर्वक पैरवी करते हुए आरोपी को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
इस्तगासे के मुताबिक 31 अगस्त 2019 की रात 8 बजे वरूड तहसील अंतर्गत पंढरी गांव निवासी अनिता प्रकाश उईके किराणा सामान लेने के लिए दुकान गई थी, तभी उसका पति प्रकाश पांडूरंग उईके वहां पर पहुंचा और उसने अनिता से शराब पीने के लिए पैसे मांगे. अनिता द्वारा पैसे देने से इन्कार किये जाने पर प्रकाश ने उससे किराणा दुकान के सामने ही मारपीट करनी शुरू कर दी और वह उसे मारते-पीटते हुए ही घर लाया. इस समय घर पर अनिता व प्रकाश के दोनों बच्चे भी मौजूद थे. जिन्होंने अपनी मां को बचाने का प्रयास किया, लेकिन प्रकाश इन दोनों की ओर भी मारने-पीटने के लिए दौडा. जिसके बाद दोनों बच्चे घबराकर गांव में ही रहनेवाली अपनी नानी सुमन संतोष इरपाची के घर भाग गये. जहां पर उन्होंने अपनी नानी को पूरी बात बतायी. पश्चात दोनों बच्चों व अपने बेटे को साथ लेकर सुमन इरपाची प्रकाश के घर पहुंची. जहां पर प्रकाश अनिता को लाठी से बुरी तरह पीट रहा था और समझाने का प्रयास करने पर किसी की भी नहीं सुन रहा था. ऐसे में सभी लोग एक बार फिर सुमन इरपाची के घर वापिस आ गये और दूसरे दिन सुबह जब दोनों बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार करने हेतु वे वापिस अनिता के घर पहुंचे, तो अनिता वहां पर मृत पडी दिखाई दी. जिसके बाद सुमन इरपाची ने शेंदूरजनाघाट पुलिस थाने जाकर प्रकाश उईके के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी. जिसके आधार पर प्रकाश उईके के खिलाफ शेंदूरजनाघाट पुलिस द्वारा धारा 302 के तहत अपराध दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार किया गया. पश्चात पुलिस ने अपनी जांच पूरी करते हुए अदालत में चार्जशीट दाखिल की. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील सोनाली क्षीरसागर द्वारा कुल 6 गवाह पेश किये गये. जिसमें से कोई भी होस्टाईल नहीं हुआ. साथ ही प्रकाश उईके की बेटी ने भी अपने पिता के खिलाफ गवाही दी. ऐसे में तमाम सबूतोें व गवाहों के मद्देनजर चतुर्थ जिला व सत्र न्यायाधीश श्रीमती एस. ए. सिन्हा ने आरोपी प्रकाश पांडूरंग उईके को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास व 10 हजार रूपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई. आर्थिक दंड अदा नहीं करने की सूरत में प्रकाश उईके को एक वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भूगतनी होगी. इसके साथ ही जिला न्यायाधीकरण ने मृतक अनिता उईके के दोनों बच्चों को कानूनी प्रावधान के अनुसार क्षतिपूर्ति मुआवजा दिये जाने का आदेश भी पारित किया है. इस मामले में जांच अधिकारी के तौर पर शे. घाट पुलिस स्टेशन के पीएसआई विनोद बाभूलकर व नापोकां अरूण हटवार ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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