अमरावती

साहित्यकृति कलाकृति होनी चाहिए

डॉ. रमेश अंधारे का प्रतिपादन

* मराठी भाषा गौरव दिन निमित्त विद्यापीठ में व्याख्यान व सत्कार
अमरावती/ दि. 2-हर व्यक्ति में साहित्यकृति और कलाकृति होना चाहिए ऐसा प्रतिपादन डॉ. रमेश अंधारे ने व्यक्त किया. स्थानीय संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में आयोेजित मराठी भाषा गौरव दिन के अवसर पर व्याख्यान व सत्कार के कार्यक्रम में व्यक्त किया.
भारतीय समाज में जाति का सवाल बडा जटिल तथा उलझा हुआ है. जाति की तीव्र अस्मिता उनमें श्रेणीबध्द विषमता, उनमें वैमनस्य और सभी से होनेवाले शोषण यह मुझे कादंबरी से लिखना है. इसके लिए मैंने पत्थर फोडकर जीनेवाले पाथवट जाति के लोगों की कथा का चयन किया है. पाथरवाट बोली और बहुजन समाज की बोली यह दोनों मिलाकर बनी विशिष्ट भाषा का उपयोग किया. किंतु इतने में ही कादंबरी के लेखक पूर्णत: की ओर अग्रसर नहीं होते. समकालीन वास्तविक चित्रण करते समय केवल उसका वर्णन करने से काम नहीं चलता. उस वास्तविकता को कल्पना की जोड देकर उसका पुनर्निर्माण होना महत्वपूर्ण है. साहित्यकृति यह कलाकृति के स्तर पर होना महत्वपूर्ण होता है. दगडी मक्ता इस कादंबरी में लेखक के रूप में मैंने यह प्रयास किया है. ऐसा प्रसिध्द कादंबरीकार प्राचार्य डॉ. रमेश अंधारे ने कहा. इस अवसर पर मंच पर विद्यापीठ के मराठी विभाग प्रमुख डॉ. मोना चिमोटे और विभाग में उनके सहयोगी डॉ.मनोज तायडे, डॉ. हेमंत खडके, डॉ. माधव पुटवाड मंच पर उपस्थित थे.
कार्यक्रम के प्रास्ताविक मोना चिमोटे ने अपने भाषण में मराठी भाषा की उज्जवल परंपरा का उपयोग किया है.
डॉ. चिमोटे ने मराठी भाषा गौरव दिन निमित्त आयोजित विविध कार्यक्रम में स्पर्धा, उपक्रम इसकी जानकारी भी उन्होंने उस समय दी. दगडी मक्ता इस कादंबरी को महाराष्ट्र फाउंडेशन की अतिशय प्रतिष्ठा का पुरस्कार मिला. इसकी खुशी भी उन्होंने व्यक्त की. इस कादंबरी के लेखक डॉ. रमेश अंधारे ने विशेष ग्रंथकार वि. वा. शिरवाडकर इस विषय के निमित्त बहुत प्रभावी और आत्मीय अध्यापन किया. उनके अध्यापन का संस्कार आज भी कायम है. ऐसा उन्होंने कहा.
दगडी मक्ता इस डॉ. रमेश अंधारे द्बारा लिखित कादंबरी को महाराष्ट्र फाउंडेश्न का पुरस्कार मिलने के कारण विद्यापीठ के मराठी विभाग की ओर से उसका सत्कार किया गया. मराठी विभाग के पूर्व प्रमुख व कला शाखा के पूर्व अधिष्ठाता डॉ. मनोज तायडे के हाथों डॉ. रमेश अंधारे का शाल, श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर उनका सत्कार किया गया. कार्यक्रम का सूत्रसंचालन व आभार प्रदर्शन डॉ. प्रणव कोलते ने किया.

Related Articles

Back to top button