अमरावती

राजकीय क्रांति की नींव है साहित्य सम्मेलन

डॉ. बी.आर. वाघमारे का प्रतिपादन

अमरावती/दि.4 – राजकीय क्रांति करनी हो तो उसकी नींव साहित्य सम्मेलन है ऐसा प्रतिपादन डॉ. वी.आर. वाघमारे ने व्यक्त किया. वे तीसरे अ.भा. आंबेडकरी महिला साहित्य सम्मेलन के समापन समारोह में बतौर अध्यक्ष के तौर पर बोल रहे थे. अ.भा. आंबेडकरी साहित्य व संस्कृति संवर्धन महामंडल व्दारा आयोजित प्रा. सतेश्वर मोरे परिसर के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर संस्कार भवन भीम टेकडी परिसर में बाबासाहब के प्रखर विचारों से प्रेरित होकर तथा प्रा. सतेश्वर मोरे के प्रथम स्मृति दिन के उपलक्ष्य में महिला साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
इस समय डॉ. बी.आर. वाघमारे ने सम्मेलन के सफल आयोजन पर आयोजकों को शुभकामनाएं भी दी. उनके हस्ते मुक्त मंथन अंक का प्रकाशन भी किया गया. साहित्य यह समाज का प्रतिबिंब है जिससे समाज घडता है. सम्मेलन के माध्यम से क्रांतिकारक समाज घडना भी चाहिए ऐसा आशावाद मुख्य अतिथि रविंद्र मुंदे ने सम्मेलन के दौरान व्यक्त किया. इस अवसर पर प्रमुख अतिथि डॉ. सीमा मेश्राम ने साहित्य सम्मेलन के आयोजन के लिए सर्वाधिक परिश्रम संजय मोखले ने किया जिसला उल्लेख उन्होंने किया व जानकारी दी.

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