70 एकड में लाइव कृषि प्रदर्शनी किसानों सहित सभी के आकर्षण का केंद्र
एक साल के परिश्रम से सजा है खेत व बागान

* आधुनिक पॉलीथीन मल्चिंग तकनीक का प्रयोग
* पहली भव्य कृषि प्रदर्शनी को विशेषज्ञों व अभ्यासकों ने दी भेंट
अमरावती /दि.28– देश के प्रथम कृषि मंत्री व शिक्षा महर्षि डॉ. पंजाबराव उर्फ भाउसाहब देशमुख की 125 वीं जयंती के निमित्त 70 एकड परिसर में आयोजित पहली भव्य-दिव्य एवं लाईव कृषि प्रदर्शनी किसानों सहित सर्वसामान्यों के आकर्षण का केंद्र साबित हो रही है. करीब एक साल के परिश्रम से विविध रंगों वाले झेंडू के फूलों सहित अन्य फूलों के बागान तथा साग-सब्जी, प्याज, मिर्ची, कपास, संतरा, मोसंबी व केले की खेती को आधुनिक तंत्रज्ञान के जरिये सजाया गया है. जिसे मौजूदा युवा पीढी ने अवश्य देखना चाहिए, ऐसी राय कई कृषि विशेषज्ञों ने इस राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर दी.
पॉलीथीन मल्चिंग तकनीक के जरिए खेती-किसानी करने पर उत्पादन में निश्चित ही वृद्धि होती है. जिसे देखते हुए इसी तकनीक का प्रयोग कर साग-सब्जियों सहित विभिन्न फसले उगाई गई है. जिन्हें सभी के द्वारा देखा जा सकता है. इसके साथ ही यहां पर पानी का कम प्रयोग करते हुए बेहतरीन उत्पादन देने वाले ठिंबक व सिंचन तकनीक का भी प्रयोग किया गया है. इस विस्तीर्ण परिसर में विविध आधुनिक कृषि उपकरण, ट्रैक्टर, खाद्य पदार्थ, वनस्पती, शोभा वाले वृक्ष एवं विविध उत्पादनों के स्टॉल्स भी सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे है.
* भाउसाहब को दिया जाये भारतरत्न सम्मान
– विधायक ठाकुर ने फिर दोहराई मांग
राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के संस्थापक, देश के प्रथम कृषि मंत्री तथा भारतीय संविधान समिति के सदस्य के तौर पर डॉ. पंजाबराव उर्फ भाउसाहब देशमुख द्वारा किये गये कार्यों को अतुलनीय बताते हुए कहा कि, भाउसाहब ने दूर दृष्टि रखते हुए कृषि क्षेत्र में नये-नये तकनीकी ज्ञान को जोडा. साथ ही भेदभाव व जाति भेद को परे रखते हुए सभी को समान समझने का विचार समाज के समक्ष रखा. उनके इन्हीं विचारों व पुरोगामी नेतृत्व के साथ ही उनके आदर्श व्यक्तित्व को देखते हुए उन्हें देश के सर्वोच्च नागरी सम्मान भारतरत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए.