50 फीसद अनुदान पर मिलता है कर्ज
महात्मा फुले विकास महामंडल की अनुदान व पुंजी निवेश योजना

अमरावती /दि. 5– अनुसूचित जाति व नवबौद्ध संवर्ग के लोगों को स्वयंरोजगार हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने महात्मा फुले मागासवर्ग विकास महामंडल की स्थापना की थी. यह महामंडल समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्यरत है. जहां पर व्यवसाय शुरु करने की इच्छा रहनेवाले उम्मीदवार आगामी अप्रैल माह से आवेदन प्रस्तुत कर सकते है.
महामंडल द्वारा 50 फीसद अनुदान की योजना चलाई जा रही है. इस प्रकल्प की मर्यादा 50 हजार रुपए है. इसके तहत अधिक से अधिक 25 हजार रुपए तक अनुदान दिया जाता है. वहीं शेष रकम बैंकों के मार्फत प्रदान की जाती है. बैंकों द्वारा दर्ज पर नियमानुसार ब्याज लगाया जाता है और कर्ज की अदायगी तीन साल में करनी होती है. पुंजी निवेश यानी बीज भांडवल योजना के तहत 50 हजार रुपए से 5 लाख रुपए तक कर्ज दिया जाता है. प्रकल्प मर्यादा का 20 फीसद पुंजी निवेश कर महामंडल द्वारा 4 फीसद ब्याज दर पर दिया जाता है. इसी राशि में महामंडल के अनुदान का समावेश है. वहीं बैंक द्वारा 75 फीसद कर्ज दिया जाता है और आवेदक को 5 फीसद हिस्सा अपने पास से भरना पडता है.
* 50 हजार से 5 लाख रुपए तक कर्ज
बीज भांडवल योजना में 50 हजार से 5 लाख रुपए तक कर्ज दिया जाता है. आवेदक द्वारा दस्तावेजों की पूर्तता कर आवेदन पेश करना होता है. जिसमें कोई भी त्रुटी रहने पर बैकों की ओर से कर्ज देने में आनाकानी की जाती है.
* 5 वर्ष में 248 मामले मंजूर
व्यवसाय शुरु करने हेतु विगत 5 वर्ष के दौरान महामंडल के पास 1645 प्रस्ताव आए थे. जिसमें 248 मामलों को मंजूरी दी गई. कर्ज मंजूरी के अधिकांश मामलों में बैंको की ओर से काफी हद तक नकारात्मक रुख दर्शाया जाता है.
* कौनसे दस्तावेज जरुरी
आवेदक के पैन कार्ड, जनधन खाते की पासबुक की झेरॉक्स, कर्ज मंजूर होने के बाद 10 पोस्ट डेटेड चेक, जाति व आय प्रमाणपत्र, राशनकार्ड, आधार कार्ड व निवासी प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज आवेदन के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है.
* कौनसे व्यवसाय हेतु कर्ज
आवेदक किसी भी तरह का व्यवसाय शुरु करने हेतु कर्ज के लिए आवेदन कर सकता है. जिसके लिए व्यवसाय का कोई बंधन नहीं है, जनरल स्टोर्स, किराणा दुकान, दूध डेअरी, मंडप डेकोरेशन, सब्जी विक्री, कपडा विक्री, बकरी पालन, रेडीमेड गारमेंटस्, आटा चक्की सहित किसी भी व्यवसाय के लिए कर्ज हेतु आवेदन किया जा सकता है.
* वसूली के लिए उपाययोजना
कर्ज लेनेवाले आवेदक द्वारा नियमित तौर पर इमानदारी के साथ कर्ज की अदायगी की जाए, ऐसी अपेक्षा व्यक्त की जाती है. परंतु कुछ लोगों की यह मानसिकता होती है कि, सरकारी योजना के तहत मिली रकम को वापिस लौटाने की जरुरत ही नहीं होती. ऐसे में कई लोग कर्ज के लेने के बाद उसकी अदायगी की अनदेखी करते है. ऐसे समय कर्ज देनेवाली बैंकों द्वारा कर्ज वसूल करने के लिए सख्त कदम उठाए जाते है.
* स्वयंरोजगार हेतु अनुसूचित जाती व नवबौद्ध घटक के आवेदकों द्वारा अप्रैल माह से अपने प्रस्ताव पेश किए जा सकेंगे. इस योजना के तहत 50 फीसद अनुदान योजना में 50 हजार तक कर्ज दिया जाता है. जिसमें अब तक 20 फीसद यानी 10 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है. साथ ही अब जल्द ही इस योजना में 50 फीसद यानी 25 हजार रुपए तक अनुदान का प्रावधान किया गया है.
– माधुरी अवधाते
जिला व्यवस्थापक, महात्मा फुले मागासवर्ग विकास महामंडल.