राज्य में अनलॉक के बाद भी जेल मुलाकात पर ‘लॉक’
डेढ वर्ष से कैदियों की उनके परिजनों से भेंट नहीं
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जेलों में अब भी कोविड नियमावली है कायम
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वीडियो कॉल व फोन के जरिये ही हो रहा संवाद
अमरावती/दि.26 – राज्य के सभी मध्यवर्ती, जिला व खुले कारागारों में विविध अपराधों की वजह से सजा भोग रहे अपराधियों की कोविड संक्रमण काल के दौरान उनके परिजनों के साथ मुलाकात बंद करा दी गई थी, ताकि किसी बाहरी व्यक्ति की वजह से जेल के भीतर कोविड वायरस का संक्रमण न पहुंचे. हालांकि इसके बावजूद भी कई जेलों में कुछ कैदी कोविड संक्रमण की चपेट में है. वहीं अब कोविड संक्रमण को लेकर हालात काफी नियंत्रण में आ चुके है तथा अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. किंतु कैदियों व उनके परिजनों की मुलाकात पर लगाये गये ‘लॉक’ को अब तक खोला नहीं गया है और विगत डेढ वर्ष से जेलों में बंद कैदी अपने रिश्तेदारों से वीडियो कॉलींग व फोन के जरिये ही संवाद साध रहे है.
बता दें कि, कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा तमाम ऐहतियाती कदम उठाये गये. जिसके तहत नये कैदियों के लिए जेल परिसर के बाहर अस्थायी जेल बनायी गई. जहां पर नये सजायाप्ता व विचाराधीन कैदियों को पहले 14 दिन कोरोंटाईन रखा जाता था एवं कोरोंटाईन अवधि पूर्ण करने के बाद ही उन्हें मुख्य जेल में शिफ्ट किया जाता था. साथ ही जेल में भीडभाड को कम करने के उद्देश्य से कई कैदियों को पैरोल पर भी रिहा किया गया और जेल में बंद कैदियों से उनके परिजनों की मुलाकात पर प्रतिबंध लगा दिया गया, ताकि वे किसी भी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आने की वजह से कोविड संक्रमण की चपेट में न आये और उनके जरिये जेल में बंद अन्य कैदियों तक यह संक्रमण न फैले. किंतु कोविड संक्रमण की लहर का असर कम होने तथा समूचे राज्य में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद राज्य की सभी जेलोें में कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों को अब भी कडाई के साथ लागू रखा गया है और इनमें किसी तरह की कोई ढिलाई नहीं दी गई है. ऐसे में कैदियों से उनके परिजन मुलाकात करने हेतु जेल नहीं आ पा रहे है और कैदियों को फोन कॉल व वीडियो कॉल के जरिये ही अपने परिजनों से बातचीत करते हुए संतोष करना पड रहा है.
वीडियो कॉलींग के लिए मिलते है 10 मिनट
इस समय भले ही कैदियोें की अपने परिजनों से प्रत्यक्ष मुलाकात बंद है, किंतु कोविड काल के दौरान जेल में बंद कैदियों को अपने परिजनों व नजदिकी रिश्तेदारों के साथ वीडियो कॉल व फोन कॉल के जरिये बात करने की सुविधा उपलब्ध करायी गई है. जिसके लिए उन्हें 10 मिनट का समय उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए सेंट्रल जेल में एक स्वतंत्र व्यवस्था की गई है, ऐसी जानकारी अमरावती मध्यवर्ती कारागार के अधिक्षक रमेश कांबले ने दी है.
9 सेंट्रल जेलों में बढी भीड
अमरावती, नागपुर, औरंगाबाद, येरवडा (पुणे), तलोजा, ऑर्थर रोड, नाशिक, ठाणे व कोल्हापुर जेलों में कुल 23 हजार 217 कैदियों को रखे जाने की क्षमता है. जहां पर इस समय 32 हजार 256 यानी क्षमता से अधिक कैदी रखे गये है. यह स्थिति तब है, जब कई कैदियों को पैरोल पर छोडा गया है, अन्यथा यह आंकडा और भी अधिक हो सकता था.
एक्रेलिक कांच के सामने इंटरकॉम पर बात है बंद
समूचे राज्य की जेलों में कैदियों व उनके परिजनों की मुलाकात व बातचीत के लिए एक्रेलिक कांच की पारदर्शक दीवार व इंटरकॉम फोन की सुविधा उपलब्ध करायी गई है. इस प्रणाली के तहत कांच के एक ओर कैदी होता है तथा दूसरी ओर उससे मुलाकात करने हेतु आये परिजन होते है. दोनों ही एक-दूसरे को साफ तौर पर देख सकते है तथा यहां पर बातचीत के लिए इंटरकॉम फोन की व्यवस्था रहती है. जिसके जरिये दोनों ओर के लोग एक-दूसरे से बात कर सकते है. किंतु प्रत्यक्ष मुलाकात के साथ-साथ इस व्यवस्था को भी विगत डेढ वर्ष से बंद रखा गया है.