लॉकडाउन काल : २८५ जोडे कोर्ट के जरिए हुए परिणयबध्द
नियमों का पालन कर मना रहे है शादी की खुशियां
अमरावती/दि.२१ – विवाह का नाम सुनते ही ध्यान आता है दुल्हा-दुल्हन के कपडे, गहने और विवाह को लेकर तैयारिंया, मेहंदी, हल्दी का कार्यक्रम, बैंडबाजा, बाराती, नाच-गाना आदि क्षण आंखों के सामने आ जाते है. परंतु लॉकडाउन के कारण शादी समारोह का ही बैंड बज गया था. जिसके कारण इच्छूक दुल्हा-दुल्हन को बगैर बैंड बाजे के ही शादी करनी पडी. इसी कारण कोर्ट मैरेज करने वाले वर-वधुओं के आंकडों में भी काफी बढोतरी हुई है. बीते ६ माह के दौरान २८५ जोडे विवाहबध्द होने के आंकडे सहायक उपनिबंधक विभाग कार्यालय व्दारा प्राप्त हुए है. विशेष बात देखी जाए तो अनलॉक के बावजूद भी अब शादियों की धूमधाम दिखाई नहीं दे रही है. लाखों रुपए खर्च की बजाए युवक-युवतियां भी अब कोर्ट मैरेज को प्राथमिकता दे रही है.
कोरोना संक्रमण के चलते लोगों में काफी दहशत निर्माण हुई हेै और बहोत परेशानियों का भी सामना करना पडा है. अधिकारी भी लगातार आह्वान कर रहे हैइ. इसी कारण शासन के नियमों का पालन करना भी लोगों के लिए बहोत ही जरुरी व जिम्मेदारी भी है. इसलिए कोर्ट मैरेज करने के लिए लोगों ने काफी पसंत किया है. कोरोना के चलते विवाह समारंभ में ज्यादा लोगों की भीड इकट्ठा करने पर पाबंदी होने के कारण विवाह समारोह में तामझाम न करते हुए केवल दुल्हा-दुल्हन के परिवार के लोग ही सादगी पूर्ण तरीके से विवाह समारोह संपन्न करा रहे है. जिस वजह से समय और पैसों की बर्बादी पर रोक लग गई है और पैसों की बचत भी हो रही है. इसलिए युवकों ने भी इस मार्ग को अपनाने कर कोर्ट मैरेज करने का निर्णय लिया ऐसा नवविवाहित दुल्हा शशांक वाडेकर ने बताया.
एक वर्ष ७२९ जोडियां विवाहबंध
जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित सह दुय्यम निबंधक वर्ग-२ तथा विवाह अधिकारी कार्यालय में विवाह पंजीयन के लिए रिकार्ड तोड भीड दिखाई दे रही है. लॉकडाउन के दौरान कार्यालय बंद होने के बावजूद कुछ इच्छुकों ने ऑनलाइन पध्दति से पंजीयन कराया. जिस कारण ११ महीने में ७२९ वर-वधु ने विवाह किया है. जिसमें लॉकडाउन की अवधि में मार्च से सितंबर में २८५ जोडे विवाह के बंधन में बंध गए. अप्रैल महीने में ९, मई माह में ३७, जून माह में ३८, जुलाई में ७४, अगस्त में ७४, सितंबर में ५३ और अक्तूबर में ७१ और नवंबर में १८ दिनों में ३६ शादियां हुई है.