बैंक में नहीं मिल रहे लॉकर, कहां रखे गहने?
अमरावती/दि.30– अपनी मूल्यवान वस्तुओं, दस्तावेजों व आभूषणों को रखने हेतु बैंक के लॉकर को सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है. एक बार यदि किसी व्यक्ति ने लॉकर किराए पर ले लिया, तो वह उसे अगले कई वर्ष तक छोडता ही नहीं. जिसके चलते सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के लॉकर हमेशा फुल रहते है और वहां पर लॉकर प्राप्त करने हेतु अच्छी खासी वेटींग चलती है. वहीं दूसरी ओर नागरी सहकारी बैंकों व जिला बैंकों की शाखाओं में लॉकर का वार्षिक किराया तुलनात्मक रुप से कम रहने के बावजूद भी वहां पर लॉकर खाली पडे रहते है. चूंकि नागरिकों का रुझान राष्ट्रीयकृत बैंकों की ओर अधिक है. ऐसे में आरबीआई ने लॉकर को लेकर रहने वाली प्रतिक्षा सूची घोषित करना अनिवार्य कर दिया है.
* बैंक के लॉकर का किराया कितना?
प्रत्येक बैंक के लॉकर को लेकर किराए की दरें अलग-अलग है. साथ ही इसके लिए नियम भी अलग-अलग है. इसमें राष्ट्रीयकृत बैंकों की शहरी क्षेत्र में स्थित बैंक शाखाओं के लॉकर का किराया अपेक्षाकृत तौर पर थोडा अधिक होता है. वहीं राष्ट्रीयकृत बैंकों की ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शाखाओं के लॉकर सहित सहकारी क्षेत्र की बैंकों के लॉकर का किराया थोडा कम रहता है. परंतु इसके बावजूद शहरी क्षेत्र में स्थित सहकारी क्षेत्र की बैंकों के ज्यादातर लॉकर खाली ही पडे रहते है. क्योंकि लोगबाग अपनी मौल्यवान वस्तुओं को रखने हेतु राष्ट्रीयकृत बैंकों के लॉकर को ही ज्यादा पसंद करते है.
* अधिकांश राष्ट्रीयकृत बैंकों के लॉकर फुल
कुछ बैंक शाखाओं मेें जानकारी हेतु पूछताछ करने पर पता चला कि, राष्ट्रीयकृत बैंकों के लगभग सभी लॉकर फिलहाल फुल है और वहां पर लॉकर मिलने हेतु अच्छी खासी प्रतिक्षा सूची है.
इससे उलट नागरी व सहकारी बैंकों में लॉकर सहज उपलब्ध है. जहां पर लॉकर का वार्षिक किराया भी कम है.
* क्या बढी मांग?
शहर एवं तहसील क्षेत्रों के बडे गांवों मेें चोरी की घटनाएं काफी अधिक बढ गई है. ताला गले रहने वाले घरों को ही चोरों द्वारा अपना निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे में मूल्यवान वस्तुएं, महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं सोने-चांदी के आभूषण को सुरक्षित रखने हेतु लॉकर को एक सुरक्षित पर्याय माना जाता है.