जिप की पुनर्रचना के संभावित बदलाव पर लगाया जा रहा तर्क वितर्क
जिले के राजनीतिज्ञों द्बारा लगाया जा रहा है गणित
अमरावती/दि.11– जिला परिषद में पूरी रचना प्रस्तुत न होने पर भी इस पर राजनीतिज्ञों ने अभी से ही राजनीतिक गणित लगाना शुरू कर दिया है. राजनीतिज्ञों के नुसार 18 लाख 18 हजार 511 जनसंख्या में अनुसार 14 में सेे 7 तहसील में जिला परिषद की 7 नये गुट तथा पंचायत समिति के 14 गणों की वृध्दि होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
देश में सन 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई. परंतु बढती जनसंख्या के अनुसार सदस्य संख्या बढाना आवश्यक है. जिसके कारण जिले में जिला परिषद की हाल ही में अस्तित्व में रहनेवाली 59 सदस्य संख्या होने पर जिसमें मेलघाट के धारणी, अंजनगांवसुर्जी, अचलपुर, चांदुरबाजार, वरूड, भातकुली, दर्यापुर, इन तहसील में बढती जनसंख्या को ध्यान में रखकर जिला परिषद के नये सात गुट बढाने की अधिक संभावना व्यक्त की जा रही है. परिणामस्वरूप जिला परिषद के सभागृह की संख्या से 66 से उपर पहुंचेगी. इसके अलावा 14 पंचायत समिति के गणों की वृध्दि होगी. जिसके कारण कौन से प्रवर्ग की कितनी सदस्य संख्या रहेगी, कहा वृध्दि होगी. महिलाओं के लिए कितनी जगह आरक्षित रहेगी. इसका राजनीतिक तर्क- वितर्क राजनीतिज्ञों की ओर से लगाया जा रहा है. जिसके कारण चुनाव विभाग की पुनर्रचना जिले में जिला परिषद की संभावित पुनर्रचना के कार्यक्रम संबंध में राजनीतिज्ञों की ओर से गणित लगाया जा रहा है.
* कच्चा ब्यौरा प्रस्तुत
राज्य चुनाव आयोग की ओर जिला प्रशासन ने विगत 13 फरवरी को जिला परिषद व पंचायत समिति का गुट और गणों का कच्चा प्रारूप ब्यौरा राज्य चुनाव आयोग की ओर प्रस्तुत किया है. किंतु इस पर आयोग की ओर से अभी तक कोई भी निर्णय नहीं हुआ. आयोग के निर्णय के बाद ही स्पष्ट होगा.
* राजनीतिक आरक्षण 50 प्रतिशतनुसार
अनुसूचित जाति सदस्य – 12
अनुसूचित जाति सदस्य – 13
नागरिको का पिछडा वर्ग- 8
सर्वसाधारण जगह- 33
कुल जनसंख्या- 18,51,158
नगर पंचायत शहरी- 32,647
ग्रामीण- 18,18,511
* महिला के लिए आरक्षित जगह संभावित
अनुसूचित जाति सदस्य- 6
अनुसूचित जमाती सदस्य- 7
नागरिको का पिछडा वर्ग- 9
सर्वसाधारण जगह- 11
* आरक्षण की उत्सुकता
राज्य शासन ने बढती जनसंख्या को ध्यान में रखकर विगत कुछ माह पूर्व जिला परिषद के गुट व पं.स. के गण बढाने का निर्णय लिया है. उसनुसार जिला परिषद के 7 नये गुट तथा 14 पंचायत समिति के गण नये तरीके से अस्तित्व में आयेंगे. पुराने गुट व गण अलग अलग होंगे. जिसके कारण गुट व गणों का आरक्षण क्या होगा. इसकी उत्सुकता राजनीतिज्ञों में लगी है.