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लोकसभा चुनाव इतिहास 2019

सन 2019 में कांग्रेस-एनसीपी समर्थन से मिली थी नवनीत राणा को जीत

* निर्दलीय के रुप में लडा था नवनीत राणा ने यह चुनाव
* शिवसेना के आनंदराव अडसूल को करना पडा था हार का सामना
* 24 उम्मीदवार थे चुनाव मैदान में
अमरावती/दि. 28 – वर्ष 2019 में अमरावती संसदीय क्षेत्र के चुनाव काफी रोमांचक हुआ था. कांटे की इस मुकाबले में कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन से निर्दलीय के रुप में चुनाव मैदान में उतरी नवनीत राणा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा-शिवसेना गठबंधन के शिवसेना उम्मीदवार आनंदराव अडसूल को 36 हजार 951 वोट से पराजित किया था. इस चुनाव में कुल 24 उम्मीदवार मैदान में थे.
वर्ष 2019 के अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव काफी रोमांचक हुए थे. इस चुनाव में वर्ष 2014 में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर लोकसभा चुनाव लडकर पराजित हुई नवनीत राणा ने इस बार कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन के साथ निर्दलीय के रुप में चुनाव लडा था. उनके सामने दो बार अमरावती संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे भाजपा-शिवसेना गठबंधन के शिवसेना उम्मीदवार आनंदराव अडसूल चुनाव मैदान में थे. इसके अलावा वंचित बहुजन आघाडी की तरफ से गुणवंत देवपारे, बसपा की तरफ से अरुण वानखडे, निर्दलीय के रुप में विजय विल्हेकर, मिनाक्षी कुरवाडे, अंबादास वानखडे, राजू जामनेकर, पंकज मेश्राम, प्रवीण सरोदे, राष्ट्रीय जनस्वराज्य पार्टी से नरेंद्र कठाने, बहुजन महा पार्टी से संजय आठवले, बहुजन मुक्ति पार्टी से पंचशीला मोहोड, आंबेडकरिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से नीलेश पाटिल, आंबेडकरिस्ट रिपब्लिकन पार्टी से विनोद गाडे, निर्दलीय के रुप में प्रमोद मेश्राम, अनिल जामनेकर, श्रीकांत रायबोले, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटीक) से निलिमा भटकर, निर्दलीय विलास थोरात, राजू सोनोने, राहुल मोहोड, ज्ञानेश्वर मानकर और राजू मानकर चुनाव मैदान में थे. इस चुनाव में अमरावती संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 18 लाख 33 हजार 91 थी. चुनाव प्रचार शुरु होते ही चुनावी वातावरण गरमाने लगा था. चुनाव के दौरान नवनीत राणा और आनंदराव अडसूल द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप किए जा रहे थे. पहले से ही चुनाव रोमांचक और कांटे का होने की संभावना जताई जा रही थी. कांटे के इस मुकाबले में 60.68 प्रतिशत यानी 11 लाख 12 हजार 385 मतदाताओं ने मतदान किया. चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी समर्थन में ‘पाना’ चुनाव चिन्ह पर निर्दलीय के रुप में चुनाव लडनेवाली नवनीत राणा 5 लाख 10 हजार 947 वोट लेकर निर्वाचित हुई. भाजपा-शिवसेना गठबंधन के शिवसेना उम्मीदवार आनंदराव अडसूल को 4 लाख 73 हजार 996 वोट मिले और वे दूसरे स्थान पर रहे. इस चुनाव में उन्हें 36 हजार 951 मतो से हार का सामना करना पडा था. चुनाव के बाद आनंदराव अडसूल की तरफ से नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी. इस कारण यह प्रकरण 2024 के चुनाव की घोषणा होने तक काफी चर्चा में रहा.

* उम्मीदवारों को मिले वोट
उम्मीदवार                         पार्टी                        मिले वोट
नवनीत राणा                    निर्दलीय                     510947
आनंदराव अडसूल             शिवसेना                     473996
गुणवंत देवपारे                 वंचित बहुजन आघाडी   65135
अरुण वानखडे                  बसपा                         12336
विजय विल्हेकर                निर्दलीय                     10565
मिनाक्षी कुरवाडे                निर्दलीय                     6602
अंबादास वानखडे              निर्दलीय                     4754
राजू जामनेकर                  निर्दलीय                    3556
पंकज मेश्राम                    निर्दलीय                    2355
प्रवीण सरोदे                     निर्दलीय                    1736
नरेंद्र कठाने                      आर. जन पार्टी            1654
संजय आठवले                  बहुजन महा पार्टी        1522
पंचशीला मोहोड                 बहुजन मुक्ति पार्टी      1499
नीलेश पाटिल                     एपीओएल               1229
विनोद गाडे                        एआरपी                   1211
प्रमोद मेश्राम                      निर्दलीय                  1090
अनिल जामनेकर                निर्दलीय                  1088
श्रीकांत रायबोले                  निर्दलीय                  1007
निलिमा भटकर                  पीपीआईडी               991
विलास थोरात                    निर्दलीय                  950
राजू सोनोने                       निर्दलीय                  901
राहुल मोहोड                      निर्दलीय                  774
ज्ञानेश्वर मानकर                निर्दलीय                  676
राजू मानकर                     निर्दलीय                   489
कुल                                                            1112385

* 5322 मतदाताओं ने दबाया ‘नोटा’ का बटन
2019 के चुनाव में संपूर्ण जिले में जिला प्रशासन द्वारा मतदान अधिक से अधिक करने और ‘नोटा’ का इस्तेमाल न करने के लिए जनजागरण अभियान चलाया था. इसके बावजूद अमरावती संसदीय क्षेत्र में 5322 मतदाताओं ने किसी भी उम्मीदवार को अपना मतदान न देते हुए मतदान केंद्र पर पहुंचकर ‘नोटा’ का बटन दबाया और वापस लौट आए थे.

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