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लोकविद्यापीठ चाहिए गांव-गांव में

जनवरी में कृषि मंत्री देंगे भेंट

* डॉ. मंगेश देशमुख व्दारा जानकारी
अमरावती/दि.22– भाउसाहब पंजाबराव देशमुख व्दारा 1950 में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज लोकविद्यापीठ देखा जाए तो गांव-गांव में रहने चाहिए. स्वयं होकर आगे आने वाले उत्सुक संचालक के माध्यम से सौ से अधिक लोकविद्यापीठ की स्थापना का मानस हैं. यह जानकारी विद्यापीठ के महासंचालक डॉ. मंगेश देशमुख ने आज दोपहर आयोजित प्रेस वार्ता में दी. इस समय प्रा. पुरुषोत्तम नागपुरे, प्रा. नरेंद्र राउत, प्रा. अशोक अर्डक, प्रा. गंगाधर नाखले भी उपस्थित थे.
डॉ. देशमुख ने बताया कि, गत सन 2000 में लोकविद्यापीठ को पुर्नजीवित किया गया. इसके लिए कृषि क्षेत्र के जानेमाने व्यक्तित्व डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन, डॉ. रमेश ठाकरे, एड. नारायणराव पटील का सहयोग मिला. जनसहयोग से ही राज्य और देश में लोकविद्यापीठ का कार्य लोकाभिमुख हो रहा हैं. आगामी जनवरी में अमरावती में आयोजित कृषि महोत्सव में लोकविद्यापीठ का लाइवस्टॉल रहेगा. जिसे भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और महाराष्ट्र के पूर्व कृषिमंत्री तथा राज्य सभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे, किसान नेता अरविंद नलकांडे भेंट देंगे. सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित भी लोकविद्यापीठ करता हैं. ऐसा ही सम्मान डॉ. पुरुषोत्तम नागपुरे को पिछले दिनों श्रीकृष्ण मंदिर माता खिडकी में मानद डिलिट उपाधी देकर किया गया.

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