लंबे समय बाद अमरावती ने देखा जातीय दंगा
अमरावती/दि.28– समृध्द, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत रखनेवाली अंबानगरी अमरावती ने 12 व 13 नवंबर को जातिय दंगों की आंच को महसूस किया. जिसके चलते करीब 15 दिनों तक अमरावतीवासी एक अनजाने डर के साये में रहे और पहली बार अमरावती शहर मेें इंटरनेट बंदी भी लागू की गई. 20-25 वर्ष की आयुवाले स्थानीय युवाओं के लिए यह जातिय दंगा, तोडफोड और हिंसाचार एक तरह से अकल्पनीय था, क्योंकि बीते 30 वर्षों के दौरान अमरावती में ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी. किंतु राहतवाली बात यह रही कि, शहर पुलिस आयुक्तालय द्वारा नियोजनपूर्व ढंग से काम करते हुए हालात पर काबू पाया गया. किंतु वर्ष 2021 जाते-जाते अपने अंतिम दौर में इस घटना के जरिये एक टीस देकर जा रहा है.
* 15 हजार लोगों को किया गया नामजद
विगत 22 नवंबर को रजा अकादमी के आवाहन पर निकाले गये मोर्चे के दौरान कैम्प, वसंत चौक, मालवीय चौक व इर्विन चौक परिसर में मोर्चे में शामिल कुछ युवाओं द्वारा पत्थरबाजी और लूटपाट की गई. जिसका निषेध करने हेतु भाजपा द्वारा अगले दिन 13 नवंबर को बंद का आवाहन किया गया. हालांकि इस बंद के दौरान भी जमकर हिंसा व तोडफोड की वारदातें हुए. ऐसे में पुलिस को थोडी कठोर भूमिका भी अपनानी पडी. इन दोनों दिनों की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस द्वारा 15 हजार से अधिक आंदोलकों व हमलावरों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किये गये. जिसमें से कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया.
* सोशल पुलिसिंग का लिया गया सहारा
शहर के कई क्षेत्रों के नागरिकों ने 12 नवंबर के बाद से कई रातें जागकर काटी. उस समय शहर के कई इलाकों में जबर्दस्त डर व दहशत का माहौल था. जिसे पहले की तरह सामान्य करने हेतु पुलिस एवं प्रशासन द्वारा दिन-रात काम किया गया. उस समय विभिन्न धर्मों के धर्मगुरूओं तथा हव्याप्र मंडल की हेल्पलाईन को साथ लेकर पुलिस ने कई संवेदनशिल इलाकों में कॉर्नर मिटींग ली. जिसमें दंगे, एफआईआर व इसके परिणाम को लेकर समुपदेशन किया गया. इसके साथ ही शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह, पुलिस उपायुक्त विक्रम साली व एम. एम. मकानदार, सहायक पुलिस आयुक्त भारत गायकवाड व पूनम पाटील ने खुद सडक पर उतरकर अमरावतीवासियों को विश्वास दिलाना शुरू किया. जिसके चलते धीरे-धीरे अमरावती शहर में हालात पहले की तरह सामान्य हो पाये.
* सायबर सेल की भूमिका रही सराहनीय
12 व 13 नवंबर को अमरावती में हुए हिंसाचार के मद्देनजर सोशल मीडिया साईटस पर आपत्ति जनक पोस्ट अपलोड व शेयर करने के मामले में करीब 28 अपराध दर्ज किये गये. जिनकी जांच-पडताल सायबर सेल पुलिस द्वारा की गई. इसके अलावा साईबर सेल द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया साईटस् पर अपलोड किये जानेवाले आपत्तिजनक पोस्ट, फोटो व वीडियो पर भी कडी नजर रखी गई और ऐसे कंटेंट तो सोशल मीडिया से हटाने का भी काम किया गया.
* 4 थानों में 55 फौजदारी मामले
विगत 12 व 13 नवंबर को अमरावती शहर में हुई तोडफोड व हिंसा की घटनाओं के चलते सिटी कोतवाली, नागपुरी गेट, गाडगेनगर व खोलापुरी गेट पुलिस थानों में 55 फौजदारी अपराध दर्ज किये गये और 500 से अधिक आरोपियों को हिरासत में भी लिया गया. जिसके लिए शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के नेतृत्व में पुलिस द्वारा जबर्दस्त मेहनत की गई.