अमरावती

देख तेरा श्रृंगार… दिल लट्टू हो गया मेरा

सतीधाम में श्याम जन्मोत्सव पर भव्य भजन अखाडा

* हरीशचंद्र गोयल और साथियों का आयोजन सुपर हिट
* विजय जी महाराज के भजनों पर देर रात तक थिरके श्याम प्रेमी
अमरावती/दि.5- सतीधाम में श्याम जन्मोत्सव की ऐसी अनोखी छंटा बड़े दिनों बाद देखने मिली. शुक्रवार रात ऐसे लगा मानो अमरावती ही नहीं, आसपास के नगरों, गांवों से भी श्याम जन्मोत्सव भजन अखाड़ा में श्याम प्रेमी उमड़े. इस कदर भारी संख्या में भाविक उमड़े. सांची ज्योत के दर्शन करने, आहूति देने का पुण्य कमाने आरंभ से लगी कतार अंत तक जारी रही. इस अंदाज में श्याम प्रेमी भक्तों में उत्साह और उल्लास तथा उमंग नजर आयी. उमंग की बात करें तो पहले सुमित बारवा और फिर आलूसिंह जी महाराज के शिष्य विजय जी महाराज के भजनों पर उपस्थित सभी थिरकते रहे. आधी रात कब हो गई,पता ही नहीं चला. सतीधाम में पग रखने की भी जगह शेष नहीं रह गई थी. मंदिर के प्रबंधक जय जोशी व संजय झुनझुनवाला सतत व्यवस्था बनाये रखने और भाविकों की सेवा हेतु तत्पर रहे.


* अभूतपूर्व सजावट, छप्पन भोग
संपूर्ण मंदिर को नीले, लाल, पीले गुब्बारों से सजाया गया था. ऐसे ही फूलों की लड़ियां इसकी सज्जा में चार चांद लगा रही थी. बाबा की झांकी की सजावट लोगों को बारंबार मोहित कर रही थी. आयोजन भले ही गोयल परिवार ने किया, किन्तु आनंद सैकड़ों-हजारों स्त्री-पुरुष श्याम भक्तों ने लिया. छप्पन भोग के सुहावने दर्शन और सांची ज्योत के दर्शन हेतु अलग से कतार की व्यवस्था आयोजन की खूबी रही.
* आये और छा गये विजय जी महाराज
विजय जी महाराज ने आते ही श्याम जन्म की बधाई सभी को दी. उन्हें हरीशचंद्र गोयल और अन्य ने फूल मालायें पहनाकर तथा इत्र लगाकर स्वागत किया. फिर महाराज जी ने ‘श्याम देख तेरो श्रृंगार दिल लट्टू हो गया मेरा’ से आरंभ किया. फिर एक से बढ़कर एक भजनों को प्रस्तुत किया. सभी इन भजनों पर झूमने लगे. स्वयं महाराज जी का नृत्य सभी को बड़ा पसंद आया. आयोजक उनके साथ झूमने लगे थे. महाराज जी पैर उठाकर तथा गोल-गोल अनूठे अंदाज में झूम रहे थे. यह दृश्य सचमुच दर्शनीय रहा. महिला और पुरुष श्याम प्रेमी भी अपने-अपने स्थान पर तालियां बजाते हुए भजनों का आनंद ले रहे थे. भक्तिरस में आकंठ डूबे दिखाई दिये.


* आये अनेक गणमान्य
श्याम भजन अखाड़ा में अनेक गणमान्य उत्साह से पधारे. उनमेंं घनश्याम गोयनका, प्रमोद अग्रवाल, जयप्रकाश अग्रवाल, अजय चौधरी, कृष्णा पनपालिया, निखिलेश पुजारी, प्रसाद पांडे, जितेन्द्र झा, शंकर गुप्ता, कमल रामावत, राजेश मित्तल, नरेश छावछरिया, किशोर अग्रवाल, सौरभ तिवारी, मीनाक्षी कछवे, मनीषा तिवारी, सपना मजिठिया, पुष्पा मुंदड़ा, शोभा बजाज, अमित तिवारी, सुमित, ओम राऊत, जगदीश जायस्वाल, भरत गोहिल, संजय तिवारी, प्रकाश केडिया,कमलकिशोर मालाणी,विनय मानका,पिंकी नांगलिया, केदार गुप्ता, अथर्व गुप्ता, शिवकुमार भिवसरिया, भाविका, शैलेन्द्र गुप्ता, श्याम गुप्ता, मदन मुंदड़ा, शिवम पुरोहित, सुभाष अग्रवाल, विशाल जिरापुरे, संजय अग्रवाल, शुभम पांडे, रवि महल्ले, कान्हा व्यास, पंकज डागा,संदीप मालेगावकर,पीयूष अग्रवाल,गीता लाहोटी, मयंक बख्तार, आनंद अग्रवाल, सागर देशमुख, सुरेन्द्र अग्रवाल कंसल, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, गणेश शर्मा, चंदन अग्रवाल, मुकेश गोयल, सतीश गोयनका, सचिन मित्तल, विनोद सरकीवाला, कौशिक अग्रवाल, संजय अग्रवाल, डॉ. शंकरलाल अग्रवाल, कपिल अग्रवाल, भरत चिरानिया, विजय मामा, मुन्ना माधोगडिया, घनश्याम ककरानिया, राजकुमार जालान, डॉ. अशोक नरेडी, नितिन केडिया, सुनील केडिया,अरुणा अग्रवाल, राहुल पनपालिया,विक्रम भिवसरिया,बनवारी अग्रवाल, प्रभाष अग्रवाल, द्वारकाप्रसाद अग्रवाल, धीरज केडिया, डॉ. नीता अग्रवाल, निर्मल अग्रवाल, जीतू अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, मीरा केडिया, विनिता गोयनका, मंजू केडिया, मंजू ककरानिया, मंजुला चौबे, रुचि ककरानिया, सुधा तिवारी, मनोहर दीक्षित, सतीश दलाल, संकेत गोयनका, संस्कार अग्रवाल, परेश अग्रवाल, भगवान अग्रवाल, रंजन अग्रवाल, रवि अग्रवाल, आनंद छबलानी, जस गायिका संगीता खंडेलवाल, उर्मिला कलंत्री, अवंती केडिया, अरुंधती केडिया, सुशील राठी, गोविंद नांगलिया, प्रणय साहू, मनन साहू, प्रणय कलोती, शुभम राठी, सुधाकर जावरकर, संजय नांगलिया, पं. अशोक जोशी, पं. करण महाराज पुरोहित,प्रशांत भिवसरिया,श्याम शर्मा, पुुुरुषोत्तम गोयनका, प्रवीण गोयनका, प्रमोद बंब आदि अनेक श्याम भक्त देर रात तक झूमते रहे.

सुमित बावरा की प्रस्तुति
विजय जी महाराज से पहले उपस्थित श्याम प्रेमियों को नगर के युवा जस गायक सुमित श्रीवास अर्थात सुमित बावरा ने श्याम भजनों में बांधे रखा. प्रचलित कीर्तन की है रात… सहित अनेक भजनों की सुंदर प्रस्तुति सुमित ने दी. महिला भाविकों की भारी संख्या उमड़ी थी. सुंदर व्यवस्था से देर रात्रि तक आयोजन का आनंद लिया.

* खेल खिलौनों की लूट
श्याम बाबा का जन्मोत्सव था इसलिए भक्तों ने घर में बना केक लाया, सभी की उपस्थिति में उसे काटा गया. उसी प्रकार जन्मोत्सव उपलक्ष्य खेल खिलौनों और टॉफियां आदि की लूट की गई. भाविक एक-एक खिलौने के लिये ललायित रहे. बाबा के प्रसाद और जन्मोत्सव की भेंट के रुप में श्रद्धापूर्वक घर ले गये.

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