अमरावती

अंधश्रद्धा के नाम पर 12 लाख से लूटा

खेत में निकाला सोना फिर फरार हुआ आरोपी

शिरखेड/ दि.1 – जमीन से गडा धन निकालने जैसे अंधश्रद्धा के नाम पर अपनी मेहनत की गाढी कमाई दूसरों पर लूटा रहे है, ऐसी ही एक घटना शिरखेड पुलिस थाना क्षेत्र के ग्राम बोराला में उजागर हुई है. शिरखेड निवासी दादाराव नामदेवराव गणवीर ने आरोपी नासिर शहा, अलताफ शेख, अब्दुल शहा तथा तीन अन्य के खिलाफ शिरखेड पुलिस थाने में शिकायत दी. जिसके अनुसार आरोपियों ने शिकायतकर्ता के घर में गुप्तधन होने की बात बताकर जमीन से पहले सैम्पल निकाला. सोनी के पास जांच करने पर असली सोना होने के कारण लालच में आये शिकायतकर्ता को 12 लाख रुपए का चुना लगाकर आरोपी फरार हो गया.
बोराला गांव में अब्दुल शहा नामक फकीर भीख मांगने के लिए आया था. भीख मांगते हुए वह दादाराव गणवीर के गया. गणवीर परिवार ने उसे भीक्षा दी. उस समय उसने घर के व्यक्तियों के स्वभाव व भविष्य के बारे में बताना शुरु किया. धीरे-धीरे उसने अपनी बातों में फंसाना शुुरु किया. फिर कहा कि तुम्हारे रसोई घर में गुप्त धन है. इस वजह से तुम्हारे बेटे की जान को खतरा है. यह बताकर गणवीर परिवार को चिंता में डाल दिया. गुप्तधन के बारे में मुझे ज्ञान है, तुम्हारे घर का गुप्तधन जल्द से जल्द बाहर निकालना जरुरी है. जिसके कारण गणवीर परिवार डर गया, उसकी बातों में वे फंस गए. फिर उसने फोन कर अपने साथियों को बुला लिया. गुप्तधन निकालने के लिए पूजा की कुछ सामग्री लाना पडेगा, कहकर शुरुआत में कुछ रकम ली. उसके बाद दो दिन में हम वापस लौटेंगे, ऐसा कहकर 1 लाख 4 हजार रुपए तेैयार रखने की बात कहकर वे भीखारी गांव से चले गए. गणवीर ने पत्नी का मंगलसूत्र बेचकर पैसे जमा किये व फोन कर फकीर को रुपए जमा हो जाने की जानकारी दी. दूसरे दिन दोपहर 5 बजे वे गणवीर के घर पहुंचे. उसमें से एक व्यक्ति गुरु है, उसके हाथों पूजा होगी, पूजा की शुरुआत करते समय फकीर के शरीर में सवारी आयी. उस सवारी ने तुम्हारे घर में सोने से भरे तीन हंडे रखे होने की बात गणवीर को बताई. इसके बाद 3 हंडे निकालने के लिए 11 लाख रुपए खर्च बताया और कहा कि घर का गुप्तधन निकालते समय पडोसियों को भनक लग सकती है, इस वजह से घर का गुप्तधन खिचकर खेत में ले जायेंगे, ऐसे कहते हुए 9 जून को गुप्तधन निकालकर देंगे. तब तक रुपये की व्यवस्था करके रखने की बात कहकर वे तीनों 1 लाख 4 हजार रुपए लेकर चले गए. इसके बाद तीन-चार दिन पश्चात फकिर फिर आये. इससे पहले उन्होंने उसके खेत में एक घडा गाडकर रखा था. गणवीर दम्पति को खेत में लेजाकर जिस जगह घडा गाडकर रखा था, वहां खुदाई करना शुरु करवाया. घडे में देवी देवताओं की छोटी मूर्तियां निकली. उसमें असली सोने का 2 ग्राम का लॉकेट निकला. लॉकेट सोनी के पास दिखाकर तस्सली करने का कहा. जब सोनी ने असली सोना होने की बात बताई. गणवीर परिवार का उन फकीरों पर पूरा विश्वास बैठ गया.

धन के चक्कर में खेम बेच डाला
गणवीर परिवार उन फकिरों की अंधश्रद्धा में आकर उनके जाल में पूरी तरह फंस गए. खेत से सोने का हंडा निकालने के लिए 11 लाख रुपए की व्यवस्था करने को कहा था. गणवीर ने पडोसी किसान से मिलकर खेत बेचने की विनंती की. जिसके अनुसार 12 लाख 93 हजार में खेत बेचा. उस किसान ने गणवीर को चेक दिया. गणवीर ने बैंक से चेक भुनाया और बैंक से पैसे निकालकर लाये. हम आ नहीं सकते परंतु एक व्यक्ति तुम्हारे घर मोटरसाइकिल से आयेगा, उसके साथ तुम रुपए लेकर वरुड आओ, ऐसा कहकर गणवीर को वरुड लाया. गणवीर ने वरुड में उन फकिरों को रुपए दिये. रकम लेने के बाद 9 जून की रात गुप्तधन निकालकर देेंगे, ऐसा कहकर वे तीनों बदमाश वहां से निकल गये. गणवीर रकम देकर गांव वापस लौटा. परंतु रकम देने के बाद 9 जून को फकिर आये ही नहीं. उनसे मोबाइल पर बार-बार संपर्क करने का प्रयास किया, परंतु मोबाइल स्वीच ऑफ बता रहा था. गणवीर परिवार ने अपना सिर पीट लिया.

आँख खुलने के बाद पुलिस थाने में शिकायत
घर के सोने के गहने, मंंहगा मोबाइल और खेत बिकवाकर पूरी रकम लेकर वे तीनों बदमाश फरार हो गए. उसके बाद दादाराव गणवीर के आँखों पर पडी अंधश्रद्धा की पट्टी हट गयी. तब उन्हें समझ में आया क्ि उनके साथ धोखाधडी हुई है. 29 जून को शिरखेड पुलिस थाने में शिकायत देने पहुंचे. दादाराव गणवीर की शिकायत पर शिरखेड पुलिस ने नासिर शहा, अलताफ शेख, अब्दुल शहा व अन्य तीन लोगों के खिलाफ दफा 420, 406 के तहत अपराध दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरु की है.

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