अमरावती

गेट पास के नाम पर पीडीएमसी में जनता की लूट

शहर कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष सलीम मीरावाले ने लगाया आरोप

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१४ – शहर कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष व सोशल मीडिया प्रमुख सलीम मीरावाले ने यहा जारी प्रेस विज्ञप्ती में आरोप लगाया है कि, शहर में स्थित पीडीएमसी अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने हेतु उनके परिजनों व परिचितों से गेट पास के नाम पर 100 रुपए का भारी भरकम शुल्क वसूला जाता है. यह एक तरह से अस्पताल प्रबंधन द्बारा की जाने वाली आर्थिक लूट है. जिसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, पीडीएमसी अस्पताल में अमरावती शहर ही नही, बल्कि जिले के ग्रामीण इलाकों तथा अन्य जिलों में रहने वाले मरीज इलाज करवाने हेतु आते है. यूं तो अमरावती में जिला सामान्य अस्पताल व सुपर स्पेशालिटी अस्पताल भी हैै, लेकिन इसके बावजूद सर्वसामान्य वर्ग के लोगों द्बारा पीडीएमसी अस्पताल पर भरोसा किया जाता है. किंतु आजकल पीडीएमसी में सेवा के नाम पर जनता की आर्थिक लूट की जा रही है. इस अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीज के साथ उसके किसी एक परिजन को रहने की अनुमति दी जाती है. जिसके लिए उसे नि:शुल्क गेट पास दी जाती है. लेकिन यदि इसके अलावा किसी अन्य परिचित व्यक्ति को मरीज से मिलकर उसका हालचाल जानना है, तो अस्पताल द्बारा इसके लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपए का शुल्क वसूला जा रहा है. जो अपने आपमें बेहद अजिबो गरीब फैसला है.
इसमें भी मरीज से मिलने के लिए रिश्तेदार को पहले 32 नम्बर की खिडकी से गेटपास लेना पड़ता हैं. इस अस्पताल में 32 नम्बर की खिडकी से ही ओपीडी, हॉस्पिटल में भर्ती मरीज, हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होनेवाले मरीजो का बिल, एक्सरे, सोनोग्राफी, पैथोलॉजी टेस्ट सहित नानाप्रकार की सेवाओं के लिए पैसे स्वीकारे जाते है. यहा पर कहने को तो तीन काउंटर हैं, परन्तु हमेशा एक ही काउंटर शुरू रहता हैं, जिसके कारण वहां अक्सर ही लंबी कतार लगी रहती हैं. जिसकी वजह से यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उडती देखी जा सकती है. साथ ही यदि कोई व्यक्ति अस्पताल में भर्ती अपने किसी परिचित से मिलने आये, तो उसे इसी लंबी कतार में लगकर गेट पास प्राप्त करने हेतु लंबा इंतजार करना पडता है. यानि पैसे के साथ-साथ समय की भी बर्बादी हो रही है.
सलीम मीरावाले के मुताबिक उन्होंने जब इस संदर्भ में अस्पताल के उपाधिक्षक से मिलने की कोशिश की गई, तो वे अपनी टेबल से नदारद मिले. वहीं जब उन्होंने अस्पताल के एक अन्य जिम्मेदार अधिकारी से बात की तो जवाब मिला कि, अस्पताल में भीडभाड को कम करने हेतु यह नियम लगाये गये है. साथ ही भीडभाड कम होते ही अस्पताल में चोरी-चकारी की घटनाएं भी कम हो गई है. किंतु इस अधिकारी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि, जब भीडभाड व चोरी-चकारी की घटनाओं पर नियंत्रण रखने का जिम्मा अस्पताल के सुरक्षा रक्षकों पर होता है, तो इसका आर्थिक बोझ अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीजों के रिश्तेदारों पर क्यों डाला जा रहा है. सलीम मीरावाले के मुताबिक पिछले 2 सालों से पूरा देश कोरोना संक्रमण के कारण पूरी तरह से टूट चुका है, करोड़ो लोग बेरोजगार हो गए, महंगाई आसमान छू रही हैं, प्रत्येक परिवार में डेंग्यू, मलेरिया, टाइफाइड व अन्य वायरल फीवर के मरीजो की भरमार हैं, निजी हॉस्पिटलों की लाखों रुपयों की फीस गरीब व मध्यमवर्गीय तबका नही दे सकता. इस कारण पीडीएमसी में ऐसे मरीजो की भरमार होती हैं. किंतु अब इस अस्पताल द्बारा भी आम जनता की आर्थिक लूट शुरु कर दी गई है. जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि जल्द ही अस्पताल प्रशासन ने इस लूट को खत्म नही किया, तो पीडीएमसी के डीन डॉ. ए. टी. देशमुख सहित अन्य पदाधिकारियों का घेराव किया जाएगा.

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