अमरावतीमहाराष्ट्र

एक उंगली से गोवर्धन पर्वत उठाकर श्रीकृष्ण ने तोडा इंद्र का घमंड

घनघोर बारिश से मथुरा, वृंदावन वासियों को बचाया

* कथावाचक बालव्यास पं. अक्षय अनंत गौड का प्रतिपादन
* सतीधाम मंदिर में श्रीमद भागवत कथा का पांचवा दिन
अमरावती/दि.30– देवराज इंद्र को अभिमान हो गया था. जिसमें उन्होंने े घनघोर बारिश करवाई. घनघोर बारिश से मथुरा, वृंदावन, गोकुल वासियों को बचाने और देवराज इंद्र का घमंड तोडने भगवान श्री कृष्ण ने लीला रचकर एक उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और मथुरा, वृंदावन, गोकुल वासियों को घनगौर बारिश से बचाया. हमें भी अपने जीवन में लोगों को बचाने का प्रयास करना चाहिए, ऐसा प्रतिपान राजस्थान स्थित नागौर के कथावाचक बालव्यास पं. अक्षय अनंत गौड महाराज ने व्यक्त किया.
वे स्थानीय रायली प्लॉट स्थित सतीधाम मंदिर में पितृपक्ष के पूण्य पर्व पर माहेश्वरी पंचायत अंतर्गत माहेश्वरी महिला मंडल द्बारा आयोजित 7 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान सप्ताह के पांचवे दिन संबोधित कर रहे थे. श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह के पांचवे दिन श्री कृष्ण बाललीला, गोवर्धन पूजा के साथ छप्पनभोग का भी आयोजन किया गया था. इस अवसर पर कथावाचक बालव्यास श्री गौड महाराज ने बताया कि पुलस्त्य ऋषि के शाप के चलते गोवर्धन पर्वत रोज एक मुठ्ठी कम हो रहा है. अब उसकी उंचाई 179 मीटर रह चुकी है. प्राचीन मान्यता के अनुसार गिरीराज की सुंदरता को देख पुलस्त्य ऋषि बहुत खुश हुए.
उन्होंने इस पर्वत को द्रोणाचल पर्वत से उठाया और अपने यहां ले जाने लगे. उठाने से पहले गिरीराज ने कहा था कि आप मुझे जहां भी पहली बार रखेंगे. मैं वहां स्थापित हो जाउंगा. रास्ते में साधना के लिए ऋषि ने पर्वतकर को नीचे रख दिया. साधना के पश्चात जब ऋषि ने पर्वत को उठाना चाह. किंतु लाख कोशिश के बावजूद भी पर्वत हिला न सके तब ऋषि ने गुस्से में आकर पर्वत को शाप दिया कि वह रोज कम होगा. माना जाता है कि उसी समय से गिरीराज पर्वत वहां है और कम होता जा रहा है. कथा के पांचवे दिन सजीव झांकियों के साथ भगवान के श्रीकृष्ण की विविध लीलाओं का भी वर्णन कथा के दौरान किया गया.
कथा को सफल बनाने श्री माहेश्वरी पंचायत अंतर्गत श्री माहेश्वरी महिला मंडल अध्यक्षा संंगीता टवानी,सचिव निशा जाजू, कोषाध्यक्षा सरोज चांडक, के साथ संयोजिका सरिता सोनी, सहसंयोजिका शशी मुंधडा, रेणु केला, वनिता डागा, किरण मूंधडा, उषा मंत्री, माधुरी सोनी अथक प्रयास कर रही है. इस अवसर पर प्रतिभा मूधंडा, मीना गांधी, जयश्री लोहिया, शोभा सारडा, शीतल भट्टड, ज्योति पनपालिया, अमिता जयस्वाल, लता सिकची, गायत्री डागा, सुशील चांडक, अरूणा भट्टड, हेमा भट्टड, कंचन झंवर, कविता मोहता, कविता राठी, सविता नावंदर, हेमा गट्टानी, चंदा साबू, किरण मूूंधडा, उषा मंत्री,वैशाली टवानी, शारदा टवानी, तारा काकाणी, पूजा तापडिया,मनोरमा बियान, चंदा साबू, सुरेश माहेश्वरी, समाज अध्यक्ष प्रा. जगदीश कलंंत्री, शोभा राठी, उषा राठी, शीतल भट्ट, विजया राठी,सरोज राठी, बबीता टावरी, ज्योति करवा, सुरेश करवा, किरण लाहोटी, नीलिमा मंत्री, कांता राठी, सुनीता करवा, सरला मूंधडा, निलोतमा मूंधडा, सुषमा गांधी, संध्या केला, गीता लाहोटी, राधा काकाणी, संगीता राठी, कल्पना लढ्ढा, मधुबाला लढ्ढा आदि उपस्थित थे. भागवत कथा के पांचवे दिन उषा रमेशचंद करवा के हाथों आरती की गई वही सुनीता बूब व मंगलम वस्त्र द्बारा सभी को प्रसादी का वितरण किया गया और पांचवे दिन की कथा को विराम दिया गया.

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