अमरावती

एसटी महामंडल को रोजाना 70 लाख रुपए का नुकसान

उत्पादन में तीस फिसदी गिरावट

  • संभाग के पांचों जिलों में विकट परिस्थिति

अमरावती/प्रतिनिधि दि.४ – कोरोना की पार्श्वभूमि पर शासन व्दारा लगाए गए लॉकडाउन, संचारबंदी नियमों का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किए जाने पर भी एसटी महामंडल को आर्थिक फटका बैठा है. अमरावती, अकोला, वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा संभाग के इन पांचों जिलों में उत्पन्न में 30 फीसदी से अधिक गिरावट आयी है. जिसमें रोजाना 70 लाख रुपए से भी अधिक नुकसान एसटी महामंडल का हो रहा है. कोरोना बाधितों की संख्या बढने की वजह से राज्य में अप्रैल माह से लगाया गया लॉकडाउन मई महीने तक कायम था जिसमें 1 जून के पश्चात लॉकडाउन शिथिल कर दिया गया.
सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक शहर के बाजार व प्रतिष्ठानों को अनुमति दी गई. किंतु फिर कोरेाना के पश्चात डेल्टा वेरियंट के संभावित खतरे को देखते हुए राज्य सरकार व्दारा पुन: लॉकडाउन में वृद्धि की गई. जिसमें सुबह 7 से शाम 4 बजे तक ही लॉकडाउन में शिथिलता दी गई. जिसका सीधा परिणाम एसटी महामंडल को हुआ. इसके अलावा शाला, महाविद्यालय भी बंद होने की वजह से विद्यार्थियों की ओर से मिलने वाला उत्पन्न भी बंद ही है.
शासन के बदले हुए नियम का परिणाम भी एसटी महामंडल पर सीधे तौर पर हुआ है. अमरावती जिले में संचारबंदी के पहले महामंडल की बसेस रोजाना 85 हजार किमी का सफर तय करती थी. जिसमें 36 लाख रुपए का उत्पन्न एसटी महामंडल को होता था. किंतु अब यह उत्पादन 22 लाख रुपए तक ही सीमित रह गया है. यवतमाल जिले में भी महामंडल की यही अवस्था है. यवतमाल जिले में पहले रोजाना 1 लाख 5 हजार किमी महामंडल की बस दौडती थी. जिसमें 45 लाख रुपए का उत्पन्न यवतमाल एसटी महामंडल को होता था किंतु अब यहां भी उत्पन्न में जबर्दस्त गिरावट आयी है अब यहां केवल 27 लाख रुपए का उत्पन्न महामंडल को हो रहा है.
अकोला वाशिम इन दोनो जिलों में एसटी की संयुक्त रुप से 80 हजार किमी की फेरियां होती थी जिसकी वजह से उन्हें 40 लाख रुपए का रोजाना उत्पन्न महामंडल को मिलता था अब यह उत्पन्न 27 लाख रुपए पर अटक चुका है. बुलढाणा जिले में पहले 85 हजार किमी की यात्रा एसटी बस व्दारा रोजाना किए जाने पर महामंडल को 43 लाख रुपए रोजाना प्राप्त होते थे किंतु फिर से लॉकडाउन बढा दिए जाने की वजह से यह उत्पन्न अब 23 लाख रुपए पर आ चुका है. संभाग के पांच ही जिलों को मिलाकर रोजाना 70 लाख रुपए से भी अधिक नुकसान एसटी महामंडल को हो रहा है.

  • विद्यार्थियों का अनुदान भी बंद

राज्य सरकार व्दारा विद्यार्थियों के आने-जाने के लिए एसटी महामंडल को 66 प्रतिशत अनुदान दिया जाता था. विद्यार्थियों को शिक्षण के लिए यात्रा करने पर जो पास निकालनी पडती थी उसमें केवल विद्यार्थियों को 33 प्रतिशत ही रकम अदा करनी पडती थी बाकी बची 66 प्रतिशत रकम राज्य सरकार व्दारा दी जाती थी. किंतु शाला-महाविद्यालय बंद होने की वजह से यह अनुदान भी एसटी महामंडल को मिलना बंद हो गया.

  • वेतन, देखभाल व डीजल का बोझ

एसटी महामंडल के कर्मचारियों का वेतन, देखभाल, बसों को लगने वाला डीजल खर्च का बोझ महामंडल पर बढ गया है. उत्पन्न में कमी होने की वजह से बोझ बढा है.

  • परिस्थितियों में बदलाव की आशा

कोरोना संकट व उसकी नियमावली में बदलाव के चलते एसटी महामंडल को रोजाना आर्थिक नुकसान सहना पड रहा है. फिलहाल संचारबंदी में शिथिलता दी गई है. ऐसे में अब पुन: एसटी बस की सेवा सुचारु रुप मेें शुरु होने की संभावना है. आगामी काल में परिस्थितियों में बदलाव की आशा है.
– श्रीकांत गभने, विभागीय नियंत्रक अमरावती

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