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आग में नुकसान करोडों का, सरकारी सहायता पांच हजार से लाख रूपये की

भीषण अग्निकांड में कात्रेला परिवार के सिर से छत हटी

* तीन प्रतिष्ठान जल जाने से रोजी-रोटी का साधन भी चला गया
* अग्निकांड के बाद बडे तामझाम के साथ होता है पंचनामा, सरकारी सहायता के नाम पर मिलता है ‘ठुल्लू’
अमरावती/दि.21– विगत शनिवार 18 जून को तडके जवाहर गेट के पास बर्तन बाजार स्थित कात्रेला परिवार की चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग की वजह से करीब 4 करोड रूपये का साजो-सामान जलकर खाक हो गया है. इस आशय का दावा इस अग्निकांड का शिकार होने से बाल-बाल बचे कात्रेला परिवार के उगम कात्रेला व रोशन कात्रेला द्वारा किया गया है. कात्रेला परिवार द्वारा अपने घर व प्रतिष्ठान में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने का दावा करने के साथ-साथ इस आग की भेंट चढ चुके अपने घर व प्रतिष्ठान में जलकर खाक हुए पूरे साजो-सामान का मूल्यांकन करते हुए इसकी जानकारी दमकल विभाग को दी गई है. कात्रेला परिवार द्वारा इस अग्निकांड में जलकर खाक हुए पूरे साजो-सामान को लेकर तैयार की गई सूची के मुताबिक इस अग्निकांड में कात्रेला परिवार का करीब 4 करोड रूपयों का नुकसान हुआ है. वहीं इस संदर्भ में अग्निशमन विभाग द्वारा अपनी प्राथमिक रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है. साथ ही साथ तहसीलदार कार्यालय द्वारा भी पंचनामे की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा चुका है. जिसके मुताबिक आग लगने की मुख्य वजह शॉर्ट सर्किट होना ही बताया गया है. लेकिन हैरतवाली बात यह है कि, दमकल विभाग की प्राथमिक रिपोर्ट और तहसील प्रशासन के पंचनामे की वजह से सरकारी व प्रशासनिक स्तर पर कात्रेला परिवार को कोई सहायता नहीं मिलने जा रही, क्योंकि प्राकृतिक आपदा में ग्राह्य माने जानेवाले अग्निकांड से संबंधित किसी भी मामले में अग्निकांड प्रभावितों को सरकार द्वारा पांच हजार रूपये की तत्कालीक सहायता देने के साथ ही लंबी आवेदन प्रक्रिया के बाद अधिकतम एक से सवा लाख रूपये की सहायता दिये जाने का प्रावधान है. ऐसे में इस तरह के मामलों में सरकारी सहायता को ‘उंट के मुंह में जीरा’ कहा जा सकता है.
ज्ञात रहे कि, बीते शनिवार 18 जून को तडके करीब 3.30 बजे के आसपास बर्तन बाजार परिसर में स्थित कात्रेला परिवार की चार मंजिला इमारत में आग लग गई थी. जिसमें इस इमारत की निचली दो मंजीलों पर स्थित कात्रेला परिवार के तीन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों तथा उपरी दो मंजिलों पर स्थित कात्रेला परिवार के घर का पूरा साजो-सामान जलकर खाक हो गया था. सौभाग्य से इस भीषण अग्निकांड में किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई और घटना के समय घर में मौजूद कात्रेला परिवार के 6 सदस्यों ने जैसे-तैसे पडोस में ही स्थित चांडक परिवार की इमारत की छत पर जाकर आसरा लिया. जहां से उन्हें सुरक्षित नीचे उतारा गया. यह आग इतनी भीषण थी कि, इसे बुझाने के लिए करीब 22 दमकल वाहन लगे और लगभग 100 दमकल कर्मी सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक आग बुझाने के काम में जुटे रहे. ऐसे में चार-पांच घंटे की कडी मशक्कत के बाद इस आग पर काबू पाया जा सका लेकिन तब तक इस चार मंजिला इमारत के हर कोने तक इस आग की लपटें पहुंच चुकी थी और इस इमारत में रखी हर एक वस्तु पूरी तरह से जलकर खाक हो गई थी.
उल्लेखनीय है कि, इस इमारत की निचली दो मंजिलों पर कात्रेला परिवार के जय मेटल्स्, गणेश मार्केटिंग व आरके टे्रडिंग कंपनी नामक तीन व्यापारिक प्रतिष्ठान है. जहां पर बर्तन व मूर्तियों के साथ-साथ वैवाहिक समारोहों में साज-सज्जा व श्रृंगार हेतु लगनेवाले वस्तुओें की बिक्री होती है और शहर के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र में स्थित इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के जरिये रोजाना अच्छा-खासा व्यवहार भी होता है. साथ ही उपरी दो मंजिलों पर स्थित कात्रेला परिवार के घर में सुख-चैन की सभी वस्तुएं व सुविधाएं उपलब्ध थी. ऐसे में अग्निकांडवाले दिन ही इस बात का अंदाजा लग गया था कि, इस भीषण आग की वजह से कात्रेला परिवार का बडे पैमाने पर करोडों रूपयों का नुकसान निश्चित तौर पर हुआ है. वहीं अब कात्रेला परिवार ने अपने नुकसान को लेकर अग्निकांड में जलकर खाक हुए साजो-सामान की जो सूची तैयार की है, उसके मुताबिक इस अग्निकांड में लगभग चार करोड रूपयों के नुकसान का दावा किया गया है.
वहीं इस अग्निकांड को लेकर मनपा के दमकल विभाग द्वारा भी अपनी एक प्राथमिक रिपोर्ट तैयार की गई है. जिसमें घटनावाले दिन का पूरा ब्यौरा तैयार किया गया है. साथ ही साथ विगत शनिवार को ही आग काबू में आने के बाद तहसीलदार संतोष काकडे के नेतृत्व में तहसील प्रशासन द्वारा अग्निकांड के चलते पूरी तरह से जलकर खाक हुई कात्रेला परिवार की इमारत का मुआयना किया गया था. जिसके उपरांत तहसील प्रशासन ने भी अपने पंचनामे की रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें साफ तौर पर माना गया है कि, यह आग शॉर्टसर्किट होने की वजह से लगी थी. अत: इसे एक हादसा या प्राकृतिक आपदा ही माना जाना चाहिए, लेकिन हमें मिली जानकारी के मुताबिक महानगर पालिका और तहसील प्रशासन द्वारा तैयार की जानेवाली रिपोर्ट या पंचनामे का किसी भी अग्निकांड प्रभावित परिवार को सरकारी सहायता मिलने में कोई फायदा नहीं होता, बल्कि यह केवल एक औपचारिक खानापूर्ति ही है. जानकारी के मुताबिक किसी भी अग्निकांड में किसी का मकान या दुकान जलने पर उसे अधिकतम पांच हजार रूपये की तत्कालिक सहायता प्रदान की जाती है. साथ ही यह अग्निकांड प्राकृतिक आपदा साबित होने पर और सहायता हेतु आवेदन किये जाने पर 50 से 60 हजार रूपये का क्षतिपूर्ति मुआवजा देने का प्रावधान है. वहीं यदि अग्निकांड की वजह से कोई व्यक्ति बेघर हो जाता है, तो सरकार द्वारा उसे अधिकतम एक से सवा लाख रूपये की आर्थिक सहायता घर बनाने के लिए दी जाती है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, जिस परिवार का लाखों-करोडों रूपयों का नुकसान शॉर्टसर्किट की वजह से लगी आग में हुआ है, उस परिवार के लिए सरकारी सहायता तो किसी काम की नहीं, क्योंकि सरकारी सहायता से उसके नुकसान का एक छोटा हिस्सा भी पूरा नहीं हो सकता.

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