अमरावती

संतरा गलने के कारण संतरा उत्पादकों का करोडो रूपये का नुकसान

संशोधक के अनदेखा के कारण संतरा उत्पादक किसान संकट में

* रूपेश वालके का मुख्यमंत्री को निवेदन
मोर्शी/ दि. 30-बदलते मौसम के कारण अज्ञात रोगों का प्रभाव पडने से ेमोर्शी तहसील के संतरा उत्पादक किसानों की खेती के संतरे के पेड पीले पडकर सूख गये है. संतरे की आंबिया बहार गलने से संतरा उत्पादक किसान फिर चिंताग्रस्त हो गये है. संतरा अधिक प्रमाण में गलने से इस संकट से कैसे बचा जाए, ऐसा सवाल संतरा उत्पादक किसानों के सामने खडा है. इस नुकसान का सर्वेक्षण करके संशोधको से व कृषि विभाग से तत्काल उपाय करने की मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तहसील उपाध्यक्ष तथा ग्राम पंचायत सदस्य रूपेश वालके ने की है.
मोर्शी तहसील संतरा उत्पादन के लिए प्रसिध्द है. संतरा उत्पादक किसानों पर संकट आ गया है. बेमौसम बारिश, ओले गिरना, सूखा अकाल, अज्ञात रोगों के लक्षण अधिक खर्च करके भी संतरे को मिलनेवाला कम भाव ऐसे दृष्टिचक्र में संतरा उत्पादक किसान पीसा चला जाता है. जिसके कारण मोर्शी तहसील का संतरा उत्पादक किसान संकट में पड गया है. किंतु कृषि विभाग के व संशोधको की उदासीनता के कारण संतरा उत्पादक किसानों को किसी भी प्रकार का मार्गदर्शन समय पर नहीं मिलता.
मोर्शी तहसील में इस वर्ष श्ाुरूआत में ही संतरे के पेड की उंची टहनियां अचानक सूखने से हरे फंदे सहित आंबिया बहार के हरे संतरे गलकर जमीन पर गिर रहे है. संतरा उत्पादक किसानोें की सबसे अधिक उम्मीद आंबिया बहार पर होने पर टहनियों के रोग, संतरा गलना बडे प्रमाण में शुरू होने के कारण परिसर के किसानों को उनकी जानकारी तहसील कृषि अधिकारी को दी है. फिर भी इसकी अभी तक कोई दखल नहीं ली गई, ऐसी चर्चा संतरा उत्पादक किसानों में शुरू है. इसके लिए कृषि विभाग के संबंध में किसानों में रोष व्यक्त है. जिला कृषि अधिकारी, संतरा संशोधक ने मोर्शी तहसील परिसर के संतरा बागों को भेंट देकर किसानों को उचित मार्गदर्शन कर संतरा उत्पादक किसानों के हुए नुकसान का सर्वेक्षण करके संतरा उत्पादक किसानों के राहत देंगे क्या, इस ओर संतरा उत्पादक किसानों का ध्यान लगा है.

* कृषि विभाग व संशोधक की उदासीनता
संतरा गलन रोकने के लिए संतरा उत्पादक किसानों को उचित मार्गदर्शन नहीं मिलता. संतरे के बाजार व्यवस्थापन के लिए सरकार को सहायता करनी चाहिए. फलबाग बचाने के लिए शास्त्रज्ञ को किसानों को मार्गदर्शन देना जरूरी है. संतरे पर हाल ही में संतरा गलना, पत्ते गलना जैसे अनेक रोगों के लक्षण होने के कारण मोर्शी-वरूड तहसील का संतरा उत्पादक किसान निराश हो गया है.
इसकी वजह यह है कि शासन की उदासीन नीति, संशोधन, आधुनिक तकनीकी ज्ञान व प्रक्रिया उद्योग का अभाव तथा केन्द्रीय नीबूवर्गीय फल अनुसंधान संस्था, डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, कृषि विभाग का नकरात्मक दृष्टिकोण है.
रूपेश वालके,
उपाध्यक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस पक्ष मोर्शी, तहसील

 

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