संस्था के प्रति प्रेम और कार्यभावना ही सच्ची कर्तव्यपूर्ति
कुलगुरु डॉ मिलींद बारहाते का कथन
* विद्यापीठ में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी विदाई
अमरावती/दि.1 -सेवानिवृत्त होते समय कर्मचारी अपनी संस्था के प्रति जो प्रेम और कार्यभावना, आस्था रखते है, संस्था के प्रति समाधान व्यक्त करते है, यही सच्ची कर्तव्यपूर्ति है, यह बात कुलगुरु डॉ. मिलींद बारहाते ने कही.
संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति निमित्त आयोजित कर्तव्यपूर्ति समारोह में बतौर अध्यक्ष वे बोल रहे थे. इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में विद्यापीठ अधिसभा तथा व्यस्थापन परिषद सदस्य डॉ. प्रवीण रघुवंशी, प्र-कुलगुरू डॉ. प्रसाद वाडेगांवकर, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख, सहायक कुलसचिव अनिल मेश्राम, विद्यापीठ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय देशमुख, नियंत्रण अधिकारी गृहविज्ञान विभागप्रमुख डॉ. वैशाली धनविजय, विद्या विभाग के उपकुलसचिव आर.व्ही. दशमुखे, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर, सत्कारमूर्ति रामेश्वर राऊत दंपत्ति, अनुराधा खडसे, खडसे की उपस्थिति रही. कुलगुरु ने आगे कहा कि, महिला कर्मचारियों को नौकरी करते समय अपना घर भी संभालना पडता है. जिससे उनपर बडी जिम्मेदारी होती है. अधिक काम की वजह से अपनी अनेक इच्छा, आंकाक्षाओं को वे समय नहीं दे पाती, किंतु समय निकालकर महिलाओं ने अपनी आशा, आंकाक्षाओं को पूरा करें. नई शैक्षणिक नीति लागू होने से शैक्षणिक गुणवत्ता टिकाए रखना और बढाना यह बडी चुनौती खडी है. विद्यापीठ के सभी कर्मचारी इस चुनौती का सामना कर रहे है. जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए है, वे भी इस संस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है. कुलगुरु डॉ.बारहाते ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भविष्य की मंगलमय शुभकामनाएं दी.
इस अवसर पर डॉ.प्रवीण रघुवंशी ने कहा कि, सेवानिवृत्त होते समय सेवाकाल में किए कार्य का समाधान होता है और कर्तव्यपूर्ति से ही अपने कर्तव्य का सच्चा रूप दिखता है. समारोह दौरान रामेश्वर राऊत व खडसे का कुलगुरु डॉ. मिलींद बारहाते ने शॉल, श्रीफल व गौरव प्रमाणपत्र देकर सत्कार किया. तथा विद्यापीठ कर्मचारी पतसंस्था की ओर से उपाध्यक्ष डॉ.अविनाश असनारे व सचिव श्रीकांत तायडे ने पुस्तक, स्मृतिचिह्न व धनादेश देकर सत्कार किया. प्रस्तावना कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख ने रखी. संचालन जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर ने किया. आभार संजय ढाकुलकर ने माना. कार्यक्रम में विद्यापीठ के सभी शैक्षणिक व प्रशासकीय विभाग प्रमुख, अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक तथा सत्कारमूर्ति के परिवार के सदस्य उपस्थित थे.