अमरावतीमहाराष्ट्र

अनैतिक संबंधों के चलते प्रेमी भतीजों ने की चाचा की हत्या

शव कुएं में फेंककर हुआ फरार

* जहर गटककर आत्महत्या का प्रेमिका चाची ने किया प्रयास
* तीन नाबालिग युवक, चाची सहित कुल 6 गिरफ्तार
वरुड /दि.25– सूचना व तकनीकी ज्ञान के इस युग में हर दिन कुछ नया सुनने मिलता है. वरुड तहसील के जामठी (गणेशपुर) के वासनांध नराधम उपसरपंच कपील परिहार ने वासना मिटाने के लिए केवल चाची के साथ अनैतिक संबंध स्थापित किये ऐसा नहीं है बल्कि गांव की अन्य महिलाओं से उसने संबंध प्रस्थापित कर महिलाओं को ब्लैकमेल करते हुए उनके साथ शारीरिक संबंध निर्माण किये और राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर अवैध धंधे चलाने का सिलसिला शुरु किया. कपील का यह कृत्य बाहर आने के बाद संबंधित महिला के परिवार में हस्तक्षेप कर अनैतिक संबंध के बीच में आने वाले का काटा निकालकर अपना पक्ष ग्रामवासियों के सामने रखकर विविध राजनीतिक पद हासिल करना और अपना उल्लू सीधा करना, ऐसी वृत्ति रखने वाले उपसरपंच कपील परिहार के घिनौने कृत्य का पर्दाफाश हुआ. अनैतिक संबंधों में रोडा बने अपने ही चाचा की हत्या की सुपारी लेकर चाचा को मौत के घाट उतार दिया. लेकन कपील भी फिलहाल कारागृह में है.
तहसील का जामठी (गणेशपुर) गांव अविकसित है. वरुड तहसील की सीमा पर स्थित इस गांव के अनेक विद्यार्थी डॉक्टर हुए है. इस कारण यह गांव विख्यात है. लेकिन जिन लोगों ने इस गांव का नाम नहीं सुना उन्हें भी एक पखवाडा पूर्व रामकिशोर हरिभाउ परिहार नामक व्यक्ति के हत्याकांड से पता चल गया. कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. इस तरीके से मास्टर माइंड नराधम उपसरपंच कपील परिहार ने अपने ही चाचा का काटा निकालने के लिए इस्तेमाल की युक्ति अनेकों का दिल दहला देने जैसी है. विशेष यानि इस घटना में जितने आरोप है. उसमें से कोई भी अपराधिक प्रवृत्ति का अथवा उस पर इसके पूर्व कोई भी मामले दर्ज नहीं है. फिर भी इस घटना में अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया गया तरीका जांच अधिकारियों को भी चौका देने वाला साबित हुआ है. चाचा का काटा निकालने के लिए नराधम कपील ने कुल 6 लोगों की सहायता ली. इसमें से तीन नाबालिग है तथा कपील की प्रेमिका (चाची) को भी पुलिस ने इस प्रकरण में आरोपी बनाया है. इस कारण अत्यंत मनोरंजक यह स्टोरी संपूर्ण जिले में चर्चा का विषय बनी है.
उपसरपंच कपील परिहार यह लगातार जनसंपर्क रखकर गांव के नागरिकों के तहसील, पंचायत समिति अथवा अन्य कार्यालय के कोई भी अटके काम पूर्ण कर देने में माहीर था. कपील हर समय काम करता रहने से गांव के नागरिकों का उस पर विश्वास था. ऐसे मेें कपील 15 फरवरी 2021 में जामठी (गणेशपुर) ग्राम पंचायत चुनाव में अन्य पिछडा वर्ग के लिए आरक्षित रहे प्रभाग से निर्वाचित हुआ. कपील यह राजनीति में सक्रिय हो गया. उसने तहसील के अनेक राजनीतिक नेताओं से संपर्क कर उनके साथ मधुर संबंध स्थापित किये. गांव के लिए विकास निधि लाकर गांव में रुके विकास भी उसके माध्यम से होने लगे. ऐसे में वह उपसरपंच पद पर विराजमान हो गया. उपसरपंच पद पर विराजमान होने के बाद उसकी राजनीतिक इच्छाशक्ति फिर से प्रबल हो गई और उसका रुख वासनांध की तरफ हो गया. गांव की कुछ महिलाओं के साथ उसके दुष्कृत्य शुरु रहते चाचा रामकिशोर परिहार को कपील ने कुएं की शासकीय योजना दिलवा दी और उनके परिवार के साथ विकट संबंध स्थापित किये. कपील के राजनीतिक दबदबे के कारण आकर्षित होते हुए रामकिशोर की पत्नी पुष्पा के गत डेढ वर्ष पूर्व से कपील के साथ प्रेम संबंध स्थापित हुए. कपील लगाकर अपने चाचा रामकिशोर के यहां आने लगा. कभी दिन में तो कभी रात के समय कपील अपने चाचा के घर ही ठहर जाता था. भतीजा रहने के कारण चाचा रामकिशोर के दिमाग में कभी इस नराधम कपील के कृत्य की कल्पना नहीं थी, लेकिन कुछ दिनों से रामकिशोर को यह बात ध्यान में आने के बाद पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगे. अनेक बार दोनों के बीच कपील के हस्तक्षेप के कारण मारपीट भी होने लगी थी. पति-पत्नी के बीच जो कुछ होता था, उसकी जानकारी पुष्पा प्रत्यक्ष मुलाकात कर अथवा मोबाइल से संपर्क कर कपील को देती थी. दूसरी तरफ कपील ने अपनी चाची के साथ ही केवल अनैतिक संबंध स्थापित नहीं किये थे, बल्कि और एक महिला के साथ भी उसके संंबंध स्थापित थे. घटना के कुछ दिन पूर्व पति-पत्नी के बीच कपील के कारण विवाद हुआ था और उस महिला ने भी कपील को यह बात बतायी थ्ज्ञी. पश्चात क्रूर स्वरुप के रहे कपील ने उस प्रतिष्ठित महिला के पति का काटा निकालने का निर्णय लिया और हत्या का नियोजन शुरु किया.
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कैटरिंग का काम करने वाले नाबालिग बहादा ग्राम के एक नाबालिग युवक से उसकी मुलाकात हुई. कपील ने उसके साथ एक-दो काम करने की बात की. साथ ही कहा कि, इस काम के लिए और भी लोग लगेंगे. यह चर्चा होने के बाद संबंधित युवक ने मध्यप्रदेश के प्रभात पट्टनम तहसील के बिसनुर ग्राम के कुछ युवक रहने की जानकारी देते हुए उनके साथ कपील का संपर्क करवा दिया. एक लाख रुपए में संबंधित प्रतिष्ठित महिला के पति की हत्या की सुपारी देना निश्चित हुआ. उसमें से 7 हजार रुपए विनोद उर्फ मामा के फोन पे के माध्यम से भेज दिये गये थे. 50 हजार रुपए बहादा के नाबालिग युवक और 50 हजार रुपए अन्य युवकों को देना तय हुआ. पश्चात घटना के एक दिन पूर्व कपील दुपहिया वाहन से बिसनुर गांव गया और वहां से विनोद उर्फ मामा उईके, दगडू और सक्षम को साथ लेकर आया. बहादा ग्राम के नाबालिग युवक ने दो चाकू भी दिये. जामठी ग्राम आने के बाद गांव के ही विजय केसई को मजदूर रहने का दिखावा कर उसके खेत की झोपडी में आश्रय देने कहा और तीनों को उसके खेत में रुकवा दिया. पश्चात संबंधित व्यक्ति के हत्या का नियोजन शुरु हुआ. लेकिन यह नियोजन जारी रहते पुष्पा का कपील को फोन आ गया और उसने बताया कि, उसके चाचा काफी विवाद कर रहे है और परेशान कर रहे है. पुष्पा ने यह भी कहा है कि, वह अब मायके जा रही है. पश्चात वह समीप के सावंगी गांव मायके चली गई. उस प्रतिष्ठित महिला के पति की हत्या का नियोजन रहते लगातार रोडा बन रहे चाचा काम तमाम करने का निर्णय कपील ने लिया और नियोजन शुरु हुआ. घटना के पूर्व चाचा रामकिशोर अपनी पत्नी पुष्पा को समझाने के लिए सावंगी गांव दुपहिया वाहन से आया रहने की जानकारी पुष्पा ने कपील को दी. तब कपील और उसके तीन साथी हिरो होंडा सिटी डिलक्स क्रमांक एमएच-27/एटी-3473 पर सवार होकर सावंगी गांव गये और रामकिशोर के गांव लौटने का इंतजार करने लगे. घटना वाले दिन यानि 12 अप्रैल की रात 9 बजे के दौरान रामकिशोर परिहार यह सावंगी पुनर्वसन से दुपहिया वाहन पर सवार होकर जामठी आने के लिए रवाना हुए, तब उसका पिता कर रहे चारों को रामकिशोर मिल नहीं पा रहा था. उसके बाद दुपहिया वाहन पर से कपील ने विनोद और दगडू को नीचे उतार दिया. सक्षम और कपील दोनों फिर से रामकिशोर का पीछा करने लगे. विनोद और दगडू के साथ चारों ने रामकिशोर को पत्थर मारकर गाडी पर से नीचे गिराने का प्रयास किया. लेकिन उनका यह प्रयास विफल साबित हुआ. फिर से सक्षम और कपील वाहन से उतर गये और दुपहिया से विनोद और दगडू रामकिशोर का पीछा करने लगे, तब बीच रास्ते पर दुपहिया स्लीप होने से नीचे गिर पडे. दोनों युवकों को चलती दुपहिया से नीचे गिरते देखने के बाद रामकिशोर ने अपनी दुपहिया रोकी और उन्हें सहायता करने के लिए गया. तब आरोपी विनोद उर्फ मामा और मयंक उर्फ दगडू ने उस पर चाकू से वार कर दिये. अपनी जान बचाने के लिए रामकिशोर नाले में कूद पडा. तब मयंक उर्फ दगडू और विनोद उर्फ मामा उईके ने अलग-अलग दो चाकू से उसके शरीर पर अनेक वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया. पश्चात विनोद और दगडू दोनों वापिस लौटने लगे. तब रास्ते से पैदल आ रहे कपील परिहार और सक्षम को वे दुपहिया पर बैठाकर घटनास्थल ले गये. पश्चात कपील को उसके चाचा का शव दिखाया गया. कपील, दगडू और सक्षम ने रामकिशोर का शव उठाकर दादाराव भोयर के खेत के कुए में फेंक दिया. पश्चात मृतक रामकिशोर की मोटर साइकिल उसी के खेत के पास जहां मृतक हमेशा खडी करता था, वहां ले जाकर खडी कर दी और रामकिशोर की मृत्यु बाबत उसकी पत्नी पुष्पा को कपील ने मोबाइल पर जानकारी दी. पश्चात कपील और उसके तीन साथी दुपहिया वाहन पर वरुड पहुंच गये और धनोडी मार्ग के रामदेव बाबा मंगलम के पास स्थित एक लेआउट में पहुंचे. वहां शराब पार्टी कर खाना खाया. पश्चात तीनों युवकों को वहीं सुलाकर कपील रात 11 बजे के दौरान दुपहिया वाहन से जामठी गांव की तरफ रवाना हुआ. दूसरी तरफ रात की सोने की व्यवस्था लेआउट में रहने से विनोद और दगडू और सक्षम तीनों पैदल वरुड मार्ग से तिवसा घाट की तरफ निकले और वहां पहुंचने के बाद एक होटल संचालक को रात को आराम करने देने का अनुरोध किया. लेकिन वहां सोने की व्यवस्था नहीं थी. होटल के पीछे उन्हें सो जाने कहा. तब तीनों युवक वहां जाकर सो गये. सुबह होने पर तीनों मध्यप्रदेश के बिसनुर की तरफ रवाना हो गये.
दूसरी तरफ सुबह के समय जामठी गांव के खेत के कुएं में शव बरामद होने की जानकारी हवा की तरफ फैल गई. पुलिस को बुलाया गया. शेंदूरजनाघाट के थानेदार दीपक महाडिक के नेतृत्व में पुलिस का दल घटनास्थल पहुंचा. जिस परिसर में शव बरामद हुआ, वहीं पर खुन के धब्बे और हत्या होने बाबत अनेक सबूत दिखाई देने से मामला हत्याकांड का रहने की बात स्पष्ट हुई. पंचनामा कर शव कुएं से बाहर निकाला गया, तब मृतक के शरीर पर जगह-जगह चाकू के वार दिखाई दिये. शेंंदूरजनाघाट पुलिस ने कार्रवाई की प्रक्रिया पूर्ण कर घटना की रहस्य खोज निकालने का अभियान शुरु किया. जानकारी के आधार पर उपसरपंच कपील परिहार को कब्जे में लिया और जब उससे कडी पूछताछ शुरु की गई, तब उसने सारी हकीकत बताते हुए हत्या की कबूली दी और इस घटना में शामिल युवकों के नाम भी पुलिस को बताये. दूसरी तरफ पुलिस जांच शुरु रहते घटना के दूसरे दिन इस घटना में समावेश रहने की बात उजागर न होने के लिए मृतक की पत्नी पुष्पा ने अपने घर में जहर गटककर आत्महत्या करने का प्रयास किया. लेकिन उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया. पश्चात उसे अमरावती जिला अस्पताल रेफर किया गया था. हालत में सुधार होते ही डॉक्टरों ने उसे छूट्टी दे दी. पश्चात शेंदूरजनाघाट पुलिस ने उसे कब्जे में ले लिया. इस प्रकरण में मुख्य आरोपी कपील भीमराव परिहार (30), बिसनुर निवासी विनोद उर्फ मामा उईके सहित बिष्णुर ग्राम के दो नाबालिग आरोपी तथा बहादा के 17 वर्षीय नाबालिग युवक सहित इस प्रकरण में महत्व की भूमिका निभाने वाली मृतक रामकिशोर की पत्नी पुष्पा परिहार (38) पर मामले दर्ज कर तीनों नाबालिग आरोपी को बाल न्याय मंडल के आदेश पर निरीक्षण गृह रवाना किया गया है. वहीं कपील, विनोद उर्फ मामा और पुष्पा को न्यायिक हिरासत में अमरावती कारागृह रवाना किया गया है. इस संपूर्ण घटना में शेंदूरजना घाट पुलिस और ग्रामीण अपराध शाखा के अधिकारी व कर्मचारियों ने जिला पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में घटना का पर्दाफाश किया. आरोपी की तलाश और घटना उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शेंदूरजनाघाट के थानेदार दीपक महाडिक, उपनिरीक्षक मंगेश शेगोकार, जमादार विष्णु पवार, जवान सागर लेवरकर का अनेकों ने अभिनंदन किया है.

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