अमरावती

कम बारिश ने बढाई किसानों की परेशानी

3 तहसीलों के 700 हेक्टेअर की बुआई पर संकट

* जिले में केवल 45 प्रतिशत बुआई पूरी
अमरावती/दि.2 – इस वर्ष जून में जोरदार बारिश होगी, हर वर्ष की तुलना में मानसून जल्दी आएंगा, ऐसा अनुमान मौसम तज्ञों ने बारिश शुरु होने से पहले जताया था. लेकिन जिले में अब तक जितनी बारिश हुई, उससे मौसम तज्ञों के अब तक के अनुमान गलत साबित हुए है. इस वर्ष मानसून जिले में देरी से दाखिल हुआ. उसमें भी अब तक समाधारकारक बारिश नहीं हुई है. जिससे जून महिना खत्म होने के बाद भी जिले में केवल 45 प्रतिशत बुआई हो पायी है. बारिश ने दगा देने से जिले में 500 से 700 हेक्टेअर क्षेत्र पर दुबार बुआई का संकट मंडरा रहा है. जिले में तिवसा, धामणगाांव व मोर्शी तहसील में किसानों को दुबार बुआई करनी पड सकती है.
विगत वर्ष जून महिने के अंत तक 61 प्रतिशत बुआई निपटी थी. जून महिने तक 213 मिली मिटर बारिश बरसी थी. लेकिन इस वर्ष केवल 95 मिली मिटर बारिश हुई है वह भी कहीं कम कहीं ज्यादा हुई है. जिससे शुरुआती बारिश बरसने के बाद बुआई कर चुके किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड रहा है. जिले के तिवसा, धामणगांव व मोर्शी के किसानों ने पहली बारिश के बाद कपास व सोयाबीन की बुआई की थी. लेकिन बारिश रुक जाने से किसानों को दुबारा बुआई का सामना करना पड रहा है.
* 5 जुलाई के बाद दमदार बारिश का अनुमान
अरब सागर व बंगाल के उपसागर में कम दबाव का प्रभावी पट्टा तैयार नहीं होने से जिले में जून महिने में दमदार बारिश नहीं हुई. विदर्भ में इन दोनों शाखाओं का प्रभाग मानसून पर रहता है. आगामी 2 से 3 दिनों तक जिले में मध्यम बारिश हो सकती है. 4 जुलाई के बाद अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा. जिससे जिले में 5 जुलाई के बाद दमदार बारिश बरसने का अनुमान है.
* बुआई की जल्दबाजी पडेगी भारी
जब तक समाधानकारक बारिश नहीं होती तब तक बुआई नहीं करने की अपील किसानों से कृषि विभगा द्बारा लगातार की जा रही है. जिसके बाद भी जिले के तीन तहसीलों में किसानों ने बुआई की जल्दबाजी की. जिससे इन किसानों को दुबारा बुआई करनी पड रही है. इसलिए जब तक समाधानकारक बारिश नहीं होती, तब तक बुआई की जल्दबाजी करना खतरे से खाली नहीं है, ऐसा कृषि उपसंचालक अनिल खर्चान ने बताया.

Related Articles

Back to top button