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पहले अपने डिपार्टमेंट को तो सुधारो मैडमजी!

क्लास-2 अधिकारी को सडक पर उतरने की नौबत क्यों?

* रेगुलेटरी अथॉरेटी के खिलाफ कोताही पर कार्रवाई कब?
* ठेकेदारों को हडकाने की बजाय अधिनस्थों की परेड क्यों नहीं?
अमरावती/दि.19 – हाल ही में अमरावती महानगरपालिका में उपायुक्त (प्रशासन) पर नियुक्त हुई माधुरी मडावी ने अमरावती आते ही अपने तेज तर्रार तेवर दिखाने शुरु कर दिये. जिसके तहत वे एक के बाद एक सफाई ठेकेदारों एवं कचरा संकलन ठेकेदार के साथ बैठकें कर रही है. जिन्हें साफ-सफाई को लेकर हिदायत देने के नाम पर लगभग हडकाया जा रहा है. साथ ही साथ खुद उपायुक्त माधुरी मडावी साफ-सफाई का जायजा लेने हेतु शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा करते हुए सडकों एवं नालियों का मुआयना कर रही है. हद तक तब हो गई, जब गत रोज अंबानाले से गाद निकालते हुए सफाई का काम जारी रहते समय उपायुक्त माधुरी मडावी खुद नाले में उतर गई और वहां खडे रहकर दिशा-निर्देश जारी करते हुए अपनी आंखों के सामने नाले की सफाई का काम करवाया. यद्यपि ऐसा करने से आम जनता की नजरों में माधुरी मडावी प्रशंसा की पात्र हो गई हो, लेकिन खुद माधुरी मडावी ने एक तरह से अमरावती मनपा प्रशासन को सवालों व आरोपों के कटघरे में खडा कर दिया. ऐसे में अब उपायुक्त माधुरी मडावी से यह पूछे जाने की जरुरत है कि, आखिर वे खुद अपने डिपार्टमेंट को सुधारने का काम कब से शुरु करने वाली है और शहर की साफ-सफाई को लेकर काम में कोताही व जिम्मेदारियों की अनेदखी करने वाले मनपा अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कब से शुरु करने वाली है.
बता दें कि, किसी भी स्थानीय स्वायत्त निकायों में काम करने हेतु एक व्यवस्था तय होती है. जिसके अनुरुप ही तमाम तरह के कार्य करते हुए आम नागरिकों हेतु मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. इसके तहत अमरावती मनपा प्रशासन ने शहर में साफ-सफाई रखने हेतु ठेकेदारों की नियुक्ति कर रखी है और शहर के तमाम रिहायशी इलाकों से निकलने वाले कचरे को संकलित कर उसे कपोस्ट डिपो तक पहुंचाने का भी ठेका दिया गया है. इन सभी ठेकेदारों द्वारा सही तरीके से काम किया जा रहा है अथवा नहीं, इस पर ध्यान रखने का जिम्मा रेगुलेटरी अथॉरिटी के तौर पर मनपा के स्वच्छता विभाग के अधिकारियों एवं स्वास्थ्य निरीक्षकों पर होती है. जिनके द्वारा ठेकेदारों के कामों की नियमित देखरेख करते हुए इसकी रिपोर्ट मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाती है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि, यदि शहर में साफ-सफाई नहीं हो रही और गंदगी व्याप्त है. साथ ही जगह-जगह पर कचरे के ढेर लगे हुए है, तो जाहीर तौर पर सफाई ठेकेदारों द्वारा सही तरीके से काम नहीं किया जा रहा. लेकिन इसका एक मतलब यह भी है कि, सफाई ठेकेदारों के कामकाज पर नजर रखने वाले मनपा के अधिकारियों द्वारा भी अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया जा रहा तथा कामकाज में कोताही करने के साथ ही शहर में व्याप्त गंदगी व कचरे के ढेर की अनदेखी की जा रही है. ऐसे में मनपा उपायुक्त माधुरी मडावी को चाहिए कि, वे खुद अपने डिपार्टमेंट को सुधारे तथा अपने अधिनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों की सबसे पहले क्लास लें. साथ ही साथ कर्तव्य में कोताही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ निलंबन जैसी कार्रवाई भी करें, ताकि इससे मनपा के अधिकारियों सहित सफाई व कचरा संकलन ठेकेदारों में कडा संदेश जाये और मनपा में साफ-सफाई के काम का तरीका सुधर जाये.
यहां यह कहा जाना भी लाजमी है कि, प्रत्येक प्रशासनीक पद के साथ कुछ जिम्मेदारी व मर्यादाएं भी जुडी होती है, यह ठीक है कि, माधुरी मडावी पर मनपा उपायुक्त के रुप में शहर की साफ सफाई की जिम्मेदारी है. लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं कि, वे खुद हाथ में झाडू लेकर शहर की सडकों को साफ-सुथरा व चकाचक करने निकल जाये, बल्कि इस काम के लिए उन्हें अधिनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों की एक यंत्रणा उपलब्ध कराई गई है. जिसके जरिए उपायुक्त के तौर पर माधुरी मडावी को काम करवाना है. लेकिन ऐसा करने की बजाय माधुरी मडावी अपनी ‘डेयर डैशिंग’ तथा ‘लेडी सिंघम’ की छवि बनाने हेतु खुद ही शहर की साफ-सफाई करने हेतु सडकों पर और नाले में उतर रही है. साथ ही साथ सफाई एवं कचरा संकलन ठेकेदारों को पब्लिकली हडकाने के साथ ही उन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर आडे हाथ ले रही है. जबकि इतना सब करने की बजाय उपायुक्त माधुरी मडावी को केवल अपने डिपार्टमेंट को ही दुरुस्त करना है. इसके बाद शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था अपने आप ही दुरुस्त हो जाएगी. अत: उम्मीद की जा सकती है कि, मनपा उपायुक्त माधुरी मडावी द्वारा इसकी ओर भी ध्यान दिया जाएगा.

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